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जो सूरज को पूजे उसका हो वेडा पार,
श्रिष्टि का वो सर्जन हार सब का है वो पालनहार,

जो सूरज को पूजे उसका हो वेडा पार,
श्रिष्टि का वो सर्जन हार सब का है वो पालनहार,
करता है वो ही संहार नमन करे उसको संसार

भोर भये जो अरग उसे दे लेकर दवादश नाम,
मन वंचित फल पाये उसके सबरे सब ही काम,
सूर्य की महिमा है अप्रम पार,
श्रिष्टि का वो सर्जन हार सब का है वो पालनहार,
करता है वो ही संहार नमन करे उसको संसार
जो सूरज को पूजे ....

सब जीवो में प्राण है वो ही,
सूर्य का रूप है ज्ञान,
नेत्र जगत के है सूर्य ही देता प्रकाश का दान,
सूर्य मिटाये हर अधिकार,
श्रिष्टि का वो सर्जन हार सब का है वो पालनहार,
करता है वो ही संहार नमन करे उसको संसार
जो सूरज को पूजे ....



jo suraj ko puje uska ho veda paar shrishti ka vo sajan haar sab ka hia vo palnhaar

jo sooraj ko pooje usaka ho veda paar,
shrishti ka vo sarjan haar sab ka hai vo paalanahaar,
karata hai vo hi sanhaar naman kare usako sansaar


bhor bhaye jo arag use de lekar davaadsh naam,
man vanchit phal paaye usake sabare sab hi kaam,
soory ki mahima hai apram paar,
shrishti ka vo sarjan haar sab ka hai vo paalanahaar,
karata hai vo hi sanhaar naman kare usako sansaar
jo sooraj ko pooje ...

sab jeevo me praan hai vo hi,
soory ka roop hai gyaan,
netr jagat ke hai soory hi deta prakaash ka daan,
soory mitaaye har adhikaar,
shrishti ka vo sarjan haar sab ka hai vo paalanahaar,
karata hai vo hi sanhaar naman kare usako sansaar
jo sooraj ko pooje ...

jo sooraj ko pooje usaka ho veda paar,
shrishti ka vo sarjan haar sab ka hai vo paalanahaar,
karata hai vo hi sanhaar naman kare usako sansaar




jo suraj ko puje uska ho veda paar shrishti ka vo sajan haar sab ka hia vo palnhaar Lyrics





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