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माँ ईश्वरका प्रतिरूप है  [Moral Story]
Shikshaprad Kahani - Spiritual Story (प्रेरक कथा)

माँ ईश्वरका प्रतिरूप है

डॉo Wayne Dyer ( वायने डायर) का ‘Your Sacred Self (योर सैक्रेड सेल्फ) में दिया निम्नलिखित दृष्टान्त 'ईश्वर' की अवधारणा सम्बन्धी सर्वश्रेष्ठ व्याख्याओंमेंसे एक माना जाता है
एक माताके गर्भ में दो बच्चे थे। एक दूसरेसे पूछता है, 'क्या तुम प्रसवके बाद जीवनमें विश्वास रखते हो ?'
दूसरा जवाब देता है, 'बिलकुल, प्रसवके बाद निश्चित ही कुछ होगा और यहाँपर हम शायद उसी बादवाले जीवनके लिये तैयार हो रहे हैं।'
'निरर्थक बात', पहलावाला कहता है 'प्रसवके बाद कोई जीवन नहीं है, कैसा जीवन होगा वह ! !'
दूसरा कहता है, 'मैं नहीं जानता, लेकिन वहाँपर यहाँसे अधिक प्रकाश होगा। सम्भव है, हम अपने पैरोंपर चलें, मुँहसे खायें। हो सकता है हमारी अन्य इन्द्रियाँ हों, जिन्हें हम अभी नहीं समझ सकते।'
पहला जवाब देता है, 'बेतुकी बात, चलना असम्भव है और मुँहसे खाना ? हास्यास्पद! नाभिनालसे ही हमें हमारा पोषण और अन्य आवश्यकताओंकी पूर्ति होती है, लेकिन नाभिनाल तो बहुत छोटी है। इसलिये प्रसवके बाद जीवन तर्कसंगत नहीं बैठता।'
दूसरा आग्रह करता है, 'ठीक है, पर मुझे लगता है कि वहाँपर यहाँसे अलग होगा। हो सकता है कि हमें इस नाभिनालकी जरूरत ही न पड़े।'
पहला जवाब देता है, 'असंगत बात; अच्छा मान भी लें कि वहाँ जीवन है तो वहाँसे कभी कोई लौटकर क्यों नहीं आया ? सच यही है कि प्रसव जीवनका अन्त है और प्रसवके बाद कुछ नहीं है; है तो सिर्फ अँधेरा, खामोशी और विस्मरण। यह हमें कहीं और नहीं ले जाता।'
'ठीक है, मैं नहीं जानता', दूसरा बोला, 'लेकिन हम निश्चित रूपसे 'माँ' से मिलेंगे और वह हमारी देखभाल करेगी।'
पहला चौंकता है, "माँ!!', तुम 'माँ' में विश्वास
रखते हो! यह तो हास्यास्पद है। अगर 'माँ' है तो इससमय वह कहाँ है ?'
दूसरा कहता है, "वह' हमारे चारों तरफ है, हम 'उससे' घिरे हुए हैं। हम 'उसके' हैं। हम 'उसी 'के अन्दर रहते हैं। 'उसके' बिना यह दुनिया न होती और न हो सकती थी।'
पहला कहता है, 'लेकिन मुझे तो वह नहीं दीखती। इसलिये तर्कसंगत यही है कि 'उस'का अस्तित्व नहीं है।'
अब दूसरा समझाता है, 'कभी-कभी, जब तुम शान्त हो और ध्यानपूर्वक सुनो, तब तुम 'उस' की उपस्थितिको महसूस कर सकते हो और तुम 'उस'की प्यारभरी आवाज भी सुन सकते हो, जो ऊपरसे तुम्हें पुकारती है।'
[ प्रेषक- श्रीप्रशान्तजी अग्रवाल ]



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maan eeshvaraka pratiroop hai

maan eeshvaraka pratiroop hai

daॉo Wayne Dyer ( vaayane daayara) ka ‘Your Sacred Self (yor saikred selpha) men diya nimnalikhit drishtaant 'eeshvara' kee avadhaarana sambandhee sarvashreshth vyaakhyaaonmense ek maana jaata hai
ek maataake garbh men do bachche the. ek doosarese poochhata hai, 'kya tum prasavake baad jeevanamen vishvaas rakhate ho ?'
doosara javaab deta hai, 'bilakul, prasavake baad nishchit hee kuchh hoga aur yahaanpar ham shaayad usee baadavaale jeevanake liye taiyaar ho rahe hain.'
'nirarthak baata', pahalaavaala kahata hai 'prasavake baad koee jeevan naheen hai, kaisa jeevan hoga vah ! !'
doosara kahata hai, 'main naheen jaanata, lekin vahaanpar yahaanse adhik prakaash hogaa. sambhav hai, ham apane paironpar chalen, munhase khaayen. ho sakata hai hamaaree any indriyaan hon, jinhen ham abhee naheen samajh sakate.'
pahala javaab deta hai, 'betukee baat, chalana asambhav hai aur munhase khaana ? haasyaaspada! naabhinaalase hee hamen hamaara poshan aur any aavashyakataaonkee poorti hotee hai, lekin naabhinaal to bahut chhotee hai. isaliye prasavake baad jeevan tarkasangat naheen baithataa.'
doosara aagrah karata hai, 'theek hai, par mujhe lagata hai ki vahaanpar yahaanse alag hogaa. ho sakata hai ki hamen is naabhinaalakee jaroorat hee n pada़e.'
pahala javaab deta hai, 'asangat baata; achchha maan bhee len ki vahaan jeevan hai to vahaanse kabhee koee lautakar kyon naheen aaya ? sach yahee hai ki prasav jeevanaka ant hai aur prasavake baad kuchh naheen hai; hai to sirph andhera, khaamoshee aur vismarana. yah hamen kaheen aur naheen le jaataa.'
'theek hai, main naheen jaanataa', doosara bola, 'lekin ham nishchit roopase 'maan' se milenge aur vah hamaaree dekhabhaal karegee.'
pahala chaunkata hai, "maan!!', tum 'maan' men vishvaasa
rakhate ho! yah to haasyaaspad hai. agar 'maan' hai to isasamay vah kahaan hai ?'
doosara kahata hai, "vaha' hamaare chaaron taraph hai, ham 'usase' ghire hue hain. ham 'usake' hain. ham 'usee 'ke andar rahate hain. 'usake' bina yah duniya n hotee aur n ho sakatee thee.'
pahala kahata hai, 'lekin mujhe to vah naheen deekhatee. isaliye tarkasangat yahee hai ki 'usa'ka astitv naheen hai.'
ab doosara samajhaata hai, 'kabhee-kabhee, jab tum shaant ho aur dhyaanapoorvak suno, tab tum 'usa' kee upasthitiko mahasoos kar sakate ho aur tum 'usa'kee pyaarabharee aavaaj bhee sun sakate ho, jo ooparase tumhen pukaaratee hai.'
[ preshaka- shreeprashaantajee agravaal ]

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