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परमात्मा सर्वव्यापक है  [Hindi Story]
Spiritual Story - Moral Story (Spiritual Story)

गुरु नानकदेवजी यात्रा करते हुए कराची, बिलोचिस्तानके स्थलमार्गसे मक्का पहुँच गये थे। जब रात्रि हुई, तब वे काबाकी परिक्रमामें काबाकी ओर ही पैर करके सो रहे सबेरे मौलवियोंने उन्हें इस प्रकार सोते देखा तो क्रोधसे लाल होकर डाँटा– 'तू कौन है ? खुदाके घरकी ओर पैर पसारे पड़ा है, तुझे शरम नहीं आती?'गुरुने आँखें खोलीं और धीरेसे कहा- 'मैं तो थका-हारा मुसाफिर हूँ । जिधर खुदाका घर न हो, उधर मेरे पैर मेहरबानी करके कर दीजिये।'

मौलवी लोगोंको और क्रोध आया। उनमेंसे एकने गुरु नानकका पैर पकड़कर, झटकेसे एक ओर खींचा; किंतु उसने देखा कि गुरुके पैर जिधर हटाता है, काबा | तो उधर ही दीख पड़ता है। अब तो वे लोग उन महान्संतके चरणोंपर गिर पड़े।

गुरु नानकदेवने उन्हें समझाया - 'परमात्मा सर्वव्यापकहै । उसका घर किसी एक ही स्थानमें है, यह मानना अज्ञान है।'–सु0 सिं0



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paramaatma sarvavyaapak hai

guru naanakadevajee yaatra karate hue karaachee, bilochistaanake sthalamaargase makka pahunch gaye the. jab raatri huee, tab ve kaabaakee parikramaamen kaabaakee or hee pair karake so rahe sabere maulaviyonne unhen is prakaar sote dekha to krodhase laal hokar daantaa– 'too kaun hai ? khudaake gharakee or pair pasaare pada़a hai, tujhe sharam naheen aatee?'gurune aankhen kholeen aur dheerese kahaa- 'main to thakaa-haara musaaphir hoon . jidhar khudaaka ghar n ho, udhar mere pair meharabaanee karake kar deejiye.'

maulavee logonko aur krodh aayaa. unamense ekane guru naanakaka pair pakada़kar, jhatakese ek or kheenchaa; kintu usane dekha ki guruke pair jidhar hataata hai, kaaba | to udhar hee deekh pada़ta hai. ab to ve log un mahaansantake charanonpar gir pada़e.

guru naanakadevane unhen samajhaaya - 'paramaatma sarvavyaapakahai . usaka ghar kisee ek hee sthaanamen hai, yah maanana ajnaan hai.'–su0 sin0

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