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हाथोंमें थाम लिया  [Short Story]
Story To Read - आध्यात्मिक कहानी (शिक्षदायक कहानी)

एक बार भक्त चतुर्भुजदासजी अपने गुरुके साथ | ; कहीं तीर्थयात्रा करने जा रहे थे। पर उनका मन जानेका नहीं था; क्योंकि वहाँके भगवान्में उनका मन बहुत रम रहा था।

किंतु जब जाना पड़ा, तब वे बहुत व्याकुल हो गये और एक पेड़पर चढ़कर मन्दिरको देखने लगे। देखते देखते इतने मस्त हो गये कि पेड़से गिर पड़े। उसी समय भगवान् वहाँ आ गये और उन्होंने अपने हाथोंमें थाम लिया। उस समय भगवान्‌के विरहमें जो पद उन्होंने गाया, वह इस प्रकार है। कहते हैं श्रीनाथजीने उसी समय उन्हें यह वरदान दिया कि जो कोई इस पदको भावसे प्रतिदिन गायेगा, उसे वे साक्षात् दर्शन देनेको बाध्य होंगे। पद इस प्रकार है:

श्रीगोबरधनबासी साँवरे लाल, तुम बिन रह्यौ न जाय ।

ब्रजराज लड़ते लाड़ले हो, तुम बिन रह्यौ न जाय ॥

बैंक चितै मुसुकाय कैं लाल, सुंदर बदन दिखाय ।

लोचन तलफैं मीन ज्यौं लाल, पल-छिन कलप बिहाय ॥

समक स्वर बंधान सों लाल, मोहन बेनु बजाय ।

सुरत सुहाई बाँधि के लाल, मधुरं मधुरं गाय ॥

रसिक रसीली बोलनी लाल, गिरि चढ़ गयाँ बुलाय।

गाँग बुलाई धूमरी, नैक ऊँची टेर सुनाय ॥

दृष्टि परे जा दिवस तें लाल, तब तें रुचै न आन ।

रजनी नींद न आवई, मोहि बिसरयौ भोजन-पान ॥

दरसन कौं नयना तपैं लाल, बचन सुनन कौं कान ।

मिलिबे कौं हियरा तपै, मेरे जिय के जीवन प्रान ॥

पूरन ससि मुख देखि कै लाल, चित चौंट्यो वहि ओर ।

रूप सुधा रस पान कैं लाल, सादर कुमुद - चकोर ॥

मन अभिलाषा है रही लाल, लगै न नयन निमेषl

इकटक देखूँ भावँतौ प्यारौ, नागर नटवर भेष ॥

लोक लाज कुल बेद की लाल, छाँड्यौ सकल बिबेक ।

कमल कली रबि ज्यों बढ़े लाल, छिन छिन प्रीति बिसेष ll

कोटिक मनमथ वारने लाल, देखत डगमग चाल ।

जुवती जन-मन फंदना लाल, अंबुज नयन बिसाल ॥

कुंज-भवन कीड़ा करौ लाल, सुखनिधि मदनगुपाल ।

हम श्रीवृंदाबन मालती, तुम भोगी भ्रमर भुवाल ॥

यह रट लागी लाड़िले लाल, जैसैं चातक मोर।

प्रेम नीर बरषा करौ लाल, नवघन नंदकिसोर ॥

जुग जुग अविचल राखिये लाल, यह सुख सैल निवास ।

श्रीगोवर्धनधर रूप पै, बलि जाय चतुर्भुजदास ॥

भगवान् की कृपासे उनके गुरुजीके मनमें भी आ गया कि उनको न ले जायँ; बस, उनको वहींसे वापस लौटा दिया।



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haathonmen thaam liyaa

ek baar bhakt chaturbhujadaasajee apane guruke saath | ; kaheen teerthayaatra karane ja rahe the. par unaka man jaaneka naheen thaa; kyonki vahaanke bhagavaanmen unaka man bahut ram raha thaa.

kintu jab jaana pada़a, tab ve bahut vyaakul ho gaye aur ek peda़par chadha़kar mandirako dekhane lage. dekhate dekhate itane mast ho gaye ki peda़se gir pada़e. usee samay bhagavaan vahaan a gaye aur unhonne apane haathonmen thaam liyaa. us samay bhagavaan‌ke virahamen jo pad unhonne gaaya, vah is prakaar hai. kahate hain shreenaathajeene usee samay unhen yah varadaan diya ki jo koee is padako bhaavase pratidin gaayega, use ve saakshaat darshan deneko baadhy honge. pad is prakaar hai:

shreegobaradhanabaasee saanvare laal, tum bin rahyau n jaay .

brajaraaj laड़te laada़le ho, tum bin rahyau n jaay ..

baink chitai musukaay kain laal, sundar badan dikhaay .

lochan talaphain meen jyaun laal, pala-chhin kalap bihaay ..

samak svar bandhaan son laal, mohan benu bajaay .

surat suhaaee baandhi ke laal, madhuran madhuran gaay ..

rasik raseelee bolanee laal, giri chadha़ gayaan bulaaya.

gaang bulaaee dhoomaree, naik oonchee ter sunaay ..

drishti pare ja divas ten laal, tab ten ruchai n aan .

rajanee neend n aavaee, mohi bisarayau bhojana-paan ..

darasan kaun nayana tapain laal, bachan sunan kaun kaan .

milibe kaun hiyara tapai, mere jiy ke jeevan praan ..

pooran sasi mukh dekhi kai laal, chit chauntyo vahi or .

roop sudha ras paan kain laal, saadar kumud - chakor ..

man abhilaasha hai rahee laal, lagai n nayan nimeshal

ikatak dekhoon bhaavantau pyaarau, naagar natavar bhesh ..

lok laaj kul bed kee laal, chhaandyau sakal bibek .

kamal kalee rabi jyon badha़e laal, chhin chhin preeti bisesh ll

kotik manamath vaarane laal, dekhat dagamag chaal .

juvatee jana-man phandana laal, anbuj nayan bisaal ..

kunja-bhavan keeda़a karau laal, sukhanidhi madanagupaal .

ham shreevrindaaban maalatee, tum bhogee bhramar bhuvaal ..

yah rat laagee laada़ile laal, jaisain chaatak mora.

prem neer barasha karau laal, navaghan nandakisor ..

jug jug avichal raakhiye laal, yah sukh sail nivaas .

shreegovardhanadhar roop pai, bali jaay chaturbhujadaas ..

bhagavaan kee kripaase unake gurujeeke manamen bhee a gaya ki unako n le jaayan; bas, unako vaheense vaapas lauta diyaa.

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