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दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,
याद आती है कलेजे में मेरे भगवान की,

दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,
याद आती है कलेजे में मेरे भगवान की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...


प्रेम हो तो ऐसा हो जैसा किया मीराबाई ने,
बनके जोगन चल पड़ी ले माला हरि के नाम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...

भक्ति हो तो ऐसी हो जैसी करी हनुमान ने,
फाड़कर छाती दिखा दी मूर्ति सिया राम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...

फोड़ कर आंखें यू बोले बिलवा मंगल सूरदास,
जिनमें छवि हरि कि नहीं वह आंख हैं किस काम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...

तुझको तुझसे मांगती हूं देना हो तो दे मुझे,
दुनिया की धन और यह दौलत है मेरे किस काम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...

दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,
याद आती है कलेजे में मेरे भगवान की,
दिल ने दिल भरके ना देखी...




dil ne dil bharake na dekhi moorti siya ram ki,
yaad aati hai kaleje me mere bhagavaan ki,

dil ne dil bharake na dekhi moorti siya ram ki,
yaad aati hai kaleje me mere bhagavaan ki,
dil ne dil bharake na dekhi...


prem ho to aisa ho jaisa kiya meeraabaai ne,
banake jogan chal padi le maala hari ke naam ki,
dil ne dil bharake na dekhi...

bhakti ho to aisi ho jaisi kari hanuman ne,
phaadakar chhaati dikha di moorti siya ram ki,
dil ne dil bharake na dekhi...

phod kar aankhen yoo bole bilava mangal sooradaas,
jiname chhavi hari ki nahi vah aankh hain kis kaam ki,
dil ne dil bharake na dekhi...

tujhako tujhase maangati hoon dena ho to de mujhe,
duniya ki dhan aur yah daulat hai mere kis kaam ki,
dil ne dil bharake na dekhi...

dil ne dil bharake na dekhi moorti siya ram ki,
yaad aati hai kaleje me mere bhagavaan ki,
dil ne dil bharake na dekhi...




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