Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

श्री गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान।

श्री गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान॥ओम नमः शिवाय,
ओम नमः शिवाय,
ओम नमः शिवायजय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥frame width=”550″ height=”350″ src=”https://www.youtube.com/embed/-mUoM-sSzkc” frameborder=”0″ allowfullscreen> अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन छार लगाये॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देख नाग मुनि मोहे॥मैना मातु की ह्वै दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥नन्दि गणेश सोहैत हैं कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महं मारि गिरायउ॥आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।
जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥जय जय जय अनंत अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट से मोहि आन उबारो॥मातु पिता भ्राता सब कोई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु अब संकट भारी॥धन निर्धन को देत सदाहीं।
जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
स्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
नारद शारद शीश नवावैं॥नमो नमो जय नमो शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पार होत है शम्भु सहाई॥ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥पुत्र हीन कर इच्छा कोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा।
तन नहीं ताके रहे कलेशा॥धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥जनम जनम के पाप नसावे।
अंतवास शिवपुर में पावैं॥कहे अयोध्या आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा।तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश॥मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान।स्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन्ह कल्याण॥



Shiv Chalisa By Gulshan Kumar And Somnath Amritwani

shri ganesh girija suvan,
mangal mool sujaan.
kahat ayodhayaadaas tum,
dehu abhay varadaan..om namah shivaay,
om namah shivaay,
om namah shivaayajay girija pati deen dayaalaa.
sada karat santan pratipaalaa.. bhaal chandrama sohat neeke.
kaanan kundal naagphani ke..farame widatah=550 heigahat=350 sarac=hatatapas://wawaw.youtube.com/emabed/-muom-saszakac farameborader=0 alalowafulalasacareen> ang gaur shir gang bahaaye.
mundamaal tan chhaar lagaaye..vastr khaal baaghambar sohe.
chhavi ko dekh naag muni mohe..maina maatu ki havai dulaari.
baam ang sohat chhavi nyaari..
kar trishool sohat chhavi bhaari.
karat sada shatrun kshyakaari..nandi ganesh sohait hain kaise.
saagar mdhay kamal hain jaise..kaartik shyaam aur ganaraaoo.
ya chhavi ko kahi jaat n kaaoo..devan jabaheen jaay pukaaraa.
tab hi dukh prbhu aap nivaaraa..
kiya upadrav taarak bhaari.
devan sab mili tumahin juhaari..turat shadaanan aap pthaayu.
lavanimesh mahan maari giraayu..aap jalandhar asur sanhaaraa.
suysh tumhaar vidit sansaaraa..tripuraasur san yuddh mchaai.
sabahin kripa kar leen bchaai..
kiya tapahin bhaageerth bhaari.
purab pratigya tasu puraari..daanin mahan tum sam kou naaheen.
sevak stuti karat sadaaheen..ved naam mahima tav gaai.
akth anaadi bhed nahin paai..pragat uddhi manthan me jvaalaa.
jare suraasur bhaye vihaalaa..
keenh daya tahan kari sahaai.
neelakanth tab naam kahaai..poojan ramchandr jab keenhaa.
jeet ke lank vibheeshan deenhaa..sahas kamal me ho rahe dhaari.
keenh pareeksha tabahin puraari..ek kamal prbhu raakheu joi.
kamal nayan poojan chahan soi..
kthin bhakti dekhi prbhu shankar.
bhaye prasann die ichchhit var..jay jay jay anant avinaashi.
karat kripa sab ke ghatavaasi..dusht sakal nit mohi sataavai.
bhramat rahe mohi chain n aavai..traahi traahi mainnaath pukaaro.
yahi avasar mohi aan ubaaro..
lai trishool shatrun ko maaro.
sankat se mohi aan ubaaro..maatu pita bhraata sab koi.
sankat me poochhat nahin koi..svaami ek hai aas tumhaari.
aay harahu ab sankat bhaari..dhan nirdhan ko det sadaaheen.
jo koi jaanche vo phal paaheen..
stuti kehi vidhi karaun tumhaari.
kshmahu naath ab chook hamaari..shankar ho sankat ke naashan.
mangal kaaran vighn vinaashan..yogi yati muni dhayaan lagaavain.
naarad shaarad sheesh navaavain..namo namo jay namo shivaay.
sur brahamaadik paar n paay..
jo yah paath kare man laai.
ta paar hot hai shambhu sahaai..reniya jo koi ho adhikaari.
paath kare so paavan haari..putr heen kar ichchha koi.
nishchay shiv prasaad tehi hoi..pandit tryodshi ko laave.
dhayaan poorvak hom karaave..
tryodshi brat kare hameshaa.
tan nahi taake rahe kaleshaa..dhoop deep naivedy chaave.
shankar sammukh paath sunaave..janam janam ke paap nasaave.
antavaas shivapur me paavain..kahe ayodhaya aas tumhaari.
jaani sakal duhkh harahu hamaari..
nitt nem kar praatah hi,
paath karaun chaaleesaa.tum meri manokaamana,
poorn karo jagadeesh..magasar chhthi hemant retu,
sanvat chausth jaan.stuti chaaleesa shivahi,
poorn keenh kalyaan..







Bhajan Lyrics View All

मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे

New Bhajan Lyrics View All

भोले ओ भोले,
क्या खता है‚ ये बता दे‚
बीत गई जिंदगानी भजन बिना,
हरि के भजन बिना राम भजन बिना,
सीता सीता राम जपूं मैं तेरी गालियों
राधे राधे श्याम जपूं मैं तेरी गालियों
लहर लहर लहराए रे, मेरे आँगन कि तुलसी
लहर लहर लहराए रे, मेरे आँगन कि तुलसी
सुन सुन सुन मेरे साथी,
ह्रदय की प्रीत प्रभु को रिझाती,