⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

समय-सूचकका सम्मान  [हिन्दी कथा]
आध्यात्मिक कथा - हिन्दी कहानी (छोटी सी कहानी)

सिद्दियोंने जंजीरके अभागे दीवान आवजी हरि चित्रेका खून करके उनको पत्नी और दो पुत्रोंको बेच भी दिया। यह तो पत्नीकी चतुराई थी कि अधिक मूल्यके लोभमें वे राजापुरमें बेचे गये और उन्हें इनके मामाने खरीद लिया। पत्नी गुलबाई 17 वर्षीय प्रथम पुत्र बालाजी, द्वितीय चिमणाजी और अन्तिम नन्हे श्यामजीको लेकर वहीं रहने लगी।

बालाजीने शिवाजी महाराजके यहाँ नौकरीके लिये आवेदन करते हुए सारी घटना लिख भेजी थी। संयोगवश कुछ ही दिनों बाद लड़ाईसे लौटते हुए शिवराजका राजापुरमें ही पड़ाव पड़ा अवसर देख बालाजी उनसे मिला और महाराजने तत्काल उसे अपने यहाँ लेखकके स्थानपर रख लिया महाराज उसके सुन्दर अक्षरोंपर मुग्ध थे, अतः माताके हठ पकड़नेपर वे मातासहित तीनों भाइयोंको रायगढ़ ले गये।

शिवराज पर्यङ्कपर पौढ़े कागज पत्र देख रहे थे। सूचना पाकर बालाजी आ पहुँचे। महाराजने पूछा "प्रातः हमने एक पत्रका उत्तर लिखनेके लिये तुमसे कहा था, सो लिखा ही होगा।' बालाजीने कहा-'हाँ, महाराज!' 'तो दिखाओ।'- शिवाजीने प्रश्न किया। बालाजीने कहा -'अभी साफ नहीं किया, कल दरबारमें साफ करके सुनाऊँगा।'

'क्या, साफ किये बिना पत्र नहीं पढ़ना चाहिये ?'

शिवाजीने आग्रहपूर्ण स्वरमें कहा।

थैलीसे कागज निकाल, 'जैसी महाराजकी इच्छा!' कहते हुए बालाजी पढ़ने लगा

'श्रीः परमेश्वर प्रतिनिधि साक्षात् तीर्थरूप श्रीपितृचरणोंमें
बालक शिवाका त्रिकाल साष्टाङ्ग नमस्कार। अनन्तर
आपका पत्र प्राप्त हुआ। आशय ध्यानमें आया। आपने लिखा कि जिस कार्यका बीड़ा उठाया, उसके लिये सर्वदा कटिबद्ध रहो सो आपका आदेश हमारे लिये ईश्वरका आदेश है। अनन्तर आपने शुभ कामना प्रकट की है कि तुम्हारे शत्रुओंकी पनियाँ अपने गरम-गरम असे अपने संतप्त हृदयको शीतल करें, सो आपके तथा पूर्वजोंके पुण्यसे आपका यह आशीर्वाद सदा सफल रहा है। अनन्तर आपने लिखा है कि शिवा,यदि तू मेरा पुत्र है तो मेरा अपमान करनेवाले, मुझे बंदी बनानेवाले नीच बाजी घोरपड़ेका शासन होना चाहिये, सो आपके प्रतापसे वह नीच घोरपड़े उसी प्रकार नष्ट होगा, जिस प्रकार गजराजपर सामनेसे आक्रमण करनेवाला वनराज इति अलम् । आशीर्वादेच्छु

महाराजको पत्र पसंद आ गया। उन्होंने कल साफकर दरबारमें लानेको कहा। और आज्ञा लेकर बालाजी चला गया। सारी घटना देख और सुनकर शिवाजीका सेवक रायबा मुसकरा रहा था।

बालाजीके जानेपर शिवाजीने उससे मुसकरानेका कारण पूछा। रायबाने अपराधके लिये क्षमा माँगकर कहा- 'बालाजी आपकी आज्ञा पाकर धूर्ततासे सादा कागज पढ़ रहा था, इसीलिये हँसी आयी।' शिवाजीके आश्चर्यका ठिकाना न रहा।

दूसरे दिन दरबार लगनेपर शिवाजीने बालाजीसे पत्र साफ करनेकी बात पूछी। बालाजीने पत्र निकाल सामने रख दिया। शिवाजीने पास पड़े सादे कागजको उठा बालाजीको देते हुए कहा – 'यह तुम्हारे इस पत्रकी प्रथम प्रति, जो तुमने कल पढ़ी, लो और ठीक उसी तरह पढ़ो। अगर एक भी गलती हुई तो माँ भवानी ही तुम्हारी रक्षा कर सकती है।'

