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शीश का दानी




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मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥

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चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ,
कब आएंगे कब आएंगे,
जय सियाराम सियाराम सियाराम...
हमें तो जो भी दिया,
मेरी मैया ने दिया,
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो,
चरण हो राघव के जहा मेरा ठिकाना हो...
लहर लहर लहराए रे मेरे अंगना में तुलसा...