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अमर जीवनकी खोज  [छोटी सी कहानी]
हिन्दी कहानी - हिन्दी कथा (Spiritual Story)

'हे देव! अमर जीवन- ईश्वरीय जीवन प्राप्त करनेका मुझे उपाय बताइये। जगत्की वस्तुओंमें मुझे शान्ति नहीं दीखती।' एक धनी युवकने नतमस्तक होकर महात्मा ईसाकी चरणधूलि ली। वे उस समय अपने शिष्योंके साथ गैलिलीमें भ्रमण कर रहे थे। शिष्य धनी युवककी जिज्ञासासे विस्मित थे।

"वत्स! तुमने मुझे 'देव' सम्बोधनसे स्मरण किया है। देव- परमदेव तो केवल परमात्मा ही हैं; मैं तो उनके कृपाराज्यका एक साधारण-सा सेवक हूँ। मेरे विचारसे अभी तुम्हें आचार-विचार और संयम तथा नैतिक बल-प्राप्तिकी ओर विशेष ध्यान रखना चाहिये; परमात्मा प्रसन्न होंगे।" उन्होंने युवकपर स्नेह दृष्टि डाली। समस्त वातावरण उनकी पवित्र उपस्थितिसे धन्य हो गया।

'मैंने इनका दृढ़ अभ्यास किया, पर अमर जीवनकी प्राप्तिका प्रकाश मुझे नहीं दीख पड़ा। मैंने बचपनसे ही इनकी ओर ध्यान दिया था।' युवकने उद्विग्रता प्रकट की। ईसा उसकी सदाचारपरक वृत्ति और सत्कथनसे बहुत प्रसन्न थे।

'बस, तुममें केवल एक बातकी कमी है। जाओ, अपनी सारी वस्तुएँ बेच दो और सम्पत्ति गरीबोंको दे दो। विश्वास रखो, तुम्हारे लिये स्वर्गका ऐश्वर्य सुरक्षितहै, मेरे साथ चलो।' महात्मा ईसाने कृपावृष्टि की। धनी युवकके मुखपर उदासी छा गयी। बिना कुछ कहे ही वह चल दिया। उसके पास महती सम्पत्ति थी और उसे छोड़ना उसके लिये सम्भव नहीं था । शिष्योंको उसकी दशापर बड़ा आश्चर्य हुआ । महात्मा ईसा शान्त थे ।

'धनी (धनाभिमानी) व्यक्तिके लिये ईश्वरीय राज्यमें प्रवेश बहुत ही कठिन है। यह सम्भव है कि ऊँट सूईकी नोकमेंसे निकल आये; पर धनी व्यक्ति, जो पूर्णरूपसे धन और सांसारिक वस्तुओंमें ही आसक्त है, ईश्वरीय राज्यमें प्रवेश नहीं कर सकता । परमात्माके प्रेममें धनाभिमानी और सांसारिक विषय-वासनाओंमें लिप्त जीवन अत्यन्त बाधक है। सांसारिक मनुष्यके हृदयमें कभी कृपामय ईश्वरके पवित्र प्रेमका उदय ही नहीं हो सकता।' महात्मा ईसाने शिष्योंको सदुपदेश दिया।

'ईश्वरीय प्रेम-प्राप्तिका उपाय क्या है?' शिष्योंका प्रश्न था ।

'परमात्माकी कृपासे ही यह सम्भव है। उनकी कृपा और निष्काम भक्तिसे ही लोग संसार-सागरसे तर सकते हैं।' ईसाने समाधान किया।

-रा0 श्री0



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amar jeevanakee khoja

'he deva! amar jeevana- eeshvareey jeevan praapt karaneka mujhe upaay bataaiye. jagatkee vastuonmen mujhe shaanti naheen deekhatee.' ek dhanee yuvakane natamastak hokar mahaatma eesaakee charanadhooli lee. ve us samay apane shishyonke saath gailileemen bhraman kar rahe the. shishy dhanee yuvakakee jijnaasaase vismit the.

"vatsa! tumane mujhe 'deva' sambodhanase smaran kiya hai. deva- paramadev to keval paramaatma hee hain; main to unake kripaaraajyaka ek saadhaarana-sa sevak hoon. mere vichaarase abhee tumhen aachaara-vichaar aur sanyam tatha naitik bala-praaptikee or vishesh dhyaan rakhana chaahiye; paramaatma prasann honge." unhonne yuvakapar sneh drishti daalee. samast vaataavaran unakee pavitr upasthitise dhany ho gayaa.

'mainne inaka dridha़ abhyaas kiya, par amar jeevanakee praaptika prakaash mujhe naheen deekh pada़aa. mainne bachapanase hee inakee or dhyaan diya thaa.' yuvakane udvigrata prakat kee. eesa usakee sadaachaaraparak vritti aur satkathanase bahut prasann the.

'bas, tumamen keval ek baatakee kamee hai. jaao, apanee saaree vastuen bech do aur sampatti gareebonko de do. vishvaas rakho, tumhaare liye svargaka aishvary surakshitahai, mere saath chalo.' mahaatma eesaane kripaavrishti kee. dhanee yuvakake mukhapar udaasee chha gayee. bina kuchh kahe hee vah chal diyaa. usake paas mahatee sampatti thee aur use chhoda़na usake liye sambhav naheen tha . shishyonko usakee dashaapar bada़a aashchary hua . mahaatma eesa shaant the .

'dhanee (dhanaabhimaanee) vyaktike liye eeshvareey raajyamen pravesh bahut hee kathin hai. yah sambhav hai ki oont sooeekee nokamense nikal aaye; par dhanee vyakti, jo poornaroopase dhan aur saansaarik vastuonmen hee aasakt hai, eeshvareey raajyamen pravesh naheen kar sakata . paramaatmaake premamen dhanaabhimaanee aur saansaarik vishaya-vaasanaaonmen lipt jeevan atyant baadhak hai. saansaarik manushyake hridayamen kabhee kripaamay eeshvarake pavitr premaka uday hee naheen ho sakataa.' mahaatma eesaane shishyonko sadupadesh diyaa.

'eeshvareey prema-praaptika upaay kya hai?' shishyonka prashn tha .

'paramaatmaakee kripaase hee yah sambhav hai. unakee kripa aur nishkaam bhaktise hee log sansaara-saagarase tar sakate hain.' eesaane samaadhaan kiyaa.

-raa0 shree0

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