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प्रेम- दयाके बिना व्रत-उपवास व्यर्थ  [Short Story]
Spiritual Story - Short Story (Moral Story)

बेलगाँव जिले (दक्षिण कर्नाटक) के मुरगोड़ स्थानके चिदम्बर दीक्षित सनातन वैदिक धर्मके बहुत बड़े उद्धारक, भक्ति-ज्ञानके प्रसारक और प्रेम, सेवा एवं परोपकारके साकार विग्रह माने जाते थे। एक बार एक स्त्री संतान न होनेसे अत्यन्त खिन्नहो दीक्षितकी कृपा पानेके लिये आ पहुँची। वह अनेक व्रत-उपवासादि करती, पर उसका चित्त प्रेम-दयादि गुणोंसे सर्वथा रहित था। दीक्षितने पासमें पड़े भूने चनेकी दो मुट्ठी उसे देकर कहा-'जा, दूर बैठ; बुलाऊँ, तब आना।'वह दूर जाकर चना चबाने बैठी। खेलते-खेलते वहाँ पाँच-सात बच्चे आये। कुछ उसके मुँहकी ओर देख रहे थे तो कुछने हाथ भी पसारा। 'एकको देनेपर सभीको देना पड़ेगा' यह सोच वह स्त्री मुँह, छिपाकर चने खाने लगी। उसने एक दाना भी किसीको नहीं दिया। दीक्षितने उसे पास बुलाकर कहा- 'अरी, जबफोकटमें मिले चनोंमेंसे चार दाने भी तुमसे किसीको देते नहीं बना, तब भगवान् तुम्हें हाड़-मांसके बच्चे कैसे देंगे। प्रेम और दयाके बिना कोरे व्रत-उपवासोंसे भगवान् कभी प्रसन्न नहीं होते।' उपस्थित लोगोंने यह शिक्षा गाँठ बाँध ली।

-गो0 न0 बै0

(संतचरित्रमाला)



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prema- dayaake bina vrata-upavaas vyartha

belagaanv jile (dakshin karnaataka) ke muragoda़ sthaanake chidambar deekshit sanaatan vaidik dharmake bahut bada़e uddhaarak, bhakti-jnaanake prasaarak aur prem, seva evan paropakaarake saakaar vigrah maane jaate the. ek baar ek stree santaan n honese atyant khinnaho deekshitakee kripa paaneke liye a pahunchee. vah anek vrata-upavaasaadi karatee, par usaka chitt prema-dayaadi gunonse sarvatha rahit thaa. deekshitane paasamen pada़e bhoone chanekee do mutthee use dekar kahaa-'ja, door baitha; bulaaoon, tab aanaa.'vah door jaakar chana chabaane baithee. khelate-khelate vahaan paancha-saat bachche aaye. kuchh usake munhakee or dekh rahe the to kuchhane haath bhee pasaaraa. 'ekako denepar sabheeko dena pada़egaa' yah soch vah stree munh, chhipaakar chane khaane lagee. usane ek daana bhee kiseeko naheen diyaa. deekshitane use paas bulaakar kahaa- 'aree, jabaphokatamen mile chanonmense chaar daane bhee tumase kiseeko dete naheen bana, tab bhagavaan tumhen haada़-maansake bachche kaise denge. prem aur dayaake bina kore vrata-upavaasonse bhagavaan kabhee prasann naheen hote.' upasthit logonne yah shiksha gaanth baandh lee.

-go0 na0 bai0

(santacharitramaalaa)

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