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जार्ज वाशिंगटनका त्याग  [Short Story]
आध्यात्मिक कथा - Story To Read (प्रेरक कथा)

जार्ज वाशिंगटनका त्याग

पहले संयुक्त राज्य अमेरिका इंग्लैण्डके अधीन था। इंग्लैण्डकी दासतासे मुक्ति पानेके लिये अमेरिकाको एक युद्ध लड़ना पड़ा था; जो इतिहासमें अमेरिकाके स्वातन्त्र्य युद्धके नामसे प्रसिद्ध है। इस युद्धमें अमेरिका विजयी रहा। इस विजयका सारा श्रेय जार्ज वाशिंगटन (1732 1799 ई0) को था। वाशिंगटन एक लोकप्रिय नेता और सफल सेनानायक थे। अपने सैनिकोंमें वे बहुत ही लोकप्रिय थे। अमरीकी सैनिक उनके लिये प्राण देते थे। इस प्रेम और भक्तिका फल यह हुआ कि कुछ सैनिक अधिकारियोंने चुपके-चुपके इस बातकी तैयारी प्रारम्भ कर दी कि जार्ज वाशिंगटनको संयुक्त राज्य अमेरिकाका सम्राट् घोषित किया जाय और उनसे एक नये राजवंशकी स्थापना हो। जब सेनाका अधिकांश भाग इसके लिये
तैयार कर लिया गया, तब इस मामलेमें जो सबसे अधिक उत्साह दिखला रहे थे, उन कर्नल निकोलाने वाशिंगटनको इस शुभ अवसरके लिये तैयार हो जानेको लिखा । वाशिंगटनने पत्र प्राप्त करके निकोलाको पत्रका जो मुँहतोड़ उत्तर लिखा, उसका कुछ अंश इस प्रकार है
न्यूवर्ग, मई 22 सन् 1782
श्रीमान् !
....मैं श्रीमान्‌को विश्वास दिलाता हूँ कि सारे युद्धके दौरान मुझे किसी भी घटनासे इतना कष्ट नहीं पहुँचा, जितना कि इस समाचारसे कि सेनामें इस प्रकारकी विचारधारा चल रही है, जैसा कि आपने अपने पत्रमें प्रकट किया है। मैं ऐसे विचारोंसे घृणा करता हूँ और उनकी कठोर निन्दा करता हूँ।
मैं नहीं समझ पाता कि मेरे किस आचरणसे आपको मेरे सामने ऐसा प्रस्ताव रखनेका साहस हुआ यदि आपको अपने देशका, अपना या आनेवाली संततियोंका कुछ भी ध्यान है, यदि आपके हृदयमें मेरे प्रति कुछ भी सम्मानकी भावना है तो आप इस प्रकारके विचारोंको अपने मनसे निकाल दीजिये। प्रणाम!
मैं हूँ श्रीमान् ! आपका आज्ञाकारी
सेवक — जार्ज वाशिंगटन
जार्ज वाशिंगटन अमेरिकाके प्रथम राष्ट्रपति थे। 1 दुबारा भी वे ही राष्ट्रपति चुने गये। तीसरी बार भी जनता सर्वसम्मति से उन्हींको राष्ट्रपति बनाना चाहती थी, परंतु उन्होंने यह कहकर उस पदको अस्वीकार कर दिया कि 'बार-बार एक ही व्यक्तिके राष्ट्रपति बननेसे कहीं राजतन्त्र या अधिनायकवादकी नींव न पड़ जाय।'



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jaarj vaashingatanaka tyaaga

jaarj vaashingatanaka tyaaga

pahale sanyukt raajy amerika inglaindake adheen thaa. inglaindakee daasataase mukti paaneke liye amerikaako ek yuddh lada़na pada़a thaa; jo itihaasamen amerikaake svaatantry yuddhake naamase prasiddh hai. is yuddhamen amerika vijayee rahaa. is vijayaka saara shrey jaarj vaashingatan (1732 1799 ee0) ko thaa. vaashingatan ek lokapriy neta aur saphal senaanaayak the. apane sainikonmen ve bahut hee lokapriy the. amareekee sainik unake liye praan dete the. is prem aur bhaktika phal yah hua ki kuchh sainik adhikaariyonne chupake-chupake is baatakee taiyaaree praarambh kar dee ki jaarj vaashingatanako sanyukt raajy amerikaaka samraat ghoshit kiya jaay aur unase ek naye raajavanshakee sthaapana ho. jab senaaka adhikaansh bhaag isake liye
taiyaar kar liya gaya, tab is maamalemen jo sabase adhik utsaah dikhala rahe the, un karnal nikolaane vaashingatanako is shubh avasarake liye taiyaar ho jaaneko likha . vaashingatanane patr praapt karake nikolaako patraka jo munhatoda़ uttar likha, usaka kuchh ansh is prakaar hai
nyoovarg, maee 22 san 1782
shreemaan !
....main shreemaan‌ko vishvaas dilaata hoon ki saare yuddhake dauraan mujhe kisee bhee ghatanaase itana kasht naheen pahuncha, jitana ki is samaachaarase ki senaamen is prakaarakee vichaaradhaara chal rahee hai, jaisa ki aapane apane patramen prakat kiya hai. main aise vichaaronse ghrina karata hoon aur unakee kathor ninda karata hoon.
main naheen samajh paata ki mere kis aacharanase aapako mere saamane aisa prastaav rakhaneka saahas hua yadi aapako apane deshaka, apana ya aanevaalee santatiyonka kuchh bhee dhyaan hai, yadi aapake hridayamen mere prati kuchh bhee sammaanakee bhaavana hai to aap is prakaarake vichaaronko apane manase nikaal deejiye. pranaama!
main hoon shreemaan ! aapaka aajnaakaaree
sevak — jaarj vaashingatan
jaarj vaashingatan amerikaake pratham raashtrapati the. 1 dubaara bhee ve hee raashtrapati chune gaye. teesaree baar bhee janata sarvasammati se unheenko raashtrapati banaana chaahatee thee, parantu unhonne yah kahakar us padako asveekaar kar diya ki 'baara-baar ek hee vyaktike raashtrapati bananese kaheen raajatantr ya adhinaayakavaadakee neenv n paड़ jaaya.'

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