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धनके दुरुपयोगका परिणाम  [Spiritual Story]
Moral Story - हिन्दी कथा (Shikshaprad Kahani)

बहुत दिनोंकी बात है। बगदादमें हसन नामका एक व्यक्ति रहता था। वह खलीफाके यहाँ नौकर था। उसने नौकरीसे बहुत धन कमाया और सोने-चाँदीकी प्यास बढ़ती देखकर वह बड़ी दीनता और सादगीसे जीवन बिताने लगा। धीरे-धीरे उसकी लालच बढ़ने लगी। उसने अपनी सारी कमाई जमीनमें गाड़ दी।

'फातिमा ! तुम बाजारमें लोगोंसे कह दो कि खलीफाने मुझे कारागारमें डाल दिया है। यह सुनकर लोग तुम्हारे प्रति सहानुभूति प्रकट करेंगे और भोजन तथा जीवन निर्वाहके लिये रुपये-पैसे देंगे। रही मेरी बात सो मैं रातमें घर आया करूँगा।' हसनने अपनी पत्नीको समझाया। इस प्रकार धन कमानेका एक और उपाय उसे सूझ पड़ा। लोभ तो सदा बढ़ता ही जाता है। हसनको इस उपायसे भी संतोष न हुआ। उसने अपने सम्बन्धियोंको भी धोखा देना आरम्भ किया। ज्यों-ज्यों धन बढ़ता गया, त्यों-त्यों उसकी कृपणताके पंख निकलने लगे और बात यहाँतक आ पहुँची कि खलीफाके महलसे वह नित्यप्रति एक-एक रत्न लाने लगा। "इन रत्नोंको स्वर्ण मुद्राओंसे बदलकर हमलोग बगदादसे दूर भाग चलेंगे। सुखपूर्वक जीवन बितायेंगे।'

हसनने फातिमासे कहा।

'बाजारमें तुम्हारी पत्नीने राजमहलसे चोरी गया एकरत्न बेचना चाहा। यह बात साफ है कि तुम चोर हो । तुम्हारे पास खाने-पीनेके लिये काफी धन था, पर तुमने उसका दुरुपयोग तो किया ही, साथ-ही-साथ बाजारवालों, सम्बन्धियों और मुझको धोखा दिया। इतने बड़े अपराधका दण्ड यह है कि बाजारवालोंको तुम धन दो. सम्बन्धियोंको ठगनेके अपराधमें तुम्हें सिरसे पैरतक पीटा जाय और राजमहलमें चोरी करनेके लिये तुम दोनोंको शूली पर चढ़ा दिया जाय।' खलीफाने न्यायालयका
निर्णय सुनाया। पर दोनोंके बहुत चिल्लाने-घिघियानेपर उन्होंने आदेश दिया कि बेईमानी और धोखेसे कमाये धनको अपने गलेमें बाँधकर घर जाओ। सारे बाजारमें उनकी ओरसे घोषणा कर दी गयी कि 'कोई व्यक्ति हसन और उसकी पत्नीको सोनेके सिक्कोंके बदले खाने-पीने और पहनने-ओढ़नेका कोई सामान न दे।'

घर आनेपर हसनदम्पति बहुत प्रसन्न थे । उन्होंने सिक्कोंको गिनना आरम्भ किया। दो-एक दिनके बाद वे भूखों मरने लगे। उनकी समझमें धनके दुरुपयोगका परिणाम आ गया। खलीफाके न्यायालयमें उपस्थित होकर दोनोंने सारी सम्पत्ति रख दी। खलीफाने बाजारवालों तथा सम्बन्धियोंमें उसका समवितरण कर दिया।

हसन-दम्पति अपनी कमाईपर निर्भर होकर सरलता, निष्कपटता और सच्चाईसे जीवन बिताने लगे। उन्हें इस बातका ज्ञान हो गया कि धन एकत्र करनेमें नहीं, उसके | सदुपयोगमें महान् लाभ है। - रा0 श्री0



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dhanake durupayogaka parinaama

bahut dinonkee baat hai. bagadaadamen hasan naamaka ek vyakti rahata thaa. vah khaleephaake yahaan naukar thaa. usane naukareese bahut dhan kamaaya aur sone-chaandeekee pyaas badha़tee dekhakar vah bada़ee deenata aur saadageese jeevan bitaane lagaa. dheere-dheere usakee laalach badha़ne lagee. usane apanee saaree kamaaee jameenamen gaada़ dee.

'phaatima ! tum baajaaramen logonse kah do ki khaleephaane mujhe kaaraagaaramen daal diya hai. yah sunakar log tumhaare prati sahaanubhooti prakat karenge aur bhojan tatha jeevan nirvaahake liye rupaye-paise denge. rahee meree baat so main raatamen ghar aaya karoongaa.' hasanane apanee patneeko samajhaayaa. is prakaar dhan kamaaneka ek aur upaay use soojh pada़aa. lobh to sada badha़ta hee jaata hai. hasanako is upaayase bhee santosh n huaa. usane apane sambandhiyonko bhee dhokha dena aarambh kiyaa. jyon-jyon dhan badha़ta gaya, tyon-tyon usakee kripanataake pankh nikalane lage aur baat yahaantak a pahunchee ki khaleephaake mahalase vah nityaprati eka-ek ratn laane lagaa. "in ratnonko svarn mudraaonse badalakar hamalog bagadaadase door bhaag chalenge. sukhapoorvak jeevan bitaayenge.'

hasanane phaatimaase kahaa.

'baajaaramen tumhaaree patneene raajamahalase choree gaya ekaratn bechana chaahaa. yah baat saaph hai ki tum chor ho . tumhaare paas khaane-peeneke liye kaaphee dhan tha, par tumane usaka durupayog to kiya hee, saatha-hee-saath baajaaravaalon, sambandhiyon aur mujhako dhokha diyaa. itane bada़e aparaadhaka dand yah hai ki baajaaravaalonko tum dhan do. sambandhiyonko thaganeke aparaadhamen tumhen sirase pairatak peeta jaay aur raajamahalamen choree karaneke liye tum dononko shoolee par chadha़a diya jaaya.' khaleephaane nyaayaalayakaa
nirnay sunaayaa. par dononke bahut chillaane-ghighiyaanepar unhonne aadesh diya ki beeemaanee aur dhokhese kamaaye dhanako apane galemen baandhakar ghar jaao. saare baajaaramen unakee orase ghoshana kar dee gayee ki 'koee vyakti hasan aur usakee patneeko soneke sikkonke badale khaane-peene aur pahanane-oढ़neka koee saamaan n de.'

ghar aanepar hasanadampati bahut prasann the . unhonne sikkonko ginana aarambh kiyaa. do-ek dinake baad ve bhookhon marane lage. unakee samajhamen dhanake durupayogaka parinaam a gayaa. khaleephaake nyaayaalayamen upasthit hokar dononne saaree sampatti rakh dee. khaleephaane baajaaravaalon tatha sambandhiyonmen usaka samavitaran kar diyaa.

hasana-dampati apanee kamaaeepar nirbhar hokar saralata, nishkapatata aur sachchaaeese jeevan bitaane lage. unhen is baataka jnaan ho gaya ki dhan ekatr karanemen naheen, usake | sadupayogamen mahaan laabh hai. - raa0 shree0

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