⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

पशुओं के प्रति भी दयावान् एक महापुरुष  [Shikshaprad Kahani]
Moral Story - Moral Story (Story To Read)

पशुओं के प्रति भी दयावान् एक महापुरुष

प्रातः कालका समय है। दिनके कोई सात बजे हैं। लोग सुबहकी सैरको जा रहे हैं। एक युवक भी विचारोंमें डूबा हुआ मस्त चालसे टहलता चला जा रहा है। उसका ध्यान सड़कके एक किनारेकी ओर जाता है। यह क्या है? उफ! कैसा करुण दृश्य है यह!
एक बीमार कुत्ता है। उसके कानके पास एक घाव है। शायद बेचारा किसीकी निर्मम लकड़ीकी मारका शिकार हुआ है ? रक्त वह रहा है। मक्खियाँ भिनभिना रही हैं। दुर्गन्धि उड़ रही है। वह पीड़ासे व्याकुल होकर कानको बार-बार फड़फड़ाता है, मक्खियाँ कुछ देरके लिये इधर-उधर उड़ती हैं, पर फिर बैठकर घावको पुनः गन्दा करने और खून चूसने लगती हैं।
युवक एक क्षण उस कुत्तेकी पीड़ाका अनुमान करता रहा! ओफ! कितना दर्दनाक दृश्य है! यह कुत्ता न बोल सकता है, न हकीम डॉक्टरसे मरहम-पट्टी करा सकता है। इसका दुःख देखनेवाला है ही कौन ? युवकके मनमें भगवान् जगे ।
वह सैरसे लौट पड़ा। अब उसके कदम समीपके वैद्यके औषधालयकी ओर तेजीसे बढ़ रहे थे।
'वैद्यजी। एक बीमारके लिये मरहम-पट्टी करानेकी जरूरत है! रोगीकी दशा चिन्ताजनक है!' वह कातर स्वरमें बोला।
आदमीकी आशा लगाये हुए वैद्यने उत्सुकतापूर्वक पूछा- 'कहिये, क्या बात है ? घरपर कौन बीमार है ?'
युवक बोला-'घरका तो कोई बीमार नहीं, पर जो बीमार है, उसे भी मैं परिवारके सदस्यसे कम नहीं मानता।'
वैद्यजीने पूछा- 'आखिर कौन है ?'
युवकने करुणाजनक स्वरमें कहा-'एक अनाथ कुत्तेके कानके पास घावमें कीड़े पड़ गये हैं। वह पीड़ासे बुरी तरह बेचैन है। एक क्षण भी चैनसे नहीं बैठ सकता। बेचैनीसे बार-बार पागल-जैसा हो कान फटफटा रहा है। मैं उसकी चिन्ताजनक हालतसे बड़ा दुखी और चिन्तित हूँ आप दया करके शीघ्र ही कोई दवा दे दीजिये।'
ओफ ! तो बस इतनी-सी बातके लिये आप परेशानहैं— वैद्यजी बोले, 'एक नाचीज कुत्तेके लिये तूफान मचाये हैं! मैं तो आपकी व्याकुल मुख-मुद्रासे घबरा उठा था।' उन्होंने एक दवा दे दी। फिर हँसकर बोले'मेरे दोस्त, परोपकारमें अपनेको सुरक्षित रखना । जानवर आखिर जानवर ही है। पीड़ाकी अवस्थामें कुत्ता लगभग आधा पागल-बेचैन रहता है हम तो मनुष्य मरीजको मुश्किलसे दवाइयाँ लगाते हैं। बीमार और घायल दवा लगाना कोई आसान काम नहीं है।'
वैद्य कहे जा रहे थे। धुनके पक्के उस युवकने इधर कोई ध्यान नहीं दिया। वह दौड़ा-दौड़ा कुत्तेके पास आया। घायल कुत्ता अब और भी अधिक बेचैन था। मक्खियोंने काट-काटकर उसे बुरी तरह परेशान कर रखा था। रास्तेसे और भी लोग आ-जा रहे थे। वे उसे रास्ता चलते घृणापूर्वक देखते और नाक-भौं सिकोड़कर तिरस्कारकी नजरें डालकर जल्दीसे आगे बढ़ जाते । युवकने न बदबूसे घृणाकर नाक दबायी, न उसके काटने से भयभीत ही हुआ। उसने साहसपूर्वक एक बाँसमें कपड़ा लपेटकर उसे दवामें भिगोकर घावपर धीरेसे स्पर्श किया। कुत्तेके घावपर तेज दवाने कुछ तेजी दिखायी, तो वह | तिलमिलाया। काटनेकी भी कोशिश की, किंतु साहसी युवक सेवामें डटा रहा, उसने उसकी कोई परवा नहीं की। वह अपने परोपकारके काममें तल्लीन रहा।
बीमार कुत्तेको कुछ शान्ति, कुछ लाभका अनुभव हुआ। दवाईके असरसे घावमें ठण्डक पहुँची और उसकी गन्धसे मक्खियाँ भी उड़ गयीं। उसे आराम मिला।
अब वह शान्तिपूर्वक लेटा था और युवक उसके पास आकर अच्छी तरह दवाई लगा रहा था। कुत्ता पूँछ | हिला-हिलाकर अपनी मूक कृतज्ञता प्रकट कर रहा था।
जहाँ और लोगोंने घायल और तड़पते कुत्तेकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया, वहाँ इस युवकका हृदय करुणासे द्रवित हो उठा था। क्या आप जानते हैं कि इस आदमीका क्या नाम था ? यह थे 'महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय', जिन्होंने भारतमें हिंदूधर्म, भारतीय संस्कृति और विद्याके क्षेत्रों में युगान्तर किया। डॉ0 श्रीरामचरणडी महेन्द्र']



