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कलाकारकी शिष्टता  [Wisdom Story]
हिन्दी कथा - आध्यात्मिक कहानी (प्रेरक कथा)

प्राचीन समयकी बात है। यूनान अपनी कला और दर्शनके लिये दूर-दूरके देशोंमें प्रसिद्ध था। यूनानके कारिन्थ प्रदेशमें पेरिवंडर नामका एक राजा था जो बहुत संगीत-प्रेमी, साहित्य-मर्मज्ञ और कलाविद् था। उसकी राजसभामें एरियन नामक एक गायक रहता था जो वीणावादनमें बहुत ही कुशल था। वह समय-समयपर राजाका मन अपनी संगीत-माधुरीसे बहलाया करता था। अचानक उसने अन्य देशोंके भ्रमणकी बात सोची और वह सिसली चला गया। वहाँ थोड़े ही समयमें वह बहुत धनी हो गया और सम्मानित व्यक्तियोंकी श्रेणीमें आ गया, पर इतनी समृद्धि और प्राकृतिक सौन्दर्यकी गोदमें निवास करनेपर भी उसका मन सिसलीमें नहीं लगा। कारिन्थके सम्मान और सरस वातावरणमें उसे जो सुख मिला करता था, उसकी विदेशमें उसे गन्धतक नहीं मिली।

"यह तो असाधारण धनी है। देखो न, इसके पास सोनेके सिक्कों और आभूषणोंसे भरी कितनी पेटियाँ हैं।' जहाज चलानेवालोंने आश्चर्य प्रकट किया। जहाज अपनी प्रबल गतिसे अथाह सागरका वक्ष चीरकर कारिन्थकी ओर बढ़ रहा था। समीरके मन्द मन्द संचारसे प्रसन्न होकर अपनी वीणापर एरियन नये संगीतकी स्वरलिपि कर रहा था। अपने मित्र पेरियंडरके मनोरञ्जनके लिये नयी ध्वनि निकाल रहा था तारोंसे।मल्लाहोंने उसे घेर लिया और प्राण लेनेकी धमकी दी। उनकी आँखोंमें नाच रही थीं धनकी पेटियाँ।

"यदि तुम मेरे प्राण ही लेना चाहते हो तो मेरी एक प्रार्थना है। मैं समझता हूँ कि तुम्हें धन चाहिये। ये पेटियाँ तुम्हारी हैं। मुझे स्वतन्त्रतापूर्वक एक गीत गा लेने दो और इस समुद्रमें अपने ढंगसे प्राण-विसर्जन करने दो।' एरियनका निवेदन था। वह बहुत बढ़िया वस्त्र धारणकर अपने स्थानपर बैठ गया। वीणाके तारोंपर उसकी अँगुलियाँ मृत्यु-गीतकी प्रतिलिपि कर रही थीं। मल्लाहोंने उसे अनुमति दे दी। एरियन झूम-झूमकर बड़ी मस्तीसे वीणा बजाने लगा-रवि-रश्मियोंकी अरुणिमासे सागरकी चंचल लहरोंमें नयी शक्ति आ गयी थी, उनकी प्रदीप्ति बढ़ गयी थी। एरियन वीणा वादन समाप्त करते ही समुद्रमें कूद पड़ा। लहरोंने उसको अपनी गोद में छिपा लिया और जहाज तेज गतिसे आगे बढ़ चला। धनलोलुप मल्लाह निश्चिन्त और प्रसन्न थे।

'तुमलोगोंको मेरे मित्र एरियनका पता अवश्य होगा। वह सिसलीमें तुमसे मिलने आता रहा होगा। उसके अभावमें मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है।' पेरियंडरने मल्लाहोंसे पूछा। कारिन्थ पहुँचनेपर राजसभामें उपस्थित होनेका उन्हें आदेश दिया गया था। 'एरियन बहुत स्वस्थ और समृद्ध है। वह धन कमाकर ही कारिन्थ लौटेगा।' मल्लाहोंने उत्तर दिया।'यहाँ देखो, यह कौन है।' राजाने मल्लाहोंको सहसा स्तब्ध कर दिया। राजमहलके एक कमरे से बाहर निकलकर एरियनने उनको विस्मयमें डाल दिया।

इस प्रकार तुमलोग धनके लोभसे दूसरोंके प्राण लिया करते हो। कारिन्थका राजन्याय तुम्हें क्षमा नहीं कर सकता। समुद्रकी लहरोंकी सहायतासे एरियन कारिन्थ आ पहुँचा। राजाने मल्लाहोंके लिये मृत्यु-दण्डकी आज्ञा दी। 'ऐसा अपराध फिर कभी नहीं करेंगे हम। क्षमा कीजिये।'मल्लाहोंने एरियनकी ओर बड़ी करुण दृष्टिसे देखा।

