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लूट रहा भंडार है,
मैया जी का द्वार है,

लूट रहा भंडार है,
मैया जी का द्वार है,
मौका बड़ा ही सुहाना,
जिन्हें चाहिए वो हाजरी लगाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...


मिलेगा ना इस जग में,
दरबार ऐसा,
दर से लौट जाए वो,
भक्त है कैसा,
दर पे जो भी आता है,
हर मुरादे पाता है,
मैया से क्या शरमाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...

मांगना ना बन्दे,
कभी भी किसी से,
लेगा वो सूद,
समेत तुझी से,
हाथ गर फैलाना है,
मौका सुहाना है,
पड़ता ना मूल भी चुकाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...

मांग ले तू जितना भी,
भूख ना मिट पाएगी,
‘सुनील’ तेरी चाहत,
बढती ही जाएगी,
माँगना जो अच्छा है,
दर ये माँ का सच्चा है,
माँ को ही दुखड़े सुनाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...

लूट रहा भंडार है,
मैया जी का द्वार है,
मौका बड़ा ही सुहाना,
जिन्हें चाहिए वो हाजरी लगाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...

लूट रहा भंडार है,
मैया जी का द्वार है,
मौका बड़ा ही सुहाना,
जिन्हें चाहिए वो हाजरी लगाना,
जिन्हे चाहिए वो हाजरी लगाना...




loot raha bhandaar hai,
maiya ji ka dvaar hai,

loot raha bhandaar hai,
maiya ji ka dvaar hai,
mauka bada hi suhaana,
jinhen chaahie vo haajari lagaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...


milega na is jag me,
darabaar aisa,
dar se laut jaae vo,
bhakt hai kaisa,
dar pe jo bhi aata hai,
har muraade paata hai,
maiya se kya sharamaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...

maangana na bande,
kbhi bhi kisi se,
lega vo sood,
samet tujhi se,
haath gar phailaana hai,
mauka suhaana hai,
padata na mool bhi chukaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...

maang le too jitana bhi,
bhookh na mit paaegi,
suneel teri chaahat,
bdhati hi jaaegi,
maagana jo achchha hai,
dar ye ma ka sachcha hai,
ma ko hi dukhade sunaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...

loot raha bhandaar hai,
maiya ji ka dvaar hai,
mauka bada hi suhaana,
jinhen chaahie vo haajari lagaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...

loot raha bhandaar hai,
maiya ji ka dvaar hai,
mauka bada hi suhaana,
jinhen chaahie vo haajari lagaana,
jinhe chaahie vo haajari lagaanaa...








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