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समूहमें शक्ति होती है  [Short Story]
Hindi Story - हिन्दी कहानी (Spiritual Story)

समूहमें शक्ति होती है

किसी वनमें एक तमालके वृक्षपर घोंसला बनाकर घटक पक्षी (गौरैया) का एक जोड़ा रहता था। कालान्तरमे । चटकाने अंडे दिये, अभी अंडोंसे बच्चे निकल भी न पाये। है कि एक दिन एक मतवाले हाथीने आकर वृक्षकी उस हाखाको तोड़ डाला, जिसपर चटक-दम्पतीका घोंसला था। चटक- दम्पती तो भाग्यवश बच गये, परंतु सारे अंडे फूट गये।
चटका व्यथित हृदय हो रुदन करने लगी, उसे किसी भी प्रकारसे शान्ति न मिल सकी। चटक-दम्पतीका साथी'कठफोरवा' नामका एक पक्षी था। चटकाको रुदन करते देख वह उसके समीप जाकर सान्त्वना देने लगा। चटकाने कहा- उस दुष्ट हाथीने हमारे घाँसलेको तोड़ दिया है और सारे अंडोंको भी फोड़ डाला है, अतः उसे दण्ड मिलना ही चाहिये। बिना उसे दण्ड दिलाये मेरे हृदयको शान्ति नहीं।
कठफोरवाने कहा- देवि! हमलोग उस हाथीके सामने तुच्छ हैं, परंतु संगठनमें बड़ी शक्ति होती है। हम लोग सामूहिकरूपसे प्रयास करके उससे बदला ले सकते हैं। मेरी मित्र 'वीणारवा' नामकी एक मक्खी है, मैं उससे भी सहायता करनेको कहूँगा।
चटकाको आश्वासन देकर कठफोरवा 'वीणारवा' मक्खीके पास गया। वीणारवाने चटकाकी दुःखद घटना सुनकर कहा कि मैं तुम्हारी सहायता अवश्य करूंगी, पर तुम्हें मेरे मित्र 'मेघनाद' नामक मेढकके पास चलना होगा। वह बहुत ही बुद्धिमान् है और उसको योजनासे हमलोग अवश्य ही हाथीको पराजित कर सकेंगे।
कठफोरवा और वीणारवाकी बात सुनकर मेघनादने कहा- हम जीव समुदायके संगठनके समक्ष वह हाथी क्या चीज है? इसलिये आप सब मेरी योजनानुसार काम करें। कल दोपहरमें बीणारवा मक्खी हाथीके कानके पास जाकर वीणा जैसी मधुर ध्वनिका गुंजार करेगी, जिसे सुनकर हाथी मुग्ध हो अपने नेत्र बन्द कर लेगा। ठीक उसी समय कठफोरवा हाथीकी दोनों आँखोंको अपनी सूजे-जैसी चोंचसे फोड़ देगा। अन्धा हाथी जब प्याससे व्याकुल होगा तो मैं एक बड़े गड्डेके पाससे अपने परिवारजनोंक साथ टर्र-टर्रकी आवाज करूंगा, जिससे उसे जलका भ्रम होगा और वह गड्ढे में आकर
गिर जायगा तथा भूख-प्याससे तड़प-तड़पकर मर जायगा।
अगले दिन उन सबने इसी प्रकार योजनाबद्ध ढंगसे हाथीको अन्धा करके गड्ढे में गिरा दिया और वह मदमत्त हाथी वहीं भूखा-प्यासा तड़प-तड़पकर मर गया।
इस प्रकार नीति यह बताती है कि समूहमें बड़ी शक्ति होती है। संगठन और समूह भावनासे कार्य करनेपर बड़े-से-बड़ा कार्य भी सम्भव हो जाता है। मैत्री भावसे सभी कार्य सम्पन्न हो जाते हैं और सन्तोष भी प्राप्त होता है। [पंचतन्त्र, मित्रभेद]



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samoohamen shakti hotee hai

samoohamen shakti hotee hai

kisee vanamen ek tamaalake vrikshapar ghonsala banaakar ghatak pakshee (gauraiyaa) ka ek joda़a rahata thaa. kaalaantarame . chatakaane ande diye, abhee andonse bachche nikal bhee n paaye. hai ki ek din ek matavaale haatheene aakar vrikshakee us haakhaako toda़ daala, jisapar chataka-dampateeka ghonsala thaa. chataka- dampatee to bhaagyavash bach gaye, parantu saare ande phoot gaye.
chataka vyathit hriday ho rudan karane lagee, use kisee bhee prakaarase shaanti n mil sakee. chataka-dampateeka saathee'kathaphoravaa' naamaka ek pakshee thaa. chatakaako rudan karate dekh vah usake sameep jaakar saantvana dene lagaa. chatakaane kahaa- us dusht haatheene hamaare ghaansaleko toda़ diya hai aur saare andonko bhee phoda़ daala hai, atah use dand milana hee chaahiye. bina use dand dilaaye mere hridayako shaanti naheen.
kathaphoravaane kahaa- devi! hamalog us haatheeke saamane tuchchh hain, parantu sangathanamen bada़ee shakti hotee hai. ham log saamoohikaroopase prayaas karake usase badala le sakate hain. meree mitr 'veenaaravaa' naamakee ek makkhee hai, main usase bhee sahaayata karaneko kahoongaa.
chatakaako aashvaasan dekar kathaphorava 'veenaaravaa' makkheeke paas gayaa. veenaaravaane chatakaakee duhkhad ghatana sunakar kaha ki main tumhaaree sahaayata avashy karoongee, par tumhen mere mitr 'meghanaada' naamak medhakake paas chalana hogaa. vah bahut hee buddhimaan hai aur usako yojanaase hamalog avashy hee haatheeko paraajit kar sakenge.
kathaphorava aur veenaaravaakee baat sunakar meghanaadane kahaa- ham jeev samudaayake sangathanake samaksh vah haathee kya cheej hai? isaliye aap sab meree yojanaanusaar kaam karen. kal dopaharamen beenaarava makkhee haatheeke kaanake paas jaakar veena jaisee madhur dhvanika gunjaar karegee, jise sunakar haathee mugdh ho apane netr band kar legaa. theek usee samay kathaphorava haatheekee donon aankhonko apanee sooje-jaisee chonchase phoda़ degaa. andha haathee jab pyaasase vyaakul hoga to main ek bada़e gaddeke paasase apane parivaarajanonk saath tarra-tarrakee aavaaj karoonga, jisase use jalaka bhram hoga aur vah gaddhe men aakara
gir jaayaga tatha bhookha-pyaasase tada़pa-tada़pakar mar jaayagaa.
agale din un sabane isee prakaar yojanaabaddh dhangase haatheeko andha karake gaddhe men gira diya aur vah madamatt haathee vaheen bhookhaa-pyaasa tada़pa-tada़pakar mar gayaa.
is prakaar neeti yah bataatee hai ki samoohamen bada़ee shakti hotee hai. sangathan aur samooh bhaavanaase kaary karanepar bada़e-se-bada़a kaary bhee sambhav ho jaata hai. maitree bhaavase sabhee kaary sampann ho jaate hain aur santosh bhee praapt hota hai. [panchatantr, mitrabheda]

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