सरदार आबाजीको पत्र देते हुए कहा- आप इससे मिलाइये, यह जो पढ़ेगा।' बालाजीने सिर अञ्जलिमें छिपाकर कहा-क्षमा हो महाराज! कार्यव्यस्ततासे लिख नहीं पाया। महाराजकी आज्ञा हुई तो 'नहीं' कहनेका साहस भी नहीं हुआ l

महाराजने कहा-' और सादा कागज इस तरह पढ़ दिया मानो लिखा हुआ ही पढ़ रहे हो। पर बिल्लीके आँखें मूँदनेसे दुनिया अंधी नहीं हो जाती। दरबारियो! इसने धोखा दिया है। बतायें, क्या दण्ड दें?'

दरबारी चुप रहे। महाराजने कहा-' अच्छा मैं स्वयं दण्डविधान करता हूँ। बालाजी तुमने गम्भीर अपराध किया, इसलिये दण्ड भी गम्भीर भुगतना होगा। आगे आओ।'

बालाजी आगे आ सिर झुकाकर खड़ा हो गया।महाराजने सेवकको संकेत किया। सेवक आच्छादित चाँदीका थाल ले आया। शिवाने उसमेंके वस्त्र उलटकर पगड़ी निकाली और बालाजीके सिरपर धर दी। बालाजीने आनन्द और आश्चर्यके साथ कहा-

'महाराज !' शिवाजीने कहा-' -'हाँ, बालाजी! आजसे तुम दरबारके मन्त्री नियुक्त किये गये। अबसे सरकारी पत्र-व्यवहारविभाग तुम्हारे अधीन रहेगा। तुम्हारे अपराधका दण्ड यही है कि आजसे तुम अपनी यह समय-सूचकता, अद्भुत स्मरणशक्ति, अलौकिक चातुर्य और अपने मोतीके समान अक्षरोंका उपयोग स्वदेश-हितको छोड़ और किसी काममें न लानेकी शपथ लो।'

बालाजीने जमीनपर सिर लगाकर शपथ ली।

- गो0 न0 बै0



You may also like these:

हिन्दी कहानी विद्यालय और गुरु
बोध कथा रँगी लोमड़ी
आध्यात्मिक कथा बच्चा छोटा है, पर पूरा है
आध्यात्मिक कथा किसीका दिल मत दुखाओ
छोटी सी कहानी एक फूँककी दुनिया
हिन्दी कहानी ईश्वरका सच्चा भक्त


samaya-soochakaka sammaana

siddiyonne janjeerake abhaage deevaan aavajee hari chitreka khoon karake unako patnee aur do putronko bech bhee diyaa. yah to patneekee chaturaaee thee ki adhik moolyake lobhamen ve raajaapuramen beche gaye aur unhen inake maamaane khareed liyaa. patnee gulabaaee 17 varsheey pratham putr baalaajee, dviteey chimanaajee aur antim nanhe shyaamajeeko lekar vaheen rahane lagee.

baalaajeene shivaajee mahaaraajake yahaan naukareeke liye aavedan karate hue saaree ghatana likh bhejee thee. sanyogavash kuchh hee dinon baad lada़aaeese lautate hue shivaraajaka raajaapuramen hee pada़aav pada़a avasar dekh baalaajee unase mila aur mahaaraajane tatkaal use apane yahaan lekhakake sthaanapar rakh liya mahaaraaj usake sundar aksharonpar mugdh the, atah maataake hath pakada़nepar ve maataasahit teenon bhaaiyonko raayagadha़ le gaye.

shivaraaj paryankapar paudha़e kaagaj patr dekh rahe the. soochana paakar baalaajee a pahunche. mahaaraajane poochha "praatah hamane ek patraka uttar likhaneke liye tumase kaha tha, so likha hee hogaa.' baalaajeene kahaa-'haan, mahaaraaja!' 'to dikhaao.'- shivaajeene prashn kiyaa. baalaajeene kaha -'abhee saaph naheen kiya, kal darabaaramen saaph karake sunaaoongaa.'

