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राष्ट्रधर्म-सम्बन्धी प्रेरक-प्रसंग  [प्रेरक कथा]
Shikshaprad Kahani - प्रेरक कथा (Spiritual Story)

राष्ट्रधर्म-सम्बन्धी प्रेरक-प्रसंग

[1]
शंकराचार्यजीका राष्ट्रप्रेम
सन् 1925 ई0 में ब्रिटेनके युवराज प्रिन्स ऑफ वेल्स भारत आये। ब्रिटिश सरकार चाहती थी कि भारतकी जनता युवराजका भगवान्‌की तरह श्रद्धा-भक्तिके साथ सम्मान करे तथा जहाँ वे जायँ, लोग उनके स्वागतमें पलक पाँवड़े बिछा दें।
ब्रिटिश सरकार जानती थी कि भारतकी धर्मप्राण जनता अपने धर्माचार्यके आदेशोंका पालन करनेको तत्पर रहती है। अतः सरकारकी ओरसे पुरीके शंकराचार्य स्वामी भारतीकृष्णतीर्थसे अनुरोध किया गया कि वे राजाको विष्णुका प्रतिनिधि माननेके हिन्दूधर्मके सिद्धान्तके अन्तर्गत अपने अनुयाइयोंको राजकुमार वेल्सका भगवान्‌के प्रतिनिधिके रूपमें स्वागत करनेका आदेश जारी करें।
श्रीशंकराचार्यजीने पत्र पढ़ा तथा निर्भीकतासे उत्तर दिया- 'अंग्रेज विदेशी हैं, वे प्रजापालक राजा नहीं हैं। जिन्होंने हमारी मातृभूमिको छल-कपटसे गुलाम बना लिया है, उन्हें विष्णुका प्रतिनिधि कैसे घोषित किया जा सकता है ?"
ब्रिटिश शासन उनके उत्तरसे क्रोधित हो उठा तथा उन्हें जेलमें बन्दकर उनपर राजद्रोहका मुकदमा चलाया। स्वामीजीने जेलकी यातनाएँ सहन कर लीं, परंतु ब्रिटिश सरकारकी छल-छद्यपूर्ण बातको मानना स्वीकार नहीं किया।



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raashtradharma-sambandhee preraka-prasanga

raashtradharma-sambandhee preraka-prasanga

[1]
shankaraachaaryajeeka raashtraprema
san 1925 ee0 men britenake yuvaraaj prins ऑph vels bhaarat aaye. british sarakaar chaahatee thee ki bhaaratakee janata yuvaraajaka bhagavaan‌kee tarah shraddhaa-bhaktike saath sammaan kare tatha jahaan ve jaayan, log unake svaagatamen palak paanvada़e bichha den.
british sarakaar jaanatee thee ki bhaaratakee dharmapraan janata apane dharmaachaaryake aadeshonka paalan karaneko tatpar rahatee hai. atah sarakaarakee orase pureeke shankaraachaary svaamee bhaarateekrishnateerthase anurodh kiya gaya ki ve raajaako vishnuka pratinidhi maananeke hindoodharmake siddhaantake antargat apane anuyaaiyonko raajakumaar velsaka bhagavaan‌ke pratinidhike roopamen svaagat karaneka aadesh jaaree karen.
shreeshankaraachaaryajeene patr padha़a tatha nirbheekataase uttar diyaa- 'angrej videshee hain, ve prajaapaalak raaja naheen hain. jinhonne hamaaree maatribhoomiko chhala-kapatase gulaam bana liya hai, unhen vishnuka pratinidhi kaise ghoshit kiya ja sakata hai ?"
british shaasan unake uttarase krodhit ho utha tatha unhen jelamen bandakar unapar raajadrohaka mukadama chalaayaa. svaameejeene jelakee yaatanaaen sahan kar leen, parantu british sarakaarakee chhala-chhadyapoorn baatako maanana sveekaar naheen kiyaa.

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हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
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तू राधे राधे गा ,
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