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देवीजीके दर्शन  [Moral Story]
आध्यात्मिक कथा - छोटी सी कहानी (छोटी सी कहानी)

एक महात्मा थे। वे एकान्तमें देवीजीकी पूजा करते थे। एक दिन जब वे पूजा कर रहे थे उनके मनमें आया कि माता मुझे दर्शन दें। उसी समय उनको दिखायी पड़ा कि एक बिल्ली साड़ी पहनकर पिछले दो पैरोंसे चलरही है। एक बार तो उनको डर लगा फिर उन्होंने मातासे प्रार्थना की कि 'माँ! अपने पुत्रको इस प्रकार मत डराओ।' उसी समय बिल्ली देवीके रूपमें प्रकट हो गयी और उनका चढ़ाया हुआ नैवेद्य देवीजीने ग्रहण कर लिया।



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deveejeeke darshana

ek mahaatma the. ve ekaantamen deveejeekee pooja karate the. ek din jab ve pooja kar rahe the unake manamen aaya ki maata mujhe darshan den. usee samay unako dikhaayee pada़a ki ek billee saada़ee pahanakar pichhale do paironse chalarahee hai. ek baar to unako dar laga phir unhonne maataase praarthana kee ki 'maan! apane putrako is prakaar mat daraao.' usee samay billee deveeke roopamen prakat ho gayee aur unaka chadha़aaya hua naivedy deveejeene grahan kar liyaa.

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