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क्षमाशीलता  [हिन्दी कथा]
आध्यात्मिक कहानी - आध्यात्मिक कथा (Spiritual Story)

अब्राहम लिंकन अमेरिकाके राष्ट्रपति थे। उनके शासनकालमें अमेरिका बहुत समृद्ध और समुन्नत था । पर कमी केवल इस बातकी थी कि उन्हें किसीको मृत्युदण्ड देनेमें बड़ा संकोच होता था। वे कहा करते थे कि किसीको मृत्युदण्ड देना कितना कठिन है, लेखनीमें इतनी शक्ति है कि उसकी एक चाल अपराधीको प्राण दे सकती है।

अमेरिकन सेनाकी एक टुकड़ीमें एक नवयुवक काम करता था। उसका काम पहरा देनेका था। किसी समय सेनामें ही उसका एक मित्र बीमार पड़ा।नवयुवकको उसकी देखभालके साथ-ही-साथ अपना काम भी पूरा करना पड़ता था। बीमार आदमीकी सेवा शुश्रूषाके कारण वह थककर अपनी जगहपर सो गया। शत्रुका आक्रमण होनेवाला था; ऐसे समयमें उसका सो जाना कदापि उचित नहीं था। सेनापतिने उसे मृत्युदण्ड दिया। अब्राहम लिंकनको पूरा-पूरा अधिकार था कि उसे क्षमाकर प्राणदान दे दें। वे उससे स्वयं मिलने गये।


'भाई! तुम्हें गोलीसे दागा नहीं जायगा; मेरी बातमानो। तुम्हारे इस कथनमें मेरा विश्वास है कि तुम थकावट और दोहरे कामके कारण सो गये। मैं तुम्हें सेनामें फिर भेज रहा हूँ; पर इस समय मैं बड़े धर्मसंकटमें पड़ गया हूँ कि तुम देय धन (बिल) भर सकोगे या नहीं।' अमेरिकाके राष्ट्रपतिने युवकको आश्वासन दिया।

'यदि यह पाँच सौ डालरसे अधिक नहीं होगा तो मैं अपने मित्रोंकी सहायतासे इसे चुका दूंगा।' अपराधीका निवेदन था।

'नहीं भाई! यह तो बहुत अधिक है। इसे तुम, केवल तुम चुका सकते हो, मैं तुम्हें चाहता हूँ, विलियम स्काट!' राष्ट्रपति लिंकनने बात स्पष्ट की।लिंकनने कहा कि तुम सेनामें जाकर अपने कर्तव्यका पूर्णरूपसे पालन करो। जब मरने लगो, तब यह समझ सको कि मेरे वचनके अनुसार तुमने आजीवन आचरण कर अपनी शेष आयु सार्थक की। इस तरह देय धन (बिल) की भरपाई हो जायगी। राष्ट्रपतिने उसे क्षमा कर दिया।

'आपने मुझे एक वीर सैनिककी तरह युद्धस्थलमें प्राण देनेका सुनहला अवसर दिया। आपकी क्षमाशीलता धन्य है।' विलियम स्काटने मरते समय लिंकनको पत्र लिखा था। एक वीरकी तरह अपने देशके सम्मानके लिये लड़कर युद्धमें जीवन लीला समाप्त की । - रा0 श्री0



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kshamaasheelataa

abraaham linkan amerikaake raashtrapati the. unake shaasanakaalamen amerika bahut samriddh aur samunnat tha . par kamee keval is baatakee thee ki unhen kiseeko mrityudand denemen bada़a sankoch hota thaa. ve kaha karate the ki kiseeko mrityudand dena kitana kathin hai, lekhaneemen itanee shakti hai ki usakee ek chaal aparaadheeko praan de sakatee hai.

amerikan senaakee ek tukada़eemen ek navayuvak kaam karata thaa. usaka kaam pahara deneka thaa. kisee samay senaamen hee usaka ek mitr beemaar pada़aa.navayuvakako usakee dekhabhaalake saatha-hee-saath apana kaam bhee poora karana pada़ta thaa. beemaar aadameekee seva shushrooshaake kaaran vah thakakar apanee jagahapar so gayaa. shatruka aakraman honevaala thaa; aise samayamen usaka so jaana kadaapi uchit naheen thaa. senaapatine use mrityudand diyaa. abraaham linkanako pooraa-poora adhikaar tha ki use kshamaakar praanadaan de den. ve usase svayan milane gaye.


'bhaaee! tumhen goleese daaga naheen jaayagaa; meree baatamaano. tumhaare is kathanamen mera vishvaas hai ki tum thakaavat aur dohare kaamake kaaran so gaye. main tumhen senaamen phir bhej raha hoon; par is samay main bada़e dharmasankatamen pada़ gaya hoon ki tum dey dhan (bila) bhar sakoge ya naheen.' amerikaake raashtrapatine yuvakako aashvaasan diyaa.

'yadi yah paanch sau daalarase adhik naheen hoga to main apane mitronkee sahaayataase ise chuka doongaa.' aparaadheeka nivedan thaa.

'naheen bhaaee! yah to bahut adhik hai. ise tum, keval tum chuka sakate ho, main tumhen chaahata hoon, viliyam skaata!' raashtrapati linkanane baat spasht kee.linkanane kaha ki tum senaamen jaakar apane kartavyaka poornaroopase paalan karo. jab marane lago, tab yah samajh sako ki mere vachanake anusaar tumane aajeevan aacharan kar apanee shesh aayu saarthak kee. is tarah dey dhan (bila) kee bharapaaee ho jaayagee. raashtrapatine use kshama kar diyaa.

'aapane mujhe ek veer sainikakee tarah yuddhasthalamen praan deneka sunahala avasar diyaa. aapakee kshamaasheelata dhany hai.' viliyam skaatane marate samay linkanako patr likha thaa. ek veerakee tarah apane deshake sammaanake liye lada़kar yuddhamen jeevan leela samaapt kee . - raa0 shree0

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