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ऋण लेकर भूलना नहीं चाहिये  [Short Story]
Shikshaprad Kahani - आध्यात्मिक कहानी (Story To Read)

नेपोलियन बोनापार्ट बचपन बहुत निर्धन थे किंतु अपने साहस और उद्योगसे वे फ्रांसके सम्राट् हुए। सम्राट् होनेके "पश्चात् वे एक दिन घूमते हुए उस ओर पहुँचे जहाँ बचपनमें उन्होंने शिक्षा पायी थी। सहसा उन्हें कुछ स्मरण आया और अकेले ही एक छोटे घरके आगे वे जा खड़े हुए। उस घरकी एक बुढ़ियाको उन्होंने बुलाकर कहा-' बूढ़ी माँ बहुत पहले इस स्कूलमें एक बोनापार्ट नामका लड़का पढ़ता था, तुम्हें उसका कुछ स्मरण है ?"

बुढ़िया बोली- 'हाँ, हाँ, मुझे स्मरण है। बड़ा अच्छा लड़का था वह।'

नेपोलियन - 'वह तुमसे फल, मेवा, रोटी आदिखाने-पीनेकी चीजें लिया करता था। उसने तुम्हारा सब

दाम दे दिया या कुछ उधार उसपर रह गया ?' बुढ़िया - ' वह उधार रखनेवाला लड़का नहीं था। वह तो अपने साथियोंमें किसीके पास पैसा न हो तो अपने पाससे उनके पैसे भी चुका देता था।'

नेपोलियन – 'तुम बहुत बूढ़ी हो गयी हो, इससे सब बातें तुम्हें स्मरण नहीं। अपने पैसे देकर तुम भूल जाओ, यह तो ठीक है; किंतु ऋण लेकर भूलना तो ठीक नहीं। उस लड़केपर तुम्हारे कुछ पैसे अभीतक उधार हैं। वह आज अपना ऋण चुकाने आया है। यह थैली लो और बहुत दिनोंका अपना ऋण इसके रुपयों से चुका लो।'



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rin lekar bhoolana naheen chaahiye

nepoliyan bonaapaart bachapan bahut nirdhan the kintu apane saahas aur udyogase ve phraansake samraat hue. samraat honeke "pashchaat ve ek din ghoomate hue us or pahunche jahaan bachapanamen unhonne shiksha paayee thee. sahasa unhen kuchh smaran aaya aur akele hee ek chhote gharake aage ve ja khada़e hue. us gharakee ek budha़iyaako unhonne bulaakar kahaa-' booढ़ee maan bahut pahale is skoolamen ek bonaapaart naamaka lada़ka padha़ta tha, tumhen usaka kuchh smaran hai ?"

budha़iya bolee- 'haan, haan, mujhe smaran hai. bada़a achchha lada़ka tha vaha.'

nepoliyan - 'vah tumase phal, meva, rotee aadikhaane-peenekee cheejen liya karata thaa. usane tumhaara saba

daam de diya ya kuchh udhaar usapar rah gaya ?' budha़iya - ' vah udhaar rakhanevaala lada़ka naheen thaa. vah to apane saathiyonmen kiseeke paas paisa n ho to apane paasase unake paise bhee chuka deta thaa.'

nepoliyan – 'tum bahut boodha़ee ho gayee ho, isase sab baaten tumhen smaran naheen. apane paise dekar tum bhool jaao, yah to theek hai; kintu rin lekar bhoolana to theek naheen. us lada़kepar tumhaare kuchh paise abheetak udhaar hain. vah aaj apana rin chukaane aaya hai. yah thailee lo aur bahut dinonka apana rin isake rupayon se chuka lo.'

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