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कर सौं तलवार गहौ जगदंबा  [हिन्दी कथा]
Moral Story - Hindi Story (Spiritual Story)

जीवन मिश्र नामके एक पण्डित थे। वे देवीके भक्त थे। एक दिन वे कहींसे देवीको पूजा करवाके आ रहे थे। उनके पास बहुत रुपये थे। रास्तेमें उनको चोरोंने घेर लिया और कहा- 'तुम्हारे पास जो कुछ है सब दे दो, नहीं तो, हम तुमको मार डालेंगे।' तब जीवन मिश्रने कहा -'जग जीवन जानि पुकारि कहै कर सौं तलवार गहौ जगदंबा ।' उसी समय एक बिलकुल नंगी स्त्री हाथमें तलवार लिये वहाँ आयी और चोरोंसे सब धन जीवन मिश्रको दिलवा दिया तथा चोर अंधे हो गये। कुछ दिनों बाद जब चोरोंने जीवन मिश्रकी बहुत खुशामद की, तब उनकी आँखें ठीक हुईं।



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kar saun talavaar gahau jagadanbaa

jeevan mishr naamake ek pandit the. ve deveeke bhakt the. ek din ve kaheense deveeko pooja karavaake a rahe the. unake paas bahut rupaye the. raastemen unako choronne gher liya aur kahaa- 'tumhaare paas jo kuchh hai sab de do, naheen to, ham tumako maar daalenge.' tab jeevan mishrane kaha -'jag jeevan jaani pukaari kahai kar saun talavaar gahau jagadanba .' usee samay ek bilakul nangee stree haathamen talavaar liye vahaan aayee aur choronse sab dhan jeevan mishrako dilava diya tatha chor andhe ho gaye. kuchh dinon baad jab choronne jeevan mishrakee bahut khushaamad kee, tab unakee aankhen theek hueen.

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तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
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बालम बोलो कब आओगे॥
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फिर डरने की क्या बात है
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