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रँगी लोमड़ी  [बोध कथा]
Story To Read - Short Story (शिक्षदायक कहानी)

रँगी लोमड़ी

एक लोमड़ी खानेकी तलाशमें एक गाँवमें घुस गयी। वह एक रंगरेजके घरके पिछवाड़े में चली गयी, जहाँपर रंगसे भरे ड्रम रखे हुए थे। आवाज सुनकर रँगरेज पीछे आया, लोमड़ी डरकर इसमें घुस गयी। थोड़ी देर बाद जब वह बाहर आयी तो वह कुछ और ही थी। रँगरेजके रंगने उसका स्वरूप बदल दिया था लेकिन लोमड़ीको यह मालूम नहीं था। जब वह जंगलमे पहुँची, तो उसे देखते ही जानवरोंमें खलबली मच गयी उन्होंने 'न जाने यह कौन सा प्राणी आ गया है। 1 बड़े-बड़े जानवर भी उससे घबराने लगे। जब रँग लोमड़ी कुछ दूर गयी तो देखा कि एक शेर अपन शिकार खा रहा था, लेकिन जैसे ही उसने इस विचिः प्राणीको देखा, वह भाग खड़ा हुआ। लोमड़ीको ते खाना मिल गया। कोई भी प्राणी इस नये जानवरके साथ
खतरा मोल लेना नहीं चाहता था। सभी उससे दूर लगे। लोमड़ीकी धाक जम गयी। वह जहाँ जाती, वहीं उसे खानेको मिल जाता ।
इस तरह कई दिन बीत गये। यही सिलसिला चलता रहा। एक दिन लोमड़ियोंका एक झुण्ड मस्तीसे झूमता हुआ वहाँसे गुजर रहा था । यकायक उन्होंने आवाज देना शुरू किया। रँगी लोमड़ी भी अपने आपको रोक नहीं पायी। उसने उनके स्वर-में-स्वर मिलाया। जंगलके जानवरोंको पता चल चुका था कि वह विचित्र प्राणी कोई और नहीं, लोमड़ी ही है। 'बहुत दिन ठगा इसने'–यह कहकर वे उसपर टूट पड़े। रँगी लोमड़ीका काम तमाम हो गया।
मुखौटा पहनकर कितने दिन धोखा दे सकते हो, आखिर सच्चाई सामने आती ही है।[ श्रीबंकटलालजी आसोपा ]



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rangee lomada़ee

rangee lomada़ee

ek lomada़ee khaanekee talaashamen ek gaanvamen ghus gayee. vah ek rangarejake gharake pichhavaada़e men chalee gayee, jahaanpar rangase bhare dram rakhe hue the. aavaaj sunakar rangarej peechhe aaya, lomada़ee darakar isamen ghus gayee. thoda़ee der baad jab vah baahar aayee to vah kuchh aur hee thee. rangarejake rangane usaka svaroop badal diya tha lekin lomada़eeko yah maaloom naheen thaa. jab vah jangalame pahunchee, to use dekhate hee jaanavaronmen khalabalee mach gayee unhonne 'n jaane yah kaun sa praanee a gaya hai. 1 bada़e-bada़e jaanavar bhee usase ghabaraane lage. jab rang lomada़ee kuchh door gayee to dekha ki ek sher apan shikaar kha raha tha, lekin jaise hee usane is vichih praaneeko dekha, vah bhaag khada़a huaa. lomada़eeko te khaana mil gayaa. koee bhee praanee is naye jaanavarake saatha
khatara mol lena naheen chaahata thaa. sabhee usase door lage. lomada़eekee dhaak jam gayee. vah jahaan jaatee, vaheen use khaaneko mil jaata .
is tarah kaee din beet gaye. yahee silasila chalata rahaa. ek din lomada़iyonka ek jhund masteese jhoomata hua vahaanse gujar raha tha . yakaayak unhonne aavaaj dena shuroo kiyaa. rangee lomada़ee bhee apane aapako rok naheen paayee. usane unake svara-men-svar milaayaa. jangalake jaanavaronko pata chal chuka tha ki vah vichitr praanee koee aur naheen, lomada़ee hee hai. 'bahut din thaga isane'–yah kahakar ve usapar toot pada़e. rangee lomada़eeka kaam tamaam ho gayaa.
mukhauta pahanakar kitane din dhokha de sakate ho, aakhir sachchaaee saamane aatee hee hai.[ shreebankatalaalajee aasopa ]

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