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अनधिकारी राजा  [Short Story]
शिक्षदायक कहानी - छोटी सी कहानी (Moral Story)

एक भिक्षुक अचानक राजा हो गया था। उस देशके संतानहीन नरेशने घोषणा की थी कि उनकी मृत्युके पश्चात् जो पहिला व्यक्ति नगरद्वारमें प्रवेश करे, उसे सिंहासन दे दिया जाय । भाग्यवश नगरद्वारमें प्रवेश करनेवाला पहिला व्यक्ति वह भिखारी था। मन्त्रियोंने उसे राजतिलक कर दिया।

भिक्षुक क्या जाने राजप्रबन्ध राजसेवक स्वच्छन्द व्यवहार करने लगे। अधीनस्थ सामन्तोंने कर देना बंद कर दिया। प्रजा उत्पीड़ित होने लगी राजसेवकोंद्वारा। मन्त्री मनमानी करने लगे। नरेश कुछ करता भी तो अनुभवहीन होनेके कारण परिणाम उलटा निकलता। उसके विरुद्ध राज्यमें असंतोष बढ़ता जाता था। स्वयंवह अत्यन्त क्षुब्ध हो उठा था । घूमते हुए उसका एक पुराना मित्र उस नगरमें आया । राजासे उसने मिलनेकी इच्छा प्रकट की। एकान्तमें राजा उससे मिला। मित्रने कहा- 'आपके सौभाग्यपर मैं बधाई देने आया हूँ ।'

राजाने कहा—‘मेरे दुर्भाग्यपर रोओ और भगवान्से प्रार्थना करो कि मैं इस विपत्तिसे शीघ्र छूट जाऊँ । जब मैं भिक्षुक था तो भिक्षामें जो भी रूखी-सूखी रोटी मिलती थी उसे खाकर निश्चिन्त रहता था। परंतु आजकल तो अनेक चिन्ताओंके कारण मैं सदा दुःखी रहता हूँ। मुझे ठीक निद्रातक नहीं आती।'

- सु0 सिं0



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anadhikaaree raajaa

ek bhikshuk achaanak raaja ho gaya thaa. us deshake santaanaheen nareshane ghoshana kee thee ki unakee mrityuke pashchaat jo pahila vyakti nagaradvaaramen pravesh kare, use sinhaasan de diya jaay . bhaagyavash nagaradvaaramen pravesh karanevaala pahila vyakti vah bhikhaaree thaa. mantriyonne use raajatilak kar diyaa.

bhikshuk kya jaane raajaprabandh raajasevak svachchhand vyavahaar karane lage. adheenasth saamantonne kar dena band kar diyaa. praja utpeeda़it hone lagee raajasevakondvaaraa. mantree manamaanee karane lage. naresh kuchh karata bhee to anubhavaheen honeke kaaran parinaam ulata nikalataa. usake viruddh raajyamen asantosh badha़ta jaata thaa. svayanvah atyant kshubdh ho utha tha . ghoomate hue usaka ek puraana mitr us nagaramen aaya . raajaase usane milanekee ichchha prakat kee. ekaantamen raaja usase milaa. mitrane kahaa- 'aapake saubhaagyapar main badhaaee dene aaya hoon .'

raajaane kahaa—‘mere durbhaagyapar roo aur bhagavaanse praarthana karo ki main is vipattise sheeghr chhoot jaaoon . jab main bhikshuk tha to bhikshaamen jo bhee rookhee-sookhee rotee milatee thee use khaakar nishchint rahata thaa. parantu aajakal to anek chintaaonke kaaran main sada duhkhee rahata hoon. mujhe theek nidraatak naheen aatee.'

- su0 sin0

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