Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया

श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया,
देखा नही खाटू धाम बाबा का है बड़ा नाम मोहे ले चल रे
श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया

कितनी बार कहा है तुम से कितना तुम को मनाया,
इतना भी क्या काम जरुरी तुझको समज न आया,
अब की ग्यारस की जाओ गी बलमा करना न इनकार वरना होगी तकरार,
मोहे ले चल रे ले चल रे
श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया

सारा गाव जब हो कर आया महिमा श्याम की गावे,
सुन कर महिमा श्याम धनि की मेरा मन हर्शावे,
कोई भी जुगाड़ तू करले रे सजनवा
वरना करूगु वो हाल कभी करे गा न ठाल,
मोहे ले चल रे ले चल रे
श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया

लख्दातर के दर्शन पा कर हो जाउगी निहाल रे
जब तक दर्शन न होंगे पूनम रहेगा मेरा बुरा हाल रे,
श्याम नामगावे राजू मेरा भी मनवा
पैदल चलू तेरे साथ लेकर हाथो में हाथ
मोहे ले चल रे ले चल रे
श्याम के रंग में रंगी मैं साँवरिया



shyam ke rang me rangi main sanwariyan

shyaam ke rang me rangi mainsaanvariya,
dekha nahi khatu dhaam baaba ka hai bada naam mohe le chal re
shyaam ke rang me rangi mainsaanvariyaa


kitani baar kaha hai tum se kitana tum ko manaaya,
itana bhi kya kaam jaruri tujhako samaj n aaya,
ab ki gyaaras ki jaao gi balama karana n inakaar varana hogi takaraar,
mohe le chal re le chal re
shyaam ke rang me rangi mainsaanvariyaa

saara gaav jab ho kar aaya mahima shyaam ki gaave,
sun kar mahima shyaam dhani ki mera man harshaave,
koi bhi jugaad too karale re sajanavaa
varana karoogu vo haal kbhi kare ga n thaal,
mohe le chal re le chal re
shyaam ke rang me rangi mainsaanvariyaa

lakhdaatar ke darshan pa kar ho jaaugi nihaal re
jab tak darshan n honge poonam rahega mera bura haal re,
shyaam naamagaave raajoo mera bhi manavaa
paidal chaloo tere saath lekar haatho me haath
mohe le chal re le chal re
shyaam ke rang me rangi mainsaanvariyaa

shyaam ke rang me rangi mainsaanvariya,
dekha nahi khatu dhaam baaba ka hai bada naam mohe le chal re
shyaam ke rang me rangi mainsaanvariyaa




shyam ke rang me rangi main sanwariyan Lyrics





Bhajan Lyrics View All

मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे

New Bhajan Lyrics View All

तू जप ले राधा राधा,
वृन्दावन के कण कण में,
शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥
मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,
क्यू करते चिंता इतनी, चिंता ख़तम ना
मन का पंछी उड़ेगा जिस दिन, चिंता होगी
तू श्याम का सुमिरन कर, सब दुख कट जायेगा,
यही श्याम नाम तुझको, भव पार लगायेगा...