You may also like these:

आध्यात्मिक कथा सबसे सुन्दर चित्र
बोध कथा सच्चा दान
आध्यात्मिक कथा दसवें तुम्हीं हो!
हिन्दी कहानी अनूठी विरक्ति
छोटी सी कहानी छाँड़ बिरानी आस
बोध कथा समयका मूल्य
हिन्दी कहानी श्रमकी महत्ता


pashuon ke prati bhee dayaavaan ek mahaapurusha

pashuon ke prati bhee dayaavaan ek mahaapurusha

praatah kaalaka samay hai. dinake koee saat baje hain. log subahakee sairako ja rahe hain. ek yuvak bhee vichaaronmen dooba hua mast chaalase tahalata chala ja raha hai. usaka dhyaan sada़kake ek kinaarekee or jaata hai. yah kya hai? upha! kaisa karun drishy hai yaha!
ek beemaar kutta hai. usake kaanake paas ek ghaav hai. shaayad bechaara kiseekee nirmam lakada़eekee maaraka shikaar hua hai ? rakt vah raha hai. makkhiyaan bhinabhina rahee hain. durgandhi uda़ rahee hai. vah peeda़aase vyaakul hokar kaanako baara-baar phada़phada़aata hai, makkhiyaan kuchh derake liye idhara-udhar uda़tee hain, par phir baithakar ghaavako punah ganda karane aur khoon choosane lagatee hain.
yuvak ek kshan us kuttekee peeda़aaka anumaan karata rahaa! opha! kitana dardanaak drishy hai! yah kutta n bol sakata hai, n hakeem daॉktarase marahama-pattee kara sakata hai. isaka duhkh dekhanevaala hai hee kaun ? yuvakake manamen bhagavaan jage .
vah sairase laut pada़aa. ab usake kadam sameepake vaidyake aushadhaalayakee or tejeese badha़ rahe the.
'vaidyajee. ek beemaarake liye marahama-pattee karaanekee jaroorat hai! rogeekee dasha chintaajanak hai!' vah kaatar svaramen bolaa.
aadameekee aasha lagaaye hue vaidyane utsukataapoorvak poochhaa- 'kahiye, kya baat hai ? gharapar kaun beemaar hai ?'
yuvak bolaa-'gharaka to koee beemaar naheen, par jo beemaar hai, use bhee main parivaarake sadasyase kam naheen maanataa.'
vaidyajeene poochhaa- 'aakhir kaun hai ?'
yuvakane karunaajanak svaramen kahaa-'ek anaath kutteke kaanake paas ghaavamen keeda़e pada़ gaye hain. vah peeda़aase buree tarah bechain hai. ek kshan bhee chainase naheen baith sakataa. bechaineese baara-baar paagala-jaisa ho kaan phataphata raha hai. main usakee chintaajanak haalatase bada़a dukhee aur chintit hoon aap daya karake sheeghr hee koee dava de deejiye.'
