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जीवन-दर्शन  [Hindi Story]
Shikshaprad Kahani - Moral Story (Hindi Story)

एमरसन अमेरिकाके महान् दार्शनिक और विचारक थे। वे अपने समयके बहुत बड़े तत्त्वज्ञ थे। उनका सम्पूर्ण जीवन अन्तरात्मा-परमात्माके चरणोंपर समर्पित था। वे कहा करते थे कि परमात्मासे ही सम्बन्ध रखना चाहिये। उनके चिन्तनसे जोवन अमृतमय हो उठता है। संसारकी वस्तुएँ नश्वर और क्षणभङ्गुर हैं। इनका विश्वास नहीं करना चाहिये।

एक दिन वे एकान्तमें बैठकर भगवान्‌का चिन्तन कर रहे थे कि अचानक एक मित्रने उनकी परीक्षा ली। मित्रने अपने-आपको विशेष चिन्तासे संतप्त प्रकट किया।

'कुछ कहोगे भी कि क्या बात है। तुम्हारी चिन्ताका कारण मैं भी तो जानूँ।' एमरसन अपने मित्रकी ओर देखने लगे।‘भाई! कुछ मत पूछो। हमलोगोंके भाग्यमें ऐसा ही होना था। क्या आप जानते नहीं हैं कि आज रातको ही सम्पूर्ण संसार कालके गाल में समा जायेगा। प्रलय उपस्थित है।' मित्र विस्मित था ।

एमरसनके मनमें आनन्द थिरक उठा। वे इस समाचारसे बहुत प्रसन्न दीख पड़े।

'मित्र ! आपने बड़ी अच्छी बात बतायी। इससे बढ़कर शुभ समाचार दूसरा हो ही क्या सकता है? इस संसारके बिना भी मनुष्य बड़े आराम और सुखसे रह सकता है। ईश्वरीय राज्य आयेगा और मनुष्य अपने क्षणभङ्गुर जीवनमें सच्ची शान्ति और वास्तविक सत्यका अनुभव करेगा।' एमरसनने धन्यवाद दिया, वे निश्चिन्त थे। मित्र अपना-सा मुँह लेकर नौ-दो ग्यारह हो गया। - रा0 श्री0



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jeevana-darshana

emarasan amerikaake mahaan daarshanik aur vichaarak the. ve apane samayake bahut bada़e tattvajn the. unaka sampoorn jeevan antaraatmaa-paramaatmaake charanonpar samarpit thaa. ve kaha karate the ki paramaatmaase hee sambandh rakhana chaahiye. unake chintanase jovan amritamay ho uthata hai. sansaarakee vastuen nashvar aur kshanabhangur hain. inaka vishvaas naheen karana chaahiye.

ek din ve ekaantamen baithakar bhagavaan‌ka chintan kar rahe the ki achaanak ek mitrane unakee pareeksha lee. mitrane apane-aapako vishesh chintaase santapt prakat kiyaa.

'kuchh kahoge bhee ki kya baat hai. tumhaaree chintaaka kaaran main bhee to jaanoon.' emarasan apane mitrakee or dekhane lage.‘bhaaee! kuchh mat poochho. hamalogonke bhaagyamen aisa hee hona thaa. kya aap jaanate naheen hain ki aaj raatako hee sampoorn sansaar kaalake gaal men sama jaayegaa. pralay upasthit hai.' mitr vismit tha .

emarasanake manamen aanand thirak uthaa. ve is samaachaarase bahut prasann deekh pada़e.

'mitr ! aapane bada़ee achchhee baat bataayee. isase badha़kar shubh samaachaar doosara ho hee kya sakata hai? is sansaarake bina bhee manushy bada़e aaraam aur sukhase rah sakata hai. eeshvareey raajy aayega aur manushy apane kshanabhangur jeevanamen sachchee shaanti aur vaastavik satyaka anubhav karegaa.' emarasanane dhanyavaad diya, ve nishchint the. mitr apanaa-sa munh lekar nau-do gyaarah ho gayaa. - raa0 shree0

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