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कृषकका सम्मान हो  [बोध कथा]
Hindi Story - Spiritual Story (हिन्दी कहानी)

कृषकका सम्मान हो

अमेरिकाके तृतीय राष्ट्रपति 'टॉमस जैफरसन' कृषकों एवं श्रमिकोंका बहुत सम्मान करते थे। स्वयं भी सादगीपूर्ण रीतिसे जीवनयापन करते थे।
एक बार उन्हें होटलमें रुकनेकी आवश्यकता पड़ी। वे एक होटलमें गये और रुकनेके लिये एक कमरा माँगा। उनकी साधारण वेशभूषा देखकर होटलके मालिकने उन्हें किसान समझकर होटलमें ठहरानेसे मना कर दिया।
जैफरसनने भी उससे कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहाँसे लौट गये। बादमें जब किसीने होटलके स्वामीको यह बताया कि वह साधारण-सा व्यक्ति और कोई नहीं, अपितु अमेरिकाके प्रथम नागरिक महामहिम जैफरसन थे, तो वह तुरंत एक सेवकके साथ भागा भागा उनके पास गया।
उसने क्षमा-याचनाकर उनसे लौटनेका अनुरोध किया, परंतु राष्ट्रपति जैफरसनने उसका अनुरोध अस्वीकार करते हुए कहा- 'जिस होटलमें एक अमेरिकी कृषकके लिये स्थान नहीं है, उसमें राष्ट्रपति भला कैसे ठहर सकता है? जिस दिन तुम्हारे होटलमें कृषक सम्मानपूर्वक ठहरने लगेंगे, उस दिन तुम मेरे पास आना, तब मुझे तुम्हारे होटलमें ठहरनेमें खुशी होगी।'



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krishakaka sammaan ho

krishakaka sammaan ho

amerikaake triteey raashtrapati 'taॉmas jaipharasana' krishakon evan shramikonka bahut sammaan karate the. svayan bhee saadageepoorn reetise jeevanayaapan karate the.
ek baar unhen hotalamen rukanekee aavashyakata pada़ee. ve ek hotalamen gaye aur rukaneke liye ek kamara maangaa. unakee saadhaaran veshabhoosha dekhakar hotalake maalikane unhen kisaan samajhakar hotalamen thaharaanese mana kar diyaa.
jaipharasanane bhee usase kuchh naheen kaha aur chupachaap vahaanse laut gaye. baadamen jab kiseene hotalake svaameeko yah bataaya ki vah saadhaarana-sa vyakti aur koee naheen, apitu amerikaake pratham naagarik mahaamahim jaipharasan the, to vah turant ek sevakake saath bhaaga bhaaga unake paas gayaa.
usane kshamaa-yaachanaakar unase lautaneka anurodh kiya, parantu raashtrapati jaipharasanane usaka anurodh asveekaar karate hue kahaa- 'jis hotalamen ek amerikee krishakake liye sthaan naheen hai, usamen raashtrapati bhala kaise thahar sakata hai? jis din tumhaare hotalamen krishak sammaanapoorvak thaharane lagenge, us din tum mere paas aana, tab mujhe tumhaare hotalamen thaharanemen khushee hogee.'

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