Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

संत का सत्कार होना चाहिए,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ ।।

संत का सत्कार होना चाहिए,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ ।।

संत को पुजो ना पुजो पंथको,
सत्य का आधार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।

संत वो ही जो संत निर्गर्ंथी है,
शांत मन निर्भार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।

नही नफरत को यहाँ स्थान है,
प्रेममय संसार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।

है सभी अपने यहाँ न कोई गैर है,
विश्व ही परिवार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।

ज्योती चंदन जले पावन प्रेम की,
खुला दिल दरबार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।



sant ka satkar hona chahiye dev sa vyavhaar hona chahiye

sant ka satkaar hona chaahie,
dev sa vyavahaar hona chaahiai


sant ko pujo na pujo panthako,
saty ka aadhaar hona chaahiai,
dev sa vyavahaar hona chaahiai,
sant ka satkaar hona chaahie

sant vo hi jo sant nirgarnthi hai,
shaant man nirbhaar hona chaahiai,
dev sa vyavahaar hona chaahiai,
sant ka satkaar hona chaahie

nahi npharat ko yahaan sthaan hai,
premamay sansaar hona chaahiai,
dev sa vyavahaar hona chaahiai,
sant ka satkaar hona chaahie

hai sbhi apane yahaan n koi gair hai,
vishv hi parivaar hona chaahiai,
dev sa vyavahaar hona chaahiai,
sant ka satkaar hona chaahie

jyoti chandan jale paavan prem ki,
khula dil darabaar hona chaahiai,
dev sa vyavahaar hona chaahiai ,
sant ka satkaar hona chaahie

sant ka satkaar hona chaahie,
dev sa vyavahaar hona chaahiai




sant ka satkar hona chahiye dev sa vyavhaar hona chahiye Lyrics





Bhajan Lyrics View All

साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,

New Bhajan Lyrics View All

नाम जपले हरि दा प्यारे, जग मेला चार दीन
खड़ा सिर उत्ते काल पुकारे, जग मेला चार
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया...
बता दो ए मेरे मोहन, तेरा दीदार कैसे हो,
बड़ी मुश्किल में हूँ मोहन तेरा दीदार
मेरा अब क्या होगा भोलेनाथ बीच बुढ़ापे
बीच बुढ़ापे में, बीच बुढ़ापे में,
जय माता दी जय माता दी,
लहर लहर लहराई रे मेरी माँ की चुनरिया,