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वास्तविक स्वरूपसे परिचय  [आध्यात्मिक कथा]
शिक्षदायक कहानी - Short Story (आध्यात्मिक कथा)

वास्तविक स्वरूपसे परिचय

एक गाँवमें गोपाल नामका चरवाहा बालक रहता था। वह प्रतिदिन अपनी भेड़ोंको चरागाहमें ले जाकर, सारे दिन उन्हें वहीं चराया करता था। चरागाह एक सँकरी नदीके तटपर स्थित था। नदीके उस पार घना जंगल था। चूँकि अनेक वन्य जीव वहाँ पानी पीने आया करते थे, अतः उसे बड़ी सावधानीके साथ अपनी भेड़ोंकी निगरानी करनी पड़ती थी।
एक दिन नदीके उस पार एक सिंहनी आयी। गोपाल उसे देखकर सावधान हो गया। भेड़ें उसे देखकर तेजीसे गाँवकी ओर भागने लगीं। सिंहनीने एक ही छलाँगमें नदीको पार कर लिया। लगता था कि आज कोई अनहोनी घटनेवाली है। लेकिन वैसा कुछ भी नहीं हुआ। सिंहनी जहाँ कूदी थी, वहीं पाँव फैलाये पड़ी रही। वह इतनी शान्त पड़ी थी कि गोपालको शंका हुई। थोड़ी देर झाड़ियोंमें दुबके रहनेके बाद वह धीरे-धीरे उसके पास गया। वह सचमुच ही मर चुकी थी। वस्तुतः वह गर्भिणी थी और थकी होनेके कारण छलाँग लगाना उसके लिये घातक सिद्ध हुआ था। वह उसी स्थानपर एक बच्चेको जन्म देकर परलोक सिधार चुकी थी।
गोपाल उस सिंह - शावकको अपने घर ले गया। पहले तो उसे भेड़ोंके दूधपर पाला गया, फिर थोड़ा बड़ा होनेके बाद वह भी भेड़ोंके दलमें शामिल हो गया।
सिंह - शावकके समान दीखनेके बावजूद वह
प्रतिदिन भेड़ोंके साथ चरागाहमें जाकर उन्होंके जैसे घास चरता और बीच-बीचमें मिमियाता।
गर्मियोंके दिन थे। तीसरे पहर गोपाल एक वृक्षके नीचे लेटा हुआ विश्राम कर रहा था। तभी सहसा एक बड़ा सिंह चरागाहमें आ पहुँचा। भेड़ोंका दल मिमियाता हुआ भागने लगा। गोपालकी तन्द्रा टूटी और वह अपनी भेड़ोंके पीछे दौड़ा। परंतु उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि सिंहने भेड़ोंको पकड़नेका कोई प्रयास नहीं किया। उसने तो केवल सिंह - शावकको ही दौड़कर पकड़ लिया और उसे अपने मुँहमें दबाकर नदीके उस पार ले चला।
अपनी ही सिंह- जातिके एक बच्चेको भेड़ोंके साथ घास खाते और मिमियाते देखकर उसे बहुत बुरा लगा था, और इसी कारण वह उसे समझा देना चाहता था कि वह भी उसीके समान एक मांसाहारी सिंह-शावक है। उस पार पहुँचकर उसने दूर-दूरतक फैले पर्वतोंको गुँजाते हुए जोरकी आवाजमें गर्जना की और शावकसे बोला- 'तू भी ऐसी ही गर्जना कर।' उस भयंकर ध्वनिको सुनकर सिंह शावक आतंकित तो हुआ था, परंतु उसे विश्वास नहीं हुआ था।
काम न बनता देख सिंह उसे घसीटकर नदीके किनारे ले गया। वहाँ दोनोंका चेहरा पानीमें प्रतिबिम्बित हो रहा था। सिंह बोला-'देख बेटा, हम दोनोंके चेहरे कैसे एक जैसे दीखते हैं! तू भेड़ जैसा कदापि नहीं दीखता।'
बच्चेको थोड़ा विश्वास हुआ। तब सिंह जाकर थोड़ा-सा मांस ले आया। उसका एक टुकड़ा उसने अपने मुखमें डाला और दूसरा बच्चेके मुखमें ठूंस दिया। मांसका स्वाद चखते ही बच्चेकी समझमें आ गया कि वह सिंहकी ही जातिका है। आनन्द विभोर होकर वह भी गरजने लगा। इसके बाद उसने कभी मुड़कर भेड़ोंकी ओर नहीं देखा और सिंहका अनुकरण करते हुए छलाँग लगाकर अपने वास्तविक निवास - घने जंगलोंमें चला गया।
हममें से अधिकांश लोग सिंहके उस सम्मोहित बच्चेके समान ही विश्वास करते हैं कि हम दुर्बल तथा असहाय हैं। हमें स्वयंके विषयमें अपनी धारणाको बदलनेके लिये एक महान् ज्ञानीकी जरूरत होती है, जो हमें हमारे वास्तविक स्वरूपसे परिचित करा दे।



