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पड़ोसी कौन  [शिक्षदायक कहानी]
Shikshaprad Kahani - Short Story (आध्यात्मिक कहानी)

एक बार कोई वकील ईसामसीहके पास आया और कहने लगा-' प्रभो। मुझे अमरत्व प्राप्तिके लिये क्या करना होगा ?' ईसाने कहा- 'तुम्हारे कानूनमें क्या लिखा है?' वकीलने उत्तर दिया- 'प्रभो। कानूनमें तो यह लिखा है कि हमें भगवान्‌को हृदयसे सर्वात्मना प्रेम करना चाहिये। तन, मन, शक्ति, जीवन सबको भगवान्में लगा देना चाहिये और अपने पड़ोसी इष्ट मित्रोंको भी भगवानसे सम्बद्ध कर देना चाहिये।'

ईसाने कहा- 'बिलकुल ठीक तो कहा। बस, तुमइसीका आचरण करो और तुम अपनेको नित्य सनातन अध्यात्म-जीवनमें प्रविष्ट समझो।'

'पर पड़ोसी मेरा कौन है ?'-वकीलने ठीक ठीक समझना चाहा ।

ईसा बोला- 'देखो एक व्यक्ति येरुसलमसे जेरिको जा रहा था । बीचमें उसे कुछ चोर मिल गये। उन्होंने उसका सारा धन छीन लिया तथा वे उसे मार-पीटकर अधमरी स्थितिमें छोड़कर चलते बने। संयोगवश उधरसे एक पादरी आया। उसने उस व्यक्तिको वहाँपड़े देखा और देखकर वह एक ओर किनारे खिसक गया। इसी प्रकार एक दूसरा छोटा पादरी आया और वह भी उसे देखकर एक ओर चलता बना।'

पर उसी रास्तेसे एक समरियाका यात्री भी जा रहा था। उसने उस आहत व्यक्तिको देखा। उसे उसपर दया आयी, उसने उसके पास जाकर घावोंकी मरहम-पट्टी की। उसे कंधेपर टाँगकर एक धर्मशालामें पहुँचाया और उसकी की। दूसरे दिन जब वह जाने लगा, तब धर्मशालावालोंसे कहता गया – 'देखो, तुमलोगइसका ध्यान रखना। इसकी सेवामें तुम्हारा जो कुछ व्यय होगा, मैं लौटकर तुम लोगोंको चुका दूँगा।' 'अब कहो इन तीनोंमेंसे उस घायल आदमीका सगा पड़ोसी कौन हुआ, दोनों पादरी या वह अपरिचित यात्री ?'

'वह अपरिचित, जिसने उसपर दया दिखलायी।' वकील बोला ।

'तो बस, तुम भी इसे समझकर वैसा ही आचरण करो, वैसे ही बनो।' - जा0 श0



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Hindi Story सादगी


pada़osee kauna

ek baar koee vakeel eesaamaseehake paas aaya aur kahane lagaa-' prabho. mujhe amaratv praaptike liye kya karana hoga ?' eesaane kahaa- 'tumhaare kaanoonamen kya likha hai?' vakeelane uttar diyaa- 'prabho. kaanoonamen to yah likha hai ki hamen bhagavaan‌ko hridayase sarvaatmana prem karana chaahiye. tan, man, shakti, jeevan sabako bhagavaanmen laga dena chaahiye aur apane pada़osee isht mitronko bhee bhagavaanase sambaddh kar dena chaahiye.'

eesaane kahaa- 'bilakul theek to kahaa. bas, tumaiseeka aacharan karo aur tum apaneko nity sanaatan adhyaatma-jeevanamen pravisht samajho.'

'par pada़osee mera kaun hai ?'-vakeelane theek theek samajhana chaaha .

eesa bolaa- 'dekho ek vyakti yerusalamase jeriko ja raha tha . beechamen use kuchh chor mil gaye. unhonne usaka saara dhan chheen liya tatha ve use maara-peetakar adhamaree sthitimen chhoda़kar chalate bane. sanyogavash udharase ek paadaree aayaa. usane us vyaktiko vahaanpada़e dekha aur dekhakar vah ek or kinaare khisak gayaa. isee prakaar ek doosara chhota paadaree aaya aur vah bhee use dekhakar ek or chalata banaa.'

par usee raastese ek samariyaaka yaatree bhee ja raha thaa. usane us aahat vyaktiko dekhaa. use usapar daya aayee, usane usake paas jaakar ghaavonkee marahama-pattee kee. use kandhepar taangakar ek dharmashaalaamen pahunchaaya aur usakee kee. doosare din jab vah jaane laga, tab dharmashaalaavaalonse kahata gaya – 'dekho, tumalogaisaka dhyaan rakhanaa. isakee sevaamen tumhaara jo kuchh vyay hoga, main lautakar tum logonko chuka doongaa.' 'ab kaho in teenonmense us ghaayal aadameeka saga pada़osee kaun hua, donon paadaree ya vah aparichit yaatree ?'

'vah aparichit, jisane usapar daya dikhalaayee.' vakeel bola .

'to bas, tum bhee ise samajhakar vaisa hee aacharan karo, vaise hee bano.' - jaa0 sha0

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