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आप बड़े डाकू हैं  [बोध कथा]
Moral Story - Moral Story (Hindi Story)

जिस समय सिकन्दर महान्की सेनाएँ दिग्विजय करती हुई सारे विश्वको मैसीदोनियाके राजसिंहासनके आधिपत्यमें लानेका प्रयत्न कर रही थीं, ठीक उसी समय एक नाविकने सिकन्दरको अपनी निर्भीकतासे आश्चर्यचकित कर दिया था।

नाविकका नाम द्यौमेदस था। वह अपनी एक लंबी-सी नावपर बैठकर समुद्र यात्रियोंके जहाजोंपर छापा मारकर उनके सामान आदि लूट लिया करता था। एक दिन अचानक वह पकड़ लिया गया और अपराधी के रूपमें सिकन्दरके सामने लाया गया।

'तुम्हारा यह काम पापपूर्ण है। दूसरोंको चोरीसे लूट लेना अच्छा नहीं कहा जा सकता है। तुम किस तरह मेरे राज्यमें समुद्रकी शान्ति भङ्ग करनेका साहस करते हो। तुम्हें बड़ी से बड़ी सजा मिलनी चाहिये। तुम डाकू हो।' सिकन्दरने क्रोध प्रकट किया।

'आपको ऐसी बात कहते लखा नहीं आती है?मुझसे बड़े—कहीं बड़े—डाकू तो आप हैं। मैं तो एक छोटी-सी नावका अधिपति हूँ और कभी-कभी पेट पालनेके लिये लोगोंको लूट लेता हूँ। मुझसे कम हानि होती है। पर आप तो बड़े-बड़े जहाजी बेड़ोंके मालिक हैं; रात-दिन विशाल पृथ्वीपर असंख्य प्राणियोंको मृत्युके घाट उतारकर धन-जनका संहार करते रहते हैं। बड़े-बड़े देशोंको लूटा है आपने, कितनी महान् क्षति होती है आपके द्वारा। मुझमें और आपमें अन्तर केवल इतना ही है कि मैं छोटा डाकू हूँ तो आप बड़े डाकू हैं। यदि भाग्य मेरा साथ दे तो मैं आपसे भी बड़ा डाकू हो सकता हूँ।' द्यौमेदसने यों सिकन्दरकी कड़ी से कड़ी आलोचना की। सिकन्दर महान् उसकी निर्भीकता और सत्य कथनसे बहुत प्रभावित हुआ। उसने डाकूको क्षमा कर दिया और एक बड़े राज्यका आधिपत्य सौंप दिया। डाकूने अपना डकैतीका पेशा छोड़ दिया। - रा0 श्री0 (जेस्टा रोमानोरम)



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aap bada़e daakoo hain

jis samay sikandar mahaankee senaaen digvijay karatee huee saare vishvako maiseedoniyaake raajasinhaasanake aadhipatyamen laaneka prayatn kar rahee theen, theek usee samay ek naavikane sikandarako apanee nirbheekataase aashcharyachakit kar diya thaa.

naavikaka naam dyaumedas thaa. vah apanee ek lanbee-see naavapar baithakar samudr yaatriyonke jahaajonpar chhaapa maarakar unake saamaan aadi loot liya karata thaa. ek din achaanak vah pakada़ liya gaya aur aparaadhee ke roopamen sikandarake saamane laaya gayaa.

'tumhaara yah kaam paapapoorn hai. doosaronko choreese loot lena achchha naheen kaha ja sakata hai. tum kis tarah mere raajyamen samudrakee shaanti bhang karaneka saahas karate ho. tumhen bada़ee se bada़ee saja milanee chaahiye. tum daakoo ho.' sikandarane krodh prakat kiyaa.

'aapako aisee baat kahate lakha naheen aatee hai?mujhase bada़e—kaheen bada़e—daakoo to aap hain. main to ek chhotee-see naavaka adhipati hoon aur kabhee-kabhee pet paalaneke liye logonko loot leta hoon. mujhase kam haani hotee hai. par aap to bada़e-bada़e jahaajee beda़onke maalik hain; raata-din vishaal prithveepar asankhy praaniyonko mrityuke ghaat utaarakar dhana-janaka sanhaar karate rahate hain. bada़e-bada़e deshonko loota hai aapane, kitanee mahaan kshati hotee hai aapake dvaaraa. mujhamen aur aapamen antar keval itana hee hai ki main chhota daakoo hoon to aap bada़e daakoo hain. yadi bhaagy mera saath de to main aapase bhee bada़a daakoo ho sakata hoon.' dyaumedasane yon sikandarakee kada़ee se kada़ee aalochana kee. sikandar mahaan usakee nirbheekata aur saty kathanase bahut prabhaavit huaa. usane daakooko kshama kar diya aur ek bada़e raajyaka aadhipaty saunp diyaa. daakoone apana dakaiteeka pesha chhoda़ diyaa. - raa0 shree0 (jesta romaanorama)

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