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प्रथम राष्ट्रपति  [छोटी सी कहानी]
Spiritual Story - छोटी सी कहानी (Shikshaprad Kahani)

(9) प्रथम राष्ट्रपति

घटना सत्रहवीं शताब्दीकी है। उत्तरी वर्जीनियामें कुछ मित्र किनारे बैठे थे कि उन्होंने एक स्त्रीके रोने-चिल्लानेकी आवाज सुनी। उन्होंने देखा कि उस स्त्रीका बच्चा नदीमें बहा जा रहा है, परंतु कोई उसे बचाने नहीं कूद रहा है। यह देखकर उनमेंसे एक युवक तुरंत उफनती नदीमें कूद गया और अपनी जानपर खेलकर उस बच्चेको बचा लाया।
उसके इस शौर्यको देखकर वह महिला बोली 'मैं तुम्हारे इस उपकारका बदला तो नहीं चुका सकती, लेकिन मैं भगवान्से यह प्रार्थना तो कर सकती हूँ कि तुम्हारे इस पराक्रमका परिणाम तुम्हारी दिग्दिगन्तमें फैली कीर्तिके रूपमें तुम्हें मिले।' सम्भव है कि उस महिलाके अन्तर्मनसे निकली सच्ची पुकारका ही परिणाम था कि वह नवयुवक, जिसका नाम जार्ज वाशिंगटन था- आगे 'चलकर अमेरिकाका प्रथम राष्ट्रपति बना।



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pratham raashtrapati

(9) pratham raashtrapati

ghatana satrahaveen shataabdeekee hai. uttaree varjeeniyaamen kuchh mitr kinaare baithe the ki unhonne ek streeke rone-chillaanekee aavaaj sunee. unhonne dekha ki us streeka bachcha nadeemen baha ja raha hai, parantu koee use bachaane naheen kood raha hai. yah dekhakar unamense ek yuvak turant uphanatee nadeemen kood gaya aur apanee jaanapar khelakar us bachcheko bacha laayaa.
usake is shauryako dekhakar vah mahila bolee 'main tumhaare is upakaaraka badala to naheen chuka sakatee, lekin main bhagavaanse yah praarthana to kar sakatee hoon ki tumhaare is paraakramaka parinaam tumhaaree digdigantamen phailee keertike roopamen tumhen mile.' sambhav hai ki us mahilaake antarmanase nikalee sachchee pukaaraka hee parinaam tha ki vah navayuvak, jisaka naam jaarj vaashingatan thaa- aage 'chalakar amerikaaka pratham raashtrapati banaa.

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यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
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जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
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यह तो सारी दुनिया जाने है
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
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होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
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श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
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भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
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