⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

उदारता और परदुःखकातरता  [आध्यात्मिक कथा]
बोध कथा - Story To Read (Shikshaprad Kahani)

स्वर्गीय महामहोपाध्याय पं0 श्रीविद्याधरजी गौड़ श्रुति स्मृति प्रतिपादित सनातन वैदिक धर्मके परम अनुयायी थे। कई ऐसे अवसर आये, जिनमें धार्मिक मर्यादाकी किंचित् अवहेलना करनेसे उन्हें प्रचुर मान धन मिल सकता था; परंतु उन्होंने उसे ठुकरा दिया। इनके पास बहुतसे लोगोंके मकान वर्षोंसे रेहन और बन्धक पड़े थे। जब इनकी मृत्युका समय आया, तबमकानदारोंने आपके शरणागत होकर ऋण चुकाने में अपनी असमर्थता प्रकट की। इन्होंने उनके दुःखसे कातर होकर बिना कुछ भी कहे यह कह दिया कि आपकी जो इच्छा हो सो दे जाइये। इस प्रकार कुछ ले देकर उनको चिन्तामुक्त कर दिया ।

आप कहा करते थे, 'इस शरीरसे यदि किसीकी भलाई नहीं की जा सकी, तो बुराई क्यों की जाय। '



You may also like these:

Spiritual Story अक्रोध
आध्यात्मिक कथा अतिथिके लिये उत्सर्ग
हिन्दी कहानी अद्भुत क्षमा
छोटी सी कहानी अन्यायका पैसा
आध्यात्मिक कथा अभी बहुत दिन हैं
हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
आध्यात्मिक कथा आत्मीयता इसका नाम है
हिन्दी कहानी आदर्श बी0 ए0 बहू


udaarata aur paraduhkhakaatarataa

svargeey mahaamahopaadhyaay pan0 shreevidyaadharajee gauda़ shruti smriti pratipaadit sanaatan vaidik dharmake param anuyaayee the. kaee aise avasar aaye, jinamen dhaarmik maryaadaakee kinchit avahelana karanese unhen prachur maan dhan mil sakata thaa; parantu unhonne use thukara diyaa. inake paas bahutase logonke makaan varshonse rehan aur bandhak pada़e the. jab inakee mrityuka samay aaya, tabamakaanadaaronne aapake sharanaagat hokar rin chukaane men apanee asamarthata prakat kee. inhonne unake duhkhase kaatar hokar bina kuchh bhee kahe yah kah diya ki aapakee jo ichchha ho so de jaaiye. is prakaar kuchh le dekar unako chintaamukt kar diya .

aap kaha karate the, 'is shareerase yadi kiseekee bhalaaee naheen kee ja sakee, to buraaee kyon kee jaaya. '

186 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,

New Bhajan Lyrics View All

भंगिया पिले भोले नाथ घोट के गौरा लाइ
हाँ रे भंगिया पिले रे सांचाई रे भंगिया
रुनक झुनक पग नेवर बाजे,
गजानंद नाचे,
जब जब लिया सहारा तेरा बिगड़े बने मेरे
सुख दुख में मेरे जीवन साथी बन गए
राजाओं का राजा है, प्रभुओं का प्रभु है,
प्रभु येशु मसीह, प्रभु येशु मसीह
सतगुरु जी मेरे आये मेहरा हो गइयाँ,
जिथे चरण टिकाये मेहरा हो गइयाँ,