'मैं इतना कठोर नहीं हूँ जितना तुम समझ रहे हो । स्मरण रखो, कलाकारका हृदय कठोर नहीं होता है। तुमने जो कुछ मेरे प्रति किया, वह तुम्हारे दृष्टिकोणसे ठीक था, मैं उसमें दोष नहीं देखता, पर भगवान् मेरा दृष्टिकोण ऐसा कभी न होने दें।' एरियनका हृदय पिघल गया। उसकी शिष्टताने मल्लाहोंको क्षमा कर दिया।

- रा0 श्री0



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kalaakaarakee shishtataa

praacheen samayakee baat hai. yoonaan apanee kala aur darshanake liye doora-doorake deshonmen prasiddh thaa. yoonaanake kaarinth pradeshamen perivandar naamaka ek raaja tha jo bahut sangeeta-premee, saahitya-marmajn aur kalaavid thaa. usakee raajasabhaamen eriyan naamak ek gaayak rahata tha jo veenaavaadanamen bahut hee kushal thaa. vah samaya-samayapar raajaaka man apanee sangeeta-maadhureese bahalaaya karata thaa. achaanak usane any deshonke bhramanakee baat sochee aur vah sisalee chala gayaa. vahaan thoda़e hee samayamen vah bahut dhanee ho gaya aur sammaanit vyaktiyonkee shreneemen a gaya, par itanee samriddhi aur praakritik saundaryakee godamen nivaas karanepar bhee usaka man sisaleemen naheen lagaa. kaarinthake sammaan aur saras vaataavaranamen use jo sukh mila karata tha, usakee videshamen use gandhatak naheen milee.

"yah to asaadhaaran dhanee hai. dekho n, isake paas soneke sikkon aur aabhooshanonse bharee kitanee petiyaan hain.' jahaaj chalaanevaalonne aashchary prakat kiyaa. jahaaj apanee prabal gatise athaah saagaraka vaksh cheerakar kaarinthakee or badha़ raha thaa. sameerake mand mand sanchaarase prasann hokar apanee veenaapar eriyan naye sangeetakee svaralipi kar raha thaa. apane mitr periyandarake manoranjanake liye nayee dhvani nikaal raha tha taaronse.mallaahonne use gher liya aur praan lenekee dhamakee dee. unakee aankhonmen naach rahee theen dhanakee petiyaan.

"yadi tum mere praan hee lena chaahate ho to meree ek praarthana hai. main samajhata hoon ki tumhen dhan chaahiye. ye petiyaan tumhaaree hain. mujhe svatantrataapoorvak ek geet ga lene do aur is samudramen apane dhangase praana-visarjan karane do.' eriyanaka nivedan thaa. vah bahut badha़iya vastr dhaaranakar apane sthaanapar baith gayaa. veenaake taaronpar usakee anguliyaan mrityu-geetakee pratilipi kar rahee theen. mallaahonne use anumati de dee. eriyan jhooma-jhoomakar bada़ee masteese veena bajaane lagaa-ravi-rashmiyonkee arunimaase saagarakee chanchal laharonmen nayee shakti a gayee thee, unakee pradeepti badha़ gayee thee. eriyan veena vaadan samaapt karate hee samudramen kood pada़aa. laharonne usako apanee god men chhipa liya aur jahaaj tej gatise aage badha़ chalaa. dhanalolup mallaah nishchint aur prasann the.

'tumalogonko mere mitr eriyanaka pata avashy hogaa. vah sisaleemen tumase milane aata raha hogaa. usake abhaavamen mujhe kuchh bhee achchha naheen lag raha hai.' periyandarane mallaahonse poochhaa. kaarinth pahunchanepar raajasabhaamen upasthit honeka unhen aadesh diya gaya thaa. 'eriyan bahut svasth aur samriddh hai. vah dhan kamaakar hee kaarinth lautegaa.' mallaahonne uttar diyaa.'yahaan dekho, yah kaun hai.' raajaane mallaahonko sahasa stabdh kar diyaa. raajamahalake ek kamare se baahar nikalakar eriyanane unako vismayamen daal diyaa.

is prakaar tumalog dhanake lobhase doosaronke praan liya karate ho. kaarinthaka raajanyaay tumhen kshama naheen kar sakataa. samudrakee laharonkee sahaayataase eriyan kaarinth a pahunchaa. raajaane mallaahonke liye mrityu-dandakee aajna dee. 'aisa aparaadh phir kabhee naheen karenge hama. kshama keejiye.'mallaahonne eriyanakee or bada़ee karun drishtise dekhaa.

'main itana kathor naheen hoon jitana tum samajh rahe ho . smaran rakho, kalaakaaraka hriday kathor naheen hota hai. tumane jo kuchh mere prati kiya, vah tumhaare drishtikonase theek tha, main usamen dosh naheen dekhata, par bhagavaan mera drishtikon aisa kabhee n hone den.' eriyanaka hriday pighal gayaa. usakee shishtataane mallaahonko kshama kar diyaa.

- raa0 shree0

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