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महाँकाल शिव जी की बारात

ऐ शिव जी बिहाने चले पालकी सजाई के,भभूति रमाई के हो राम
संग संग बाराती चले ढोलवा बजाई के,घोड़वा दौड़ाई के हो राम
ऐ शिव जी बिहाने.....

हिमगिरि ने गौरा के ब्याह की लगन पत्रिका लिखवाई,
नारद जी के हाँथ वो चिट्ठी ब्रह्मा जी तक पहुचाई,
ब्रह्मा जी ने लगन पत्रिका सबको बाँच सुनाई थी,
शंकर की बारात चलेंगे सबने खुशी मनाई थी,
देवता करें तैयारी,अपनी अपनी असवारी,
लेके कैलाश चले,शंख बजाए के,खुशियां मनाए के हो राम.....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

विष्णु और लक्ष्मी जी दोंनो गरुड़ के ऊपर चढ़ आए,
दाढ़ी वाले बूढ़े ब्रह्मा हंस सवारी ले आए,
बड़ी शान से इंदर आए ऐरावत लेके हाँथी,
भैंसे पर यमराज विराजे और यमदूत सभी साथी,
मस्ती में हरि गुण गाते,नारद जी खुशी मनाते,
शंकर के बने बराती,वीणा बजाई के,तारों को सजाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

शंकर के गण हुए इक्कट्ठे बाबा को परणाम किया,
हार श्रृंगार बनाने वाला तब सारा सामान लिया,
राख मँगाकर शमशानों से उसकी लेप बनाई थी,
जय बम भोले कहके उनके तन पे भभूत चढाई थी,
बूढ़े में कुंडल वाला,बैठा था फणीयर काला,
मस्ती में झूम रहा, फणवा घुमाई के, जिह्वा हिलाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

मस्तक पे थे त्रैलोचन और दूध का चंद्र विराज रहा,
डम डम डमरू बाजे और त्रिशूल हाँथ में साज रहा,
हे, भोले बाबा को पहनाई नर मुंडो की इक माला,
बाग़म्बर की खाल ओढाई और कंधे पर मृगछाला,
गंगा की धारा बहती, कलकल कल करके कहती,
बुरी नजर से इन्हें, रखना बचाई के,मुखड़ा छुपाई के हो राम.....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

नंदी गण से कह बाबा ने अपने सब गण बुलवाए,
शंकर की बारात चढ़ेंगे खुशी मनाके सब आए,
यक्षों और पिशाचों के संग भूत परेतों के टोले,
नाचे कूदे शोर मचावे जय भोले बम बम भोले,
कोई पतला कोई मोटा,कोई लंबा कोई छोटा,
काले और नीले पीले, टोलियां बनाई के ,सजके सजाई के हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

किसी की आँखे तीन तीन और किसी के माथे एक लगी,
एक टांग पे चले कोई और किसी के टांग अनेक लगी,
मुँह किसी का लगा पेट में और किसी का छाती में,
कोई ऊँचा आसमान सा कोई रेंगता धरती में,
लंबा चौड़ा मुँह खोले,बोली भयंकर बोले,
धरती गगन भर डाला बभूति उड़ाई के धूम मचाई के हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

गरुड़ के ऊपर विष्णु निकले ब्रह्मा हंस को साथ चले,
ऐरावत पर इंदर बैठे भैंसे पर यमराज चले,
बाकी देवता भी ले चल रहें अपनी अपनी असवारी,
भोले शंकर ने देखा हो गई बारात की तैयारी,
नंदी पर आप विराजे,डमरू त्रिशूल को साजे,
खुशियों में नंदी नाचे,सिंगवा हिलाइके, पूँछवा घुमाइके हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

