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जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं
घर श्याम का हो जिसमे उस मन को  ढूंढते हैं,

जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं
घर श्याम का हो जिसमे उस मन को  ढूंढते हैं,

जो भी तू जाये प्रीतम की याद में बिरहा में,
जीवन भी ऐसे देके जीवन को ढूंढते हैं,
जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं

सुख शांति में सूरत में मति में तथा प्रतीतक में,
परणो की प्राण गति में मोहन को ढूंढते हैं,
जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं

भंधता है जिस में आकर बह ब्रहम मोक बंधन,
उस प्रेम के अनोखे बंधन को ढूंढ़ते है,
जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं

अहो की जो घटा हो दामनी हो दर्द दिल की,
रस बिंदु बरसे जिस से उस धन को ढूंढते हैं,
जो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते हैं



jo shyam par fida ho us tan ko dundte hai ghar shyam ka ho jis me us man ko dundte hai

jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain
ghar shyaam ka ho jisame us man ko  dhoondhate hain


jo bhi too jaaye preetam ki yaad me biraha me,
jeevan bhi aise deke jeevan ko dhoondhate hain,
jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain

sukh shaanti me soorat me mati me ttha prateetak me,
parano ki praan gati me mohan ko dhoondhate hain,
jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain

bhandhata hai jis me aakar bah braham mok bandhan,
us prem ke anokhe bandhan ko dhoondahate hai,
jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain

aho ki jo ghata ho daamani ho dard dil ki,
ras bindu barase jis se us dhan ko dhoondhate hain,
jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain

jo shyaam par phida ho, us tan ko dhoondhate hain
ghar shyaam ka ho jisame us man ko  dhoondhate hain




jo shyam par fida ho us tan ko dundte hai ghar shyam ka ho jis me us man ko dundte hai Lyrics





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