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जीवन-व्रत  [Moral Story]
Story To Read - हिन्दी कथा (छोटी सी कहानी)

'आपको अवश्य जाना चाहिये; सिकन्दर उदार है; अभी कल ही उसने पोरस (पुरु) महाराजके साथ राजाका-सा बर्तावकर जो उदारता दिखायी है, उसके कारण भारतीय इतिहासमें वह अमर हो गया।' महात्मा मन्दनीसने कालानूस (कल्याण) को अपने दर्शनसे धन्य करनेकी प्रेरणा दी। दोनों उच्च कोटिके संत थे। तक्षशिलासे तीन मीलकी दूरीपर नदीतटके एक नितान्त निर्जन वनमें एकान्त सेवन करते थे। मृगचर्म औरमिट्टीके करवा तथा भिक्षाद्वारा प्राप्त अन्न ही उनके जीवन-निर्वाहके साधन थे। उनका आचरण अत्यन्त तपोमय था । यूनानी शासक सिकन्दरकी बड़ी इच्छा थी - उनके दर्शनकी ।

'सिकन्दरका अलंकार महती सेना है; संतमण्डलीसे उसका क्या काम है ? वह नदी, पहाड़ और पृथ्वीपर शासन करनेवाला है; हमारा मन और आत्मापर शासन है। यह कदापि उचित नहीं है कि मैं उसके साथ भारतसे बाहरजाऊँ।' कालानूस इस तरह निवेदन कर ही रहे थे कि सिकन्दरने घोड़ेसे उतरकर दोनों संतोंका अभिवादन किया। यूनानी विजेता कुशके आसनपर बैठ गया।

'मैं समझता हूँ कि मेरे साथ आपको वह शान्ति नहीं मिलेगी जो आप भरतखण्डके पवित्र पञ्चनद देशमें प्राप्त कर रहे हैं, पर आप ही बतायें कि सुकरात, प्लेटो और अरिस्टाटिल ( अरस्तू) तथा पीथागोरसका देश यूनान किस प्रकार भारतीय ज्ञानामृत सागरमें स्नान कर सकेगा? आप मेरे लिये नहीं तो यूनानके असंख्य प्राणियोंको ज्ञान देनेके लिये अवश्य चलें। एक विदेशी जगद्गुरु भारतसे दूसरी भिक्षा ही क्या माँग सकता है ?' सिकन्दरने संतकी कृपादृष्टिकी याचना की और मन्दनीसके संकेतपर कालानूसने सिकन्दरके साथ जानेकी स्वीकृति दे दी।

'ज्वराक्रान्त होना हमारे जीवनकी पहली घटना है, सिकन्दर!" तिहत्तर सालकी अवस्थावाले संतने फारसकेशिबिरमें अपनी बीमारीका विवरण दिया। जलवायु अनुकूल न होनेसे वे रुग्ण थे।

'पर आपका जीवन-व्रत तो अमित भयंकर है। यह तो आपके देशके महात्माओंका हठमात्र है कि रुग्ण होनेपर शरीर त्याग कर दिया जाय।' सिकन्दर बड़े आश्चर्यमें था

'यह हठ नहीं, जीवनकी कठोर वास्तविकता है। हमारे सदाचार और ब्रह्मचर्य पालनमें इतना बल है रुग्णता क्या - मृत्युको भी एक बार लौट जाना पड़ता है।' भारतीय महात्मा कालानूसने चिता प्रज्वलित करनेका संकेत किया।

'यह शरीर अपवित्र है, इसमें पवित्रतम चिन्मय तत्त्व - आत्मा (परमात्मा) का वास अब मेरे लिये सह्य नहीं है। रोग पापसे आते हैं। मैं अपने पाप- शरीरको सजीव नहीं रख सकता।' कालानूस जलती चितामें बैठ गये। लाल-लाल लपटोंने गगनके अधर चूम लिये।

-रा0 श्री0



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jeevana-vrata

'aapako avashy jaana chaahiye; sikandar udaar hai; abhee kal hee usane poras (puru) mahaaraajake saath raajaakaa-sa bartaavakar jo udaarata dikhaayee hai, usake kaaran bhaarateey itihaasamen vah amar ho gayaa.' mahaatma mandaneesane kaalaanoos (kalyaana) ko apane darshanase dhany karanekee prerana dee. donon uchch kotike sant the. takshashilaase teen meelakee dooreepar nadeetatake ek nitaant nirjan vanamen ekaant sevan karate the. mrigacharm auramitteeke karava tatha bhikshaadvaara praapt ann hee unake jeevana-nirvaahake saadhan the. unaka aacharan atyant tapomay tha . yoonaanee shaasak sikandarakