Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

सांवरिया अपने भक्तों को तुम भी क्या यूँ रुलाओगे

सांवरिया अपने भक्तों को तुम भी क्या यूँ रुलाओगे
चलते चलते हार गया मैं क्या तुम मुझे जिताओगे
सांवरिया अपने भक्तों को.....................

दर दर जाकर हार गया था मिलता कुछ ना सहारा था
हारे का तू साथ निभाता कहता सारा ज़माना था
ये ही पूछने आया तुमसे तुम क्या साथ निभाओगे
सांवरिया अपने भक्तों को.....................

ग़म के अँधेरे दुःख के बादल चारों और मंडराते हैं
कितनी भी मैं कर लूँ कोशिश वो तो छट नहीं पाते है
तू ही बता दे अब तो मोहन क्या मुझको अपनाओगे
सांवरिया अपने भक्तों को.....................

पीड़ा इतनी क्या तुझको बताऊ जिन्दा हूँ ये गनीमत है
देख के हालत तू ही समझ ले कहने की क्या ज़रूरत है
देना नहीं तो साथ ओ बाबा ज़िंदा भी क्या लौटाओगे
सांवरिया अपने भक्तों को.....................

आ ही गया अब दर पे तेरे तुम ही साथ निभाओगे
औरों की भी नैया चले है मेरी भी तुम ही चलाओगे
भानु बोले साथ निभा दो क्या ज़्यादा तरसाओगे
सांवरिया अपने भक्तों को.....................



sanwariya apne bhakto ko tum bhi kyu yu rulaaoge

saanvariya apane bhakton ko tum bhi kya yoon rulaaoge
chalate chalate haar gaya mainkya tum mujhe jitaaoge
saanvariya apane bhakton ko...


dar dar jaakar haar gaya tha milata kuchh na sahaara thaa
haare ka too saath nibhaata kahata saara zamaana thaa
ye hi poochhane aaya tumase tum kya saath nibhaaoge
saanvariya apane bhakton ko...

gam ke andhere duhkh ke baadal chaaron aur mandaraate hain
kitani bhi mainkar loon koshish vo to chhat nahi paate hai
too hi bata de ab to mohan kya mujhako apanaaoge
saanvariya apane bhakton ko...

peeda itani kya tujhako bataaoo jinda hoon ye ganeemat hai
dekh ke haalat too hi samjh le kahane ki kya zaroorat hai
dena nahi to saath o baaba zinda bhi kya lautaaoge
saanvariya apane bhakton ko...

a hi gaya ab dar pe tere tum hi saath nibhaaoge
auron ki bhi naiya chale hai meri bhi tum hi chalaaoge
bhaanu bole saath nibha do kya zayaada tarasaaoge
saanvariya apane bhakton ko...

saanvariya apane bhakton ko tum bhi kya yoon rulaaoge
chalate chalate haar gaya mainkya tum mujhe jitaaoge
saanvariya apane bhakton ko...




sanwariya apne bhakto ko tum bhi kyu yu rulaaoge Lyrics





Bhajan Lyrics View All

तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है

New Bhajan Lyrics View All

बाबा सेठा को तू सेठ म्हारे कानी भी तो
तेरी तिजोरी में भरयो घणो माल बाबा,
वनवासी हुए राम अपने भगत के कारण,
अपने भगत के कारण भगत के कारण,
लहर लहर लहराए रे मेरे अंगना में तुलसा...
बहती हैं अखियों से धार,
आ जाओ सांवरे,
चली आवे जीभ निकाल हाथ में खड़क लिए
रण में मारे किलकार हाथ में खड़क लिए