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असहायके आश्रय  [Short Story]
शिक्षदायक कहानी - Story To Read (Story To Read)

यूनानके बादशाह रोगी हो गये थे। हकीमोंकी चिकित्सा कोई लाभ नहीं कर रही थी। अन्तमें हकीमोंने मिलकर सलाह की। उन्होंने कुछ लक्षण बताये और कहा - 'जिस मनुष्यमें ये लक्षण हों, उसका पित्ताशय मिले बिना बादशाहके रोगको दूर करनेवाली दवा नहीं बन सकती।'राजसेवक इधर-उधर दौड़े और एक बालकको वे पकड़ ही लाये। बालक एक निर्धन परिवारका था। उसके और भी भाई थे। उसके माता-पिताने पर्याप्त धन लेकर अपने पुत्रको वधके लिये दे दिया था। बादशाहने काजीसे पुछवाया कि क्या करना चाहिये तो उसने फतवा दे दिया- 'मुल्कके शाहंशाहकी जान बचानेकेलिये रिआयामें किन्हीं एक-दोकी जान लेनी हो तो वह । गुनाह नहीं हकीमोंकी व्यवस्थाके अनुसार लड़केको बादशाहके सामने खड़ा किया गया। हकीम अपनी तैयारी करके बैठ गये। अब जल्लादने तलवार उठायी। इसी समय लड़केने आकाशकी ओर देखा और हँस पड़ा। बादशाहने संकेतसे जल्लादको रोककर पूछा- 'लड़के! तू हँसा क्यों ?'

लड़का बोला-'माँ-बाप जिस संतानकी रक्षा लिये प्राण देते थे, उसी संतानको उन्होंने मारनेके लिये बेच दिया। काजी जो न्यायमूर्ति कहा जाता है,उसने एक निरपराधकी हत्याका फतवा दे दिया। बादशाह जो मुल्कका रक्षक है, अपनी निर्दोष प्रजाके एक बालककी हत्या करवा रहा है। ऐसी दशामें असहाय मनुष्य किसका आश्रय ले ? मैं इस असहाय अवस्थामें पहुँच गया हूँ। अब मैं दीन-दुनियाके मालिककी ओर देखकर हँसा कि परमात्मा ! संसारकी लीला तो देख ली, अब तेरी लीला देखनी है। जल्लादकी उठी तलवारका तू क्या करेगा ?'

'मुझे माफ कर, बेटा! वह तलवार अब फिर नहीं उठेगी।' बादशाहने उस दरिद्र बालकसे क्षमा माँगी।

- सु0 सिं0



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asahaayake aashraya

yoonaanake baadashaah rogee ho gaye the. hakeemonkee chikitsa koee laabh naheen kar rahee thee. antamen hakeemonne milakar salaah kee. unhonne kuchh lakshan bataaye aur kaha - 'jis manushyamen ye lakshan hon, usaka pittaashay mile bina baadashaahake rogako door karanevaalee dava naheen ban sakatee.'raajasevak idhara-udhar dauda़e aur ek baalakako ve pakada़ hee laaye. baalak ek nirdhan parivaaraka thaa. usake aur bhee bhaaee the. usake maataa-pitaane paryaapt dhan lekar apane putrako vadhake liye de diya thaa. baadashaahane kaajeese puchhavaaya ki kya karana chaahiye to usane phatava de diyaa- 'mulkake shaahanshaahakee jaan bachaanekeliye riaayaamen kinheen eka-dokee jaan lenee ho to vah . gunaah naheen hakeemonkee vyavasthaake anusaar lada़keko baadashaahake saamane khada़a kiya gayaa. hakeem apanee taiyaaree karake baith gaye. ab jallaadane talavaar uthaayee. isee samay lada़kene aakaashakee or dekha aur hans pada़aa. baadashaahane sanketase jallaadako rokakar poochhaa- 'lada़ke! too hansa kyon ?'

lada़ka bolaa-'maan-baap jis santaanakee raksha liye praan dete the, usee santaanako unhonne maaraneke liye bech diyaa. kaajee jo nyaayamoorti kaha jaata hai,usane ek niraparaadhakee hatyaaka phatava de diyaa. baadashaah jo mulkaka rakshak hai, apanee nirdosh prajaake ek baalakakee hatya karava raha hai. aisee dashaamen asahaay manushy kisaka aashray le ? main is asahaay avasthaamen pahunch gaya hoon. ab main deena-duniyaake maalikakee or dekhakar hansa ki paramaatma ! sansaarakee leela to dekh lee, ab teree leela dekhanee hai. jallaadakee uthee talavaaraka too kya karega ?'

'mujhe maaph kar, betaa! vah talavaar ab phir naheen uthegee.' baadashaahane us daridr baalakase kshama maangee.

- su0 sin0

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