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vaastavik svaroopase parichaya

vaastavik svaroopase parichaya

ek gaanvamen gopaal naamaka charavaaha baalak rahata thaa. vah pratidin apanee bheड़onko charaagaahamen le jaakar, saare din unhen vaheen charaaya karata thaa. charaagaah ek sankaree nadeeke tatapar sthit thaa. nadeeke us paar ghana jangal thaa. choonki anek vany jeev vahaan paanee peene aaya karate the, atah use bada़ee saavadhaaneeke saath apanee bheड़onkee nigaraanee karanee pada़tee thee.
ek din nadeeke us paar ek sinhanee aayee. gopaal use dekhakar saavadhaan ho gayaa. bheda़en use dekhakar tejeese gaanvakee or bhaagane lageen. sinhaneene ek hee chhalaangamen nadeeko paar kar liyaa. lagata tha ki aaj koee anahonee ghatanevaalee hai. lekin vaisa kuchh bhee naheen huaa. sinhanee jahaan koodee thee, vaheen paanv phailaaye pada़ee rahee. vah itanee shaant pada़ee thee ki gopaalako shanka huee. thoda़ee der jhaada़iyonmen dubake rahaneke baad vah dheere-dheere usake paas gayaa. vah sachamuch hee mar chukee thee. vastutah vah garbhinee thee aur thakee honeke kaaran chhalaang lagaana usake liye ghaatak siddh hua thaa. vah usee sthaanapar ek bachcheko janm dekar paralok sidhaar chukee thee.
gopaal us sinh - shaavakako apane ghar le gayaa. pahale to use bheड़onke doodhapar paala gaya, phir thoda़a bada़a honeke baad vah bhee bheda़onke dalamen shaamil ho gayaa.
sinh - shaavakake samaan deekhaneke baavajood vaha
pratidin bheड़onke saath charaagaahamen jaakar unhonke jaise ghaas charata aur beecha-beechamen mimiyaataa.
garmiyonke din the. teesare pahar gopaal ek vrikshake neeche leta hua vishraam kar raha thaa. tabhee sahasa ek bada़a sinh charaagaahamen a pahunchaa. bheda़onka dal mimiyaata hua bhaagane lagaa. gopaalakee tandra tootee aur vah apanee bheda़onke peechhe dauda़aa. parantu use yah dekhakar bada़a aashchary hua ki sinhane bheड़onko pakada़neka koee prayaas naheen kiyaa. usane to keval sinh - shaavakako hee dauda़kar pakada़ liya aur use apane munhamen dabaakar nadeeke us paar le chalaa.
apanee hee sinha- jaatike ek bachcheko bheda़onke saath ghaas khaate aur mimiyaate dekhakar use bahut bura laga tha, aur isee kaaran vah use samajha dena chaahata tha ki vah bhee useeke samaan ek maansaahaaree sinha-shaavak hai. us paar pahunchakar usane doora-dooratak phaile parvatonko gunjaate hue jorakee aavaajamen garjana kee aur shaavakase bolaa- 'too bhee aisee hee garjana kara.' us bhayankar dhvaniko sunakar sinh shaavak aatankit to hua tha, parantu use vishvaas naheen hua thaa.
kaam n banata dekh sinh use ghaseetakar nadeeke kinaare le gayaa. vahaan dononka chehara paaneemen pratibimbit ho raha thaa. sinh bolaa-'dekh beta, ham dononke chehare kaise ek jaise deekhate hain! too bheda़ jaisa kadaapi naheen deekhataa.'
bachcheko thoda़a vishvaas huaa. tab sinh jaakar thoda़aa-sa maans le aayaa. usaka ek tukada़a usane apane mukhamen daala aur doosara bachcheke mukhamen thoons diyaa. maansaka svaad chakhate hee bachchekee samajhamen a gaya ki vah sinhakee hee jaatika hai. aanand vibhor hokar vah bhee garajane lagaa. isake baad usane kabhee muda़kar bheड़onkee or naheen dekha aur sinhaka anukaran karate hue chhalaang lagaakar apane vaastavik nivaas - ghane jangalonmen chala gayaa.
hamamen se adhikaansh log sinhake us sammohit bachcheke samaan hee vishvaas karate hain ki ham durbal tatha asahaay hain. hamen svayanke vishayamen apanee dhaaranaako badalaneke liye ek mahaan jnaaneekee jaroorat hotee hai, jo hamen hamaare vaastavik svaroopase parichit kara de.

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