⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

ईश्वरको कौन जानता है  [Shikshaprad Kahani]
Shikshaprad Kahani - Story To Read (Short Story)

ईश्वरको कौन जानता है ?

(श्रीराघवेश्वरजी भारती )

एक बारकी बात है, एक हाथी तालाबमें नहा रहा था। एक छोटा-सा चूहा कहींसे आकर हाथीपर चिल्लाने लगा- 'हाथी महोदय, तुरंत तालाबसे बाहर आइये।' हाथी अनसुनी करके नहाता रहा। चूहा फिर चिल्लाया- 'पानीसे जल्दी निकलो। मुझे अति आवश्यक बात करनी है। देर मत करो।'
हाथी नहाता रहा। चूहा चिढ़ गया और उसने धमकी भरे स्वरमें कहा—'हाथी महोदय, अगर तुम तालाबसे नहीं निकले तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।' इतना सुनकर, हाथीने नहाना छोड़ा और तालाबसे बाहर निकला। चूहेने घूम-फिरकर हाथीको सरसे पाँवतक, सूँड़से पूँछतक देखा, फिर बोला '
अच्छा, तुम अब जा सकते हो।' हाथी गुस्सेसे तिलमिला गया और बोला- 'तुमने मुझे क्यों परेशान किया ?'
चूहेने शान्त स्वरमें कहा- ' -'मुझे अपने तैरनेकी पोशाक नहीं मिल रही थी। मैं देख रहा था, कहीं तुमने तो नहीं पहनी है।'
चूहा इतना अज्ञानी था कि उसे यह भी आभास नहीं हुआ कि वह कितना छोटा है और हाथी कितना विशाल ! वह घमण्डमें चूर था। वस्तुतः हम लोग भी इस चूहेकी तरह ही हैं, जो अपने अहंमें ईश्वरकी महानताको नहीं समझ पाते हैं।
एक हाथी तो फिर भी शायद चूहेकी पोशाकमें घुस जाय, पर हम इंसान अपनी सीमित सामर्थ्य से सर्वव्यापी ईश्वरकी अपार महिमाका बोध करनेमें असमर्थ हैं। सृष्टिके आरम्भ से ही मनुष्यने ईश्वरकी महानताको मापना चाहा, पर असफल रहा।
बहुतसे धर्म ईश्वरका वर्णन करनेकी चेष्टामें मताग्रही और हठधर्मी हैं। बहुत कहते हैं, कर्म ही ईश्वर है और कई ऐसे हैं, जो ईश्वरका अस्तित्व ही नकारते हैं। ईश्वर समस्त बुद्धिके स्वामी हैं, सर्वव्यापी हैं; मनुष्यके मन, बुद्धि और कल्पना - शक्तिसे परे हैं। इसलिये जो महान् ऋषि ईश्वरकी खोजमें बहुत आगे बढ़ चुके हैं, उनका भी यही कहना है कि शब्दोंद्वारा ईश्वरतक पहुँचना या उनकी कल्पना करना असम्भव है।
'केनोपनिषद्' में कहा गया है
जिसने ईश्वरको नहीं देखा है, वह समझता है कि वह ईश्वरको जानता है। जिसने ईश्वरको देखा है, वह सोचता है, वह ईश्वरको जानता ही नहीं। महासागरके तटपर खड़ा व्यक्ति महासागरको तो देखता है, पर उसकी गहराई और विशालताको नहीं समझ पाता। इसी तरह हमारे संकुचित मन और अल्प दृष्टिसे यह सम्भव ही नहीं कि हम ईश्वरकी महिमाको जान सकें।



You may also like these:

आध्यात्मिक कथा माता जीजाबाई
हिन्दी कहानी प्रतिभाकी पहचान
बोध कथा ताओ-कथा
प्रेरक कहानी जहाँके तहाँ
शिक्षदायक कहानी कौन कबतक साथ देगा


eeshvarako kaun jaanata hai

eeshvarako kaun jaanata hai ?

(shreeraaghaveshvarajee bhaaratee )

ek baarakee baat hai, ek haathee taalaabamen naha raha thaa. ek chhotaa-sa chooha kaheense aakar haatheepar chillaane lagaa- 'haathee mahoday, turant taalaabase baahar aaiye.' haathee anasunee karake nahaata rahaa. chooha phir chillaayaa- 'paaneese jaldee nikalo. mujhe ati aavashyak baat karanee hai. der mat karo.'
haathee nahaata rahaa. chooha chidha़ gaya aur usane dhamakee bhare svaramen kahaa—'haathee mahoday, agar tum taalaabase naheen nikale to anjaam achchha naheen hogaa.' itana sunakar, haatheene nahaana chhoda़a aur taalaabase baahar nikalaa. choohene ghooma-phirakar haatheeko sarase paanvatak, soonda़se poonchhatak dekha, phir bola '
achchha, tum ab ja sakate ho.' haathee gussese tilamila gaya aur bolaa- 'tumane mujhe kyon pareshaan kiya ?'
choohene shaant svaramen kahaa- ' -'mujhe apane tairanekee poshaak naheen mil rahee thee. main dekh raha tha, kaheen tumane to naheen pahanee hai.'
chooha itana ajnaanee tha ki use yah bhee aabhaas naheen hua ki vah kitana chhota hai aur haathee kitana vishaal ! vah ghamandamen choor thaa. vastutah ham log bhee is choohekee tarah hee hain, jo apane ahanmen eeshvarakee mahaanataako naheen samajh paate hain.
ek haathee to phir bhee shaayad choohekee poshaakamen ghus jaay, par ham insaan apanee seemit saamarthy se sarvavyaapee eeshvarakee apaar mahimaaka bodh karanemen asamarth hain. srishtike aarambh se hee manushyane eeshvarakee mahaanataako maapana chaaha, par asaphal rahaa.
bahutase dharm eeshvaraka varnan karanekee cheshtaamen mataagrahee aur hathadharmee hain. bahut kahate hain, karm hee eeshvar hai aur kaee aise hain, jo eeshvaraka astitv hee nakaarate hain. eeshvar samast buddhike svaamee hain, sarvavyaapee hain; manushyake man, buddhi aur kalpana - shaktise pare hain. isaliye jo mahaan rishi eeshvarakee khojamen bahut aage badha़ chuke hain, unaka bhee yahee kahana hai ki shabdondvaara eeshvaratak pahunchana ya unakee kalpana karana asambhav hai.
'kenopanishad' men kaha gaya hai
jisane eeshvarako naheen dekha hai, vah samajhata hai ki vah eeshvarako jaanata hai. jisane eeshvarako dekha hai, vah sochata hai, vah eeshvarako jaanata hee naheen. mahaasaagarake tatapar khada़a vyakti mahaasaagarako to dekhata hai, par usakee gaharaaee aur vishaalataako naheen samajh paataa. isee tarah hamaare sankuchit man aur alp drishtise yah sambhav hee naheen ki ham eeshvarakee mahimaako jaan saken.

108 Views





Bhajan Lyrics View All

आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा

New Bhajan Lyrics View All

राम नाम है वो दीपक,
जो फैलाए जग में उजियारा,
अस्सी श्याम दीवाने हाँ,
कोई दर जचदा नहीं, खाटू वाले दे दीवाने
सुन ले वानरिया के बच्चा तुझको नहीं
बना रहयो बात क्यों,
जय श्री श्याम बोल आएगा, आएगा बाबा आएगा,
तू बनजा उसका बांवरा, अंग संग रहे तेरे
जय हो तेरी मेरे वीर हनुमन्ता,
जग में तेरा जय हनुमान जय हनुमान,