'kya, saaph kiye bina patr naheen paढ़na chaahiye ?'

shivaajeene aagrahapoorn svaramen kahaa.

thaileese kaagaj nikaal, 'jaisee mahaaraajakee ichchhaa!' kahate hue baalaajee padha़ne lagaa

'shreeh parameshvar pratinidhi saakshaat teertharoop shreepitricharanonmen
baalak shivaaka trikaal saashtaang namaskaara. anantara
aapaka patr praapt huaa. aashay dhyaanamen aayaa. aapane likha ki jis kaaryaka beeda़a uthaaya, usake liye sarvada katibaddh raho so aapaka aadesh hamaare liye eeshvaraka aadesh hai. anantar aapane shubh kaamana prakat kee hai ki tumhaare shatruonkee paniyaan apane garama-garam ase apane santapt hridayako sheetal karen, so aapake tatha poorvajonke punyase aapaka yah aasheervaad sada saphal raha hai. anantar aapane likha hai ki shiva,yadi too mera putr hai to mera apamaan karanevaale, mujhe bandee banaanevaale neech baajee ghorapada़eka shaasan hona chaahiye, so aapake prataapase vah neech ghorapada़e usee prakaar nasht hoga, jis prakaar gajaraajapar saamanese aakraman karanevaala vanaraaj iti alam . aasheervaadechchhu

mahaaraajako patr pasand a gayaa. unhonne kal saaphakar darabaaramen laaneko kahaa. aur aajna lekar baalaajee chala gayaa. saaree ghatana dekh aur sunakar shivaajeeka sevak raayaba musakara raha thaa.

baalaajeeke jaanepar shivaajeene usase musakaraaneka kaaran poochhaa. raayabaane aparaadhake liye kshama maangakar kahaa- 'baalaajee aapakee aajna paakar dhoortataase saada kaagaj padha़ raha tha, iseeliye hansee aayee.' shivaajeeke aashcharyaka thikaana n rahaa.

doosare din darabaar laganepar shivaajeene baalaajeese patr saaph karanekee baat poochhee. baalaajeene patr nikaal saamane rakh diyaa. shivaajeene paas pada़e saade kaagajako utha baalaajeeko dete hue kaha – 'yah tumhaare is patrakee pratham prati, jo tumane kal padha़ee, lo aur theek usee tarah padha़o. agar ek bhee galatee huee to maan bhavaanee hee tumhaaree raksha kar sakatee hai.'

saradaar aabaajeeko patr dete hue kahaa- aap isase milaaiye, yah jo padha़egaa.' baalaajeene sir anjalimen chhipaakar kahaa-kshama ho mahaaraaja! kaaryavyastataase likh naheen paayaa. mahaaraajakee aajna huee to 'naheen' kahaneka saahas bhee naheen hua l

mahaaraajane kahaa-' aur saada kaagaj is tarah padha़ diya maano likha hua hee padha़ rahe ho. par billeeke aankhen moondanese duniya andhee naheen ho jaatee. darabaariyo! isane dhokha diya hai. bataayen, kya dand den?'

darabaaree chup rahe. mahaaraajane kahaa-' achchha main svayan dandavidhaan karata hoon. baalaajee tumane gambheer aparaadh kiya, isaliye dand bhee gambheer bhugatana hogaa. aage aao.'

baalaajee aage a sir jhukaakar khada़a ho gayaa.mahaaraajane sevakako sanket kiyaa. sevak aachchhaadit chaandeeka thaal le aayaa. shivaane usamenke vastr ulatakar pagada़ee nikaalee aur baalaajeeke sirapar dhar dee. baalaajeene aanand aur aashcharyake saath kahaa-

'mahaaraaj !' shivaajeene kahaa-' -'haan, baalaajee! aajase tum darabaarake mantree niyukt kiye gaye. abase sarakaaree patra-vyavahaaravibhaag tumhaare adheen rahegaa. tumhaare aparaadhaka dand yahee hai ki aajase tum apanee yah samaya-soochakata, adbhut smaranashakti, alaukik chaatury aur apane moteeke samaan aksharonka upayog svadesha-hitako chhoda़ aur kisee kaamamen n laanekee shapath lo.'

baalaajeene jameenapar sir lagaakar shapath lee.

- go0 na0 bai0

147 Views





Bhajan Lyrics View All

तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया

New Bhajan Lyrics View All

मोहे लागी लगन गुरु चरणन की,
गुरु चरणन की हरि चरणों की,
शिव तीनो लोक के स्वामी है,
शिव कैलाशो के वासी है,
श्याम श्याम श्याम श्याम मेरे श्याम,
दरबार तेरा सच्चा जाने है बच्चा बच्चा,
आपके श्री चरणों में उमर कट जाए सारी,
जिधर  भी देखु दिखे युगल छवि श्याम
बीरा मारा रामदेव ,
राणी नेतल रा भरतार,