Lyrics - Khatu Shyam Bhajans





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सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे

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भोले की नगरी में मेरा दिल दीवाना हो
चुन चुन के फूल ले आई बगिया से तोड़ के,
मैं माला इनकी बनाऊँ फूलों को जोड़ के...
आया हूं तेरे द्वार दाता तेरी शरण में,
भक्त करें जय जयकार दाता तेरे मंदिर
कोई देवता नही है भोलेनाथ की तरह,
लुटा ते है खजाने बड़े साब की तरह...
रूठी मेरी माँ मैं कैसे मनावाँ,
दर्द ये कैसे मैं छुपावां,