oph ! to bas itanee-see baatake liye aap pareshaanahain— vaidyajee bole, 'ek naacheej kutteke liye toophaan machaaye hain! main to aapakee vyaakul mukha-mudraase ghabara utha thaa.' unhonne ek dava de dee. phir hansakar bole'mere dost, paropakaaramen apaneko surakshit rakhana . jaanavar aakhir jaanavar hee hai. peeda़aakee avasthaamen kutta lagabhag aadha paagala-bechain rahata hai ham to manushy mareejako mushkilase davaaiyaan lagaate hain. beemaar aur ghaayal dava lagaana koee aasaan kaam naheen hai.'
vaidy kahe ja rahe the. dhunake pakke us yuvakane idhar koee dhyaan naheen diyaa. vah dauda़aa-dauda़a kutteke paas aayaa. ghaayal kutta ab aur bhee adhik bechain thaa. makkhiyonne kaata-kaatakar use buree tarah pareshaan kar rakha thaa. raastese aur bhee log aa-ja rahe the. ve use raasta chalate ghrinaapoorvak dekhate aur naaka-bhaun sikoda़kar tiraskaarakee najaren daalakar jaldeese aage baढ़ jaate . yuvakane n badaboose ghrinaakar naak dabaayee, n usake kaatane se bhayabheet hee huaa. usane saahasapoorvak ek baansamen kapada़a lapetakar use davaamen bhigokar ghaavapar dheerese sparsh kiyaa. kutteke ghaavapar tej davaane kuchh tejee dikhaayee, to vah | tilamilaayaa. kaatanekee bhee koshish kee, kintu saahasee yuvak sevaamen data raha, usane usakee koee parava naheen kee. vah apane paropakaarake kaamamen talleen rahaa.
beemaar kutteko kuchh shaanti, kuchh laabhaka anubhav huaa. davaaeeke asarase ghaavamen thandak pahunchee aur usakee gandhase makkhiyaan bhee uda़ gayeen. use aaraam milaa.
ab vah shaantipoorvak leta tha aur yuvak usake paas aakar achchhee tarah davaaee laga raha thaa. kutta poonchh | hilaa-hilaakar apanee mook kritajnata prakat kar raha thaa.
jahaan aur logonne ghaayal aur tada़pate kuttekee or koee dhyaan naheen diya, vahaan is yuvakaka hriday karunaase dravit ho utha thaa. kya aap jaanate hain ki is aadameeka kya naam tha ? yah the 'mahaamana pandit madanamohan maalaveeya', jinhonne bhaaratamen hindoodharm, bhaarateey sanskriti aur vidyaake kshetron men yugaantar kiyaa. daॉ0 shreeraamacharanadee mahendra']

129 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना

New Bhajan Lyrics View All

गणराज गणराज,
मोरे अंगना पधारो आज,
वेगी हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होये हमारो,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है...
ले रघुवर का नाम नर तर जाएगा,
भजन बिना भव सिंधु में गोता खाएगा॥
चाहे जितना ले ले कान्हा काहे को तरसता
ये प्यार भगतो की कुटिया में बरसता है,