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चरित्र-बल  [Wisdom Story]
हिन्दी कहानी - Story To Read (Story To Read)

चरित्र-बल

नोबेल पुरस्कार विजेता सी0वी0 रमण भौतिकशास्त्र के प्रख्यात वैज्ञानिक थे। अपने विभागके लिये उन्हें एक योग्य वैज्ञानिककी जरूरत थी। कई लोग साक्षात्कारके लिये आये। जब साक्षात्कार खत्म हो गया, तब उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति, जिसको उन्होंने अयोग्य सिद्ध कर दिया था, कार्यालयके आस-पास घूम रहा है। उन्होंने क्रोधित होकर उस व्यक्तिसे पूछा कि 'जब तुम्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है, तब तुम यहाँ क्यों घूम रहे हो ?'
उस व्यक्तिने विनयी भावसे कहा-'आप नाराज न हों। मुझे यहाँ आने-जानेके लिये जो राशि दी गयी है, वह शायद गलतीसे कुछ अधिक दे दी गयी है। इसलिये मैं उस अतिरिक्त राशिको लौटानेके लिये कार्यालयके लिपिककी तलाश कर रहा हूँ।'
सी0वी0 रमण उस व्यक्तिकी बात सुनकर विस्मित रह गये। फिर थोड़ा रुककर बोले-'अब तुम कहीं मत जाना, मैंने तुम्हारा चयन कर लिया है। तुम चरित्रवान् व्यक्ति हो। भौतिकशास्त्रके ज्ञानकी कमजोरी तो मैं किसीको पढ़ाकर दूर कर दूँगा, परंतु ऐसा चरित्र मैं कैसे निर्मित कर सकूँगा ?'



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charitra-bala

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nobel puraskaar vijeta see0vee0 raman bhautikashaastr ke prakhyaat vaijnaanik the. apane vibhaagake liye unhen ek yogy vaijnaanikakee jaroorat thee. kaee log saakshaatkaarake liye aaye. jab saakshaatkaar khatm ho gaya, tab unhonne dekha ki ek vyakti, jisako unhonne ayogy siddh kar diya tha, kaaryaalayake aasa-paas ghoom raha hai. unhonne krodhit hokar us vyaktise poochha ki 'jab tumhen ayogy ghoshit kar diya gaya hai, tab tum yahaan kyon ghoom rahe ho ?'
us vyaktine vinayee bhaavase kahaa-'aap naaraaj n hon. mujhe yahaan aane-jaaneke liye jo raashi dee gayee hai, vah shaayad galateese kuchh adhik de dee gayee hai. isaliye main us atirikt raashiko lautaaneke liye kaaryaalayake lipikakee talaash kar raha hoon.'
see0vee0 raman us vyaktikee baat sunakar vismit rah gaye. phir thoड़a rukakar bole-'ab tum kaheen mat jaana, mainne tumhaara chayan kar liya hai. tum charitravaan vyakti ho. bhautikashaastrake jnaanakee kamajoree to main kiseeko padha़aakar door kar doonga, parantu aisa charitr main kaise nirmit kar sakoonga ?'

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