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आलसी मत बनो  [Spiritual Story]
प्रेरक कथा - Spiritual Story (हिन्दी कथा)

(3)

आलसी मत बनो

एक लकड़हारा जंगलमें लकड़ी लाने रोज जाता था और उसे एक अपाहिज लँगड़ी लोमड़ी रोज दिखायी देती थी। वह सोचता कि भला यह लोमड़ी किस तरह अपना पेट भरती होगी: क्योंकि शिकार करना तो उसके बसकी बात रही नहीं। एक दिन उसने देखा कि एक बाघ ताजा शिकार लिये उसी और आया, जहाँ लोमड़ी झाड़ीमें बैठी थी। बाघने अपना शिकार खाया और बचा हुआ वहीं छोड़कर चलता बना। उस बचे हुए शिकारसे लोमड़ीका पेट मजेसे भर गया। यह सब देखकर लकड़हारेके मनमें आया कि जब ऊपरवाला इस अपाहिज लोमड़ीका ख्याल रखता है तो मुझे क्यों भूखा रखेगा? ऐसा सोचकर उसने कुल्हाड़ी एक ओर फेंकी और परवरदिगारकी भेजी रोटीका इन्तजार करने लगा।
कुछ दिन गुजरे और कहींसे कुछ नहीं आया। भूखके मारे लकड़हारेको कमजोरी हो चली और उसका उठना-बैठना भी मुश्किल हो गया। उसने फिर भी उम्मीद नहीं छोड़ी और उसी तरह पड़ा रहा। एक दिन उसे लगा कि उसका आखिरी वक्त आ गया है। तभी उसे एक आवाज सुनायी दी- 'बेवकूफ, तुझे केवल अपाहिज लोमड़ी दिखायी दी, वाघ दिखायी नहीं दिया। तुझे बाघका अनुसरण करनेसे किसने रोका था? ऐसा करनेसे तू अपने साथ-साथ दूसरे जरूरतमन्दोंका भी ख्याल रख सकता था।' लकड़हारेको अपनी भूल समझमें आ गयी ।
यह कहानी बताकर मौलाना रूमीने अपनी शागिर्दों को आलसी और अकर्मण्य न होनेकी सीख दी।



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aalasee mat bano

(3)

aalasee mat bano

ek lakada़haara jangalamen lakada़ee laane roj jaata tha aur use ek apaahij langada़ee lomada़ee roj dikhaayee detee thee. vah sochata ki bhala yah lomada़ee kis tarah apana pet bharatee hogee: kyonki shikaar karana to usake basakee baat rahee naheen. ek din usane dekha ki ek baagh taaja shikaar liye usee aur aaya, jahaan lomada़ee jhaada़eemen baithee thee. baaghane apana shikaar khaaya aur bacha hua vaheen chhoda़kar chalata banaa. us bache hue shikaarase lomada़eeka pet majese bhar gayaa. yah sab dekhakar lakada़haareke manamen aaya ki jab ooparavaala is apaahij lomada़eeka khyaal rakhata hai to mujhe kyon bhookha rakhegaa? aisa sochakar usane kulhaada़ee ek or phenkee aur paravaradigaarakee bhejee roteeka intajaar karane lagaa.
kuchh din gujare aur kaheense kuchh naheen aayaa. bhookhake maare lakada़haareko kamajoree ho chalee aur usaka uthanaa-baithana bhee mushkil ho gayaa. usane phir bhee ummeed naheen chhoda़ee aur usee tarah pada़a rahaa. ek din use laga ki usaka aakhiree vakt a gaya hai. tabhee use ek aavaaj sunaayee dee- 'bevakooph, tujhe keval apaahij lomada़ee dikhaayee dee, vaagh dikhaayee naheen diyaa. tujhe baaghaka anusaran karanese kisane roka thaa? aisa karanese too apane saatha-saath doosare jarooratamandonka bhee khyaal rakh sakata thaa.' lakada़haareko apanee bhool samajhamen a gayee .
yah kahaanee bataakar maulaana roomeene apanee shaagirdon ko aalasee aur akarmany n honekee seekh dee.

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