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अपनी करनी अपने सिर  [Spiritual Story]
आध्यात्मिक कथा - Shikshaprad Kahani (Shikshaprad Kahani)

दो यात्री कहीं जा रहे थे। मार्गमें ही सूर्यास्त हो गया। रात्रि विश्रामके लिये वे पासके गाँवमें पहुँचे। वहाँके पटेलके द्वारपर जाकर उन्होंने आश्रय माँगा। उन्हें आश्रय मिल गया। दोनों व्यापारी थे, अपना माल बेचकर लौट रहे थे। उनके पास रुपयोंकी थैली थी और इसीसे रात्रिमें यात्रा करना ठीक न समझकर वे पटेलके यहाँ ठहर गये थे। पटेलने उनकी थैलीको देख लिया था। उसकी नीयत बिगड़ चुकी थी। यात्रियोंका उसने स्वागत-सत्कार किया और उन्हें शयन करनेके लिये पलंग देकर वह अपने मकानके भीतर सोने चला गया।

पटेलने मकानके भीतर दो गुंडोंको बुलाकर उनसे चुपचाप बात की - 'मेरे द्वारपर दो आदमी सो रहे हैं, उन्हें रात्रिमें मार दो।' पुरस्कारके लोभमें गुंडोंने पटेलकी बात स्वीकार कर ली।

पटेलके दो पुत्र रात्रिमें खेतपर सोनेके लिये गये थे। परंतु कुछ रात्रि बीतनेपर वहाँ पटेलके नौकर पहुँचगये, इसलिये वे दोनों घर लौट आये। देर अधिक हो चुकी थी। घरके भीतर जानेकी अपेक्षा उन दोनोंने द्वारपर ही सो रहना ठीक समझा। पलंगपर अपरिचित लोगोंको पड़े देखकर उन दोनोंने डाँटकर उन्हें उठ जानेको कहा। बेचारे यात्री चुपचाप उठे और पशुशाला में जाकर सो गये। पलंगपर पटेलके दोनों पुत्रोंने लंबी तानी ।

रात्रिमें गुंडे आये। उन्होंने पलंगपर सोये दो व्यक्तियोंको देखा और तलवारके एक-एक झटकेसे उनके सिर धड़से अलग कर दिये और वहाँसे चलते बने।

पशुशालामें सोये दोनों यात्रियोंने सबेरे प्रस्थान करनेकी तैयारी की तो उन्हें पटेलके बरामदेमें रक्त दिखायी पड़ा। उनके पुकारनेपर पटेल साहब घरसे निकले। अब क्या हो सकता था। उनका पाप उन्हींके सिर पड़ा था। दो पुत्रोंकी हत्या उनके पापसे हो चुकी थी और अब उनका भी जेल गये बिना छुटकारा कहाँ था। -सु0 सिं0



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apanee karanee apane sira

do yaatree kaheen ja rahe the. maargamen hee sooryaast ho gayaa. raatri vishraamake liye ve paasake gaanvamen pahunche. vahaanke patelake dvaarapar jaakar unhonne aashray maangaa. unhen aashray mil gayaa. donon vyaapaaree the, apana maal bechakar laut rahe the. unake paas rupayonkee thailee thee aur iseese raatrimen yaatra karana theek n samajhakar ve patelake yahaan thahar gaye the. patelane unakee thaileeko dekh liya thaa. usakee neeyat bigada़ chukee thee. yaatriyonka usane svaagata-satkaar kiya aur unhen shayan karaneke liye palang dekar vah apane makaanake bheetar sone chala gayaa.

patelane makaanake bheetar do gundonko bulaakar unase chupachaap baat kee - 'mere dvaarapar do aadamee so rahe hain, unhen raatrimen maar do.' puraskaarake lobhamen gundonne patelakee baat sveekaar kar lee.

patelake do putr raatrimen khetapar soneke liye gaye the. parantu kuchh raatri beetanepar vahaan patelake naukar pahunchagaye, isaliye ve donon ghar laut aaye. der adhik ho chukee thee. gharake bheetar jaanekee apeksha un dononne dvaarapar hee so rahana theek samajhaa. palangapar aparichit logonko pada़e dekhakar un dononne daantakar unhen uth jaaneko kahaa. bechaare yaatree chupachaap uthe aur pashushaala men jaakar so gaye. palangapar patelake donon putronne lanbee taanee .

raatrimen gunde aaye. unhonne palangapar soye do vyaktiyonko dekha aur talavaarake eka-ek jhatakese unake sir dhada़se alag kar diye aur vahaanse chalate bane.

pashushaalaamen soye donon yaatriyonne sabere prasthaan karanekee taiyaaree kee to unhen patelake baraamademen rakt dikhaayee pada़aa. unake pukaaranepar patel saahab gharase nikale. ab kya ho sakata thaa. unaka paap unheenke sir pada़a thaa. do putronkee hatya unake paapase ho chukee thee aur ab unaka bhee jel gaye bina chhutakaara kahaan thaa. -su0 sin0

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