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नियम टूटने मत दो  [Spiritual Story]
Spiritual Story - आध्यात्मिक कथा (Wisdom Story)

एक विद्वान् पुरुष ग्रन्थरचना करनेमें लगे थे। एक निर्धन विद्यार्थीकी सहायता करनेकी इच्छासे उन्होंने उसे अपना लेखक बना रखा था। विद्यार्थी दूर रहता था। प्रतिदिन पैदल चलकर आता था। वे दो घंटे बोलते जाते थे और वह विद्यार्थी लिखता जाता था। एक दिन उन्होंने उस विद्यार्थीसे कहा—'कल कुछ रात रहते ही आ जाना । ग्रन्थ लिखवाकर मुझे बाहर जाना है। बेचारे विद्यार्थीको पर्याप्त रात रहते उठना पड़ा।

अँधेरेमें ही चलकर वह उनके पास आया। परंतु केवलएक पंक्ति लिखवाकर वे बोले-'आजका काम हो गया। अब जा सकते हो।'

विद्यार्थी झुंझलाया। वह कुछ बोला नहीं; किंतु उसके मुखका भाव देखकर वे बोले – 'असंतुष्ट मत हो। आज तुमको ऐसी शिक्षा मिली है, जिसपर यदि चलोगे तो जीवनमें सफलता प्राप्त करोगे। वह शिक्षा यह है कि जो नियम बनाओ, उसे टूटने मत दो। चाहे जैसी स्थिति आवे, नियमका नित्य निर्वाह करो।'

- सु0 सिं0



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niyam tootane mat do

ek vidvaan purush grantharachana karanemen lage the. ek nirdhan vidyaartheekee sahaayata karanekee ichchhaase unhonne use apana lekhak bana rakha thaa. vidyaarthee door rahata thaa. pratidin paidal chalakar aata thaa. ve do ghante bolate jaate the aur vah vidyaarthee likhata jaata thaa. ek din unhonne us vidyaartheese kahaa—'kal kuchh raat rahate hee a jaana . granth likhavaakar mujhe baahar jaana hai. bechaare vidyaartheeko paryaapt raat rahate uthana pada़aa.

andheremen hee chalakar vah unake paas aayaa. parantu kevalaek pankti likhavaakar ve bole-'aajaka kaam ho gayaa. ab ja sakate ho.'

vidyaarthee jhunjhalaayaa. vah kuchh bola naheen; kintu usake mukhaka bhaav dekhakar ve bole – 'asantusht mat ho. aaj tumako aisee shiksha milee hai, jisapar yadi chaloge to jeevanamen saphalata praapt karoge. vah shiksha yah hai ki jo niyam banaao, use tootane mat do. chaahe jaisee sthiti aave, niyamaka nity nirvaah karo.'

- su0 sin0

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