आगे आगे शंकर बाबा पीछे भूत परेत चले,
ब्रह्मा विष्णु धर्मराज और इंदर गरुड़ समेत चले,
ढोल नगाड़े शंख बजे और बाज रही थी शहनाई,
चलते चलते शंकर की बारात नगर के पास आई,
सुंदर स्थान निहारा,शिवजी ने किया इशारा,
देवता नाचन लागे, झंडे उठाइके, बाजे बजाइके हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

हिमगिर ने जब शोर सुना पंचायत आपनी बुलवाई,
मिलजुल कर सब करे स्वागत गौरा की बारात आई,
चले उधर पंचायत वाले स्वागत गीत सुनाते थे,
उनसे भी आगे कुछ बच्चे भागे दौड़े जाते थे,
दूल्हे के देखे नैना, भूतों प्रेतों की सेना,
बालक तो घर को भागे, होश भुलाइके, सांस फुलाईके हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

मात पिता सों बालक बोले ये कैसी बारात आई,
लगता है के नर्क छोड़ यमदूतों की जामात आई,
जो इस ब्याह को देखेगा वो बड़ा भाग्यशाली होगा,
पर हम कहते हैं कि सारा नगर आज खाली होगा,
माता पिता समझावे,बच्चों को पास बुलावें,
डर को छोड़ो तुम खेलो खुशियाँ मनाई के,राघवेंद्र गाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

हिमगिर ने सबके स्वागत में अपने नैन बिछाए थे,
कर विनती सम्मान सभी को जनवासे में लाए थे,
इंद्रपुरी से जनवासा था जहाँ उन्हें ठहराया था,
दास दासियों ने आकर सबको जलपान कराया था,
ब्रह्मा और इंदर आए, देखके सब हरषाए,
विष्णु को माथा टेके शीश झुकाई के,हरि गुण गाइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

इतने में गौरा की सखियाँ सोने की थाली लाई,
महादेव शंकर दूल्हे की आरती करने को आई,
उन सबने नारद से पूछा दूल्हा कौन है बतलाओ,
बैठा है जिस जगह वही पे हम सबको भी पहुँचाओ,
नारद की निकले हाँसी, बोले तब खाँस के खाँसी,
संग गणों को भेजा रास्ता दिखाइके,जरा मुस्कुराइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

सखियों ने देखा बारात ये नही परेतों की टोली,
भांत भाँत के रूप बनावे तरह तरह बोले बोली,
कोई तो पीवे सूखा गाँजा कई घोटते भाँग रहे,
छीना झपटी करते हैं कई इक दूजे से माँग रहे,
मस्ती में झूम रहे हैं,नशे में घूम रहे हैं,
भाँग को लागे रगड़ा सोटवा घुमाइके,घोटवा लगाइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

सखियों ने दूल्हे को देखा लंबी दाढ़ी वाला है,
हाँथ में जिसके खप्पर डमरू गले सांप की माला है,
जटाजूट बांधे और तन पे जिसने राख चढ़ाई है,
बाग़म्बर की खाल ओढ़ने ते मृगछाल बिछाई है,
सखियाँ जब करे इशारे,नंदी जी खड़े निहारे,
सखियों के पीछे पड़ गए पूछनी घुमाइके,सिंगवा हिलाइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

जनवासे से बाहर निकली सब सखियाँ घबराई थी,
गौरा तेरी किस्मत फूटी उसे बताने आई थी,
पार्वती से आकर बोली तेरा दूल्हा देख लिया,
तेरे पिता ने बस यूं समझो तुझे नर्क में भेज दिया,
है वो शमशान का वासी, है कोई जोगी सन्यासी,
मस्ती में डूबा रहे भाँग चढ़ाई के, धतूरा चबाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

पार्वती ने उत्तर ऐसे दिया सभी की बोली का,
मेरा और शंकर का रिश्ता है दामन और चोली का,
जनम जनम की लगन यही है माँ अपनी से कह दूंगी,
व्याह होगा तो शंकर से अन्यथा कंवारी रह लुंगी,
गौरा की सुनकर वाणी,खुश हो गई सखी सयानी,
चलने लगी दोनो की जय जय बुलाई के,गीत गुनगुनाइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

उधर गणों ने मिलकर के शिव बाबा को तैयार किया,
इधर गौरी की साखियों ने था गौरा का श्रृंगार किया,
महलों के प्रांगण में वेदी सुंदर एक बनाई थी,
मंडप जब तैयार हुआ तो फिर बारात बुलवाई थी,
देवता बाजे बजावे,शंकर डमरू खड़कावे,
भूतों की सेना चली, नाच दिखाई के, धूम मचाई के हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

गलियों और बारातों में थी सचमुच भीड़ लगी भारी,
अपने अपने घर के आगे खड़ी हो हो देखे नारी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र आदि को देख सभी हरषाई थी,
पर शंकर को देख नारियाँ घर की भीतर भागी थी,
धक धक दिल धड़कन लागे,अंग सब फड़कन लागे,
नन्हे नन्हे बच्चों को,गोद मे उठाइके,गले से लगाइके हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

गौरा की माँ ने हिमगिर को अपने पास बुलाया था,
साखियों ने जो हाल कहा था सब उनको समझाया था,
बोली मैं अपनी बेटी को तबाह नही होने दूंगी,
कुँए में गिरके मार जाउंगी ब्याह नही होने दूंगी,
इतने में हरि गुण गाते,नारद जी वीण बजाते,
पिछले जनम की कथा, बोले समझाई के,सबको सुनाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

मण्डप में जब पहुँचे शंकर आसन देके बिठलाया,
पहले उनकी पूजा करी फिर पार्वती को बुलवाया,
बड़े प्रेम से हिमगिर ने गिरजा का कन्यादान किया,
शंकर सहित बराती जितने सबका ही सम्मान किया,
शंकर और पार्वती की, सुंदर सी जोड़ी देखी,
देवता खुश हुए, फूल बरसाइके, जय जय बुलाई के हो राम....
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

गले लगाकर बेटी को हिमगिर मैना ने विदा किया,
पार्वती को शंकर ने नंदी की पीठ पर बिठा लिया,
सोमनाथ की इस गाथा को सुने वा इसका गान करें,
संकट सारे मिट जाए शिव जी उनका कल्याण करें,
लेकर के पार्वती को, शंकर कैलाशपति को,
नंदी मस्ती में भागे, सिंगवा हिलाइके, पूँछवा घुमाइके हो राम...
ए भैया शिव जी बिहाने चले....

*नक्शा सोटे वाले का और डिज़ाइन डमरू वाले की*



mahakal shiv ji ki barat

ai shiv ji bihaane chale paalaki sajaai ke,bhbhooti ramaai ke ho ram
sang sang baaraati chale dholava bajaai ke,ghodava daudaai ke ho ram
ai shiv ji bihaane...


himagiri ne gaura ke byaah ki lagan patrika likhavaai,
naarad ji ke haanth vo chitthi brahama ji tak pahuchaai,
brahama ji ne lagan patrika sabako baanch sunaai thi,
shankar ki baaraat chalenge sabane khushi manaai thi,
devata karen taiyaari,apani apani asavaari,
leke kailaash chale,shankh bajaae ke,khushiyaan manaae ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

vishnu aur lakshmi ji donno garud ke oopar chadah aae,
daadahi vaale boodahe brahama hans savaari le aae,
badi shaan se indar aae airaavat leke haanthi,
bhainse par yamaraaj viraaje aur yamadoot sbhi saathi,
masti me hari gun gaate,naarad ji khushi manaate,
shankar ke bane baraati,veena bajaai ke,taaron ko sajaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

shankar ke gan hue ikkatthe baaba ko paranaam kiya,
haar shrrangaar banaane vaala tab saara saamaan liya,
raakh mangaakar shamshaanon se usaki lep banaai thi,
jay bam bhole kahake unake tan pe bhbhoot chdhaai thi,
boodahe me kundal vaala,baitha tha phaneeyar kaala,
masti me jhoom raha, phanava ghumaai ke, jihava hilaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

mastak pe the trailochan aur doodh ka chandr viraaj raha,
dam dam damaroo baaje aur trishool haanth me saaj raha,
he, bhole baaba ko pahanaai nar mundo ki ik maala,
baagambar ki khaal odhaai aur kandhe par maragchhaala,
ganga ki dhaara bahati, kalakal kal karake kahati,
buri najar se inhen, rkhana bchaai ke,mukhada chhupaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

nandi gan se kah baaba ne apane sab gan bulavaae,
shankar ki baaraat chadahenge khushi manaake sab aae,
yakshon aur pishaachon ke sang bhoot pareton ke tole,
naache koode shor mchaave jay bhole bam bam bhole,
koi patala koi mota,koi lanba koi chhota,
kaale aur neele peele, toliyaan banaai ke ,sajake sajaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

kisi ki aankhe teen teen aur kisi ke maathe ek lagi,
ek taang pe chale koi aur kisi ke taang anek lagi,
munh kisi ka laga pet me aur kisi ka chhaati me,
koi ooncha aasamaan sa koi rengata dharati me,
lanba chauda munh khole,boli bhayankar bole,
dharati gagan bhar daala bbhooti udaai ke dhoom mchaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

garud ke oopar vishnu nikale brahama hans ko saath chale,
airaavat par indar baithe bhainse par yamaraaj chale,
baaki devata bhi le chal rahen apani apani asavaari,
bhole shankar ne dekha ho gi baaraat ki taiyaari,
nandi par aap viraaje,damaroo trishool ko saaje,
khushiyon me nandi naache,singava hilaaike, poonchhava ghumaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

aage aage shankar baaba peechhe bhoot paret chale,
brahama vishnu dharmaraaj aur indar garud samet chale,
dhol nagaade shankh baje aur baaj rahi thi shahanaai,
chalate chalate shankar ki baaraat nagar ke paas aai,
sundar sthaan nihaara,shivaji ne kiya ishaara,
devata naachan laage, jhande uthaaike, baaje bajaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

himagir ne jab shor suna panchaayat aapani bulavaai,
milajul kar sab kare svaagat gaura ki baaraat aai,
chale udhar panchaayat vaale svaagat geet sunaate the,
unase bhi aage kuchh bachche bhaage daude jaate the,
doolhe ke dekhe naina, bhooton preton ki sena,
baalak to ghar ko bhaage, hosh bhulaaike, saans phulaaeeke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

maat pita son baalak bole ye kaisi baaraat aai,
lagata hai ke nark chhod yamadooton ki jaamaat aai,
jo is byaah ko dekhega vo bada bhaagyshaali hoga,
par ham kahate hain ki saara nagar aaj khaali hoga,
maata pita samjhaave,bachchon ko paas bulaaven,
dar ko chhodo tum khelo khushiyaan manaai ke,raaghavendr gaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

himagir ne sabake svaagat me apane nain bichhaae the,
kar vinati sammaan sbhi ko janavaase me laae the,
indrapuri se janavaasa tha jahaan unhen thaharaaya tha,
daas daasiyon ne aakar sabako jalapaan karaaya tha,
brahama aur indar aae, dekhake sab harshaae,
vishnu ko maatha teke sheesh jhukaai ke,hari gun gaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

itane me gaura ki skhiyaan sone ki thaali laai,
mahaadev shankar doolhe ki aarati karane ko aai,
un sabane naarad se poochha doolha kaun hai batalaao,
baitha hai jis jagah vahi pe ham sabako bhi pahunchaao,
naarad ki nikale haansi, bole tab khaans ke khaansi,
sang ganon ko bheja raasta dikhaaike,jara muskuraaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

skhiyon ne dekha baaraat ye nahi pareton ki toli,
bhaant bhaant ke roop banaave tarah tarah bole boli,
koi to peeve sookha gaanja ki ghotate bhaang rahe,
chheena jhapati karate hain ki ik dooje se maag rahe,
masti me jhoom rahe hain,nshe me ghoom rahe hain,
bhaang ko laage ragada sotava ghumaaike,ghotava lagaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

skhiyon ne doolhe ko dekha lanbi daadahi vaala hai,
haanth me jisake khappar damaroo gale saanp ki maala hai,
jataajoot baandhe aur tan pe jisane raakh chadahaai hai,
baagambar ki khaal odahane te maragchhaal bichhaai hai,
skhiyaan jab kare ishaare,nandi ji khade nihaare,
skhiyon ke peechhe pad ge poochhani ghumaaike,singava hilaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

janavaase se baahar nikali sab skhiyaan ghabaraai thi,
gaura teri kismat phooti use bataane aai thi,
paarvati se aakar boli tera doolha dekh liya,
tere pita ne bas yoon samjho tujhe nark me bhej diya,
hai vo shamshaan ka vaasi, hai koi jogi sanyaasi,
masti me dooba rahe bhaang chadahaai ke, dhatoora chabaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

paarvati ne uttar aise diya sbhi ki boli ka,
mera aur shankar ka rishta hai daaman aur choli ka,
janam janam ki lagan yahi hai ma apani se kah doongi,
vyaah hoga to shankar se anytha kanvaari rah lungi,
gaura ki sunakar vaani,khush ho gi skhi sayaani,
chalane lagi dono ki jay jay bulaai ke,geet gunagunaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

udhar ganon ne milakar ke shiv baaba ko taiyaar kiya,
idhar gauri ki saakhiyon ne tha gaura ka shrrangaar kiya,
mahalon ke praangan me vedi sundar ek banaai thi,
mandap jab taiyaar hua to phir baaraat bulavaai thi,
devata baaje bajaave,shankar damaroo khadakaave,
bhooton ki sena chali, naach dikhaai ke, dhoom mchaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

galiyon aur baaraaton me thi schamuch bheed lagi bhaari,
apane apane ghar ke aage khadi ho ho dekhe naari,
brahama vishnu indr aadi ko dekh sbhi harshaai thi,
par shankar ko dekh naariyaan ghar ki bheetar bhaagi thi,
dhak dhak dil dhadakan laage,ang sab phadakan laage,
nanhe nanhe bachchon ko,god me uthaaike,gale se lagaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

gaura ki ma ne himagir ko apane paas bulaaya tha,
saakhiyon ne jo haal kaha tha sab unako samjhaaya tha,
boli mainapani beti ko tabaah nahi hone doongi,
kune me girake maar jaaungi byaah nahi hone doongi,
itane me hari gun gaate,naarad ji veen bajaate,
pichhale janam ki ktha, bole samjhaai ke,sabako sunaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

mandap me jab pahunche shankar aasan deke bithalaaya,
pahale unaki pooja kari phir paarvati ko bulavaaya,
bade prem se himagir ne giraja ka kanyaadaan kiya,
shankar sahit baraati jitane sabaka hi sammaan kiya,
shankar aur paarvati ki, sundar si jodi dekhi,
devata khush hue, phool barasaaike, jay jay bulaai ke ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

gale lagaakar beti ko himagir maina ne vida kiya,
paarvati ko shankar ne nandi ki peeth par bitha liya,
somanaath ki is gaatha ko sune va isaka gaan karen,
sankat saare mit jaae shiv ji unaka kalyaan karen,
lekar ke paarvati ko, shankar kailaashapati ko,
nandi masti me bhaage, singava hilaaike, poonchhava ghumaaike ho ram...
e bhaiya shiv ji bihaane chale...

ai shiv ji bihaane chale paalaki sajaai ke,bhbhooti ramaai ke ho ram
sang sang baaraati chale dholava bajaai ke,ghodava daudaai ke ho ram
ai shiv ji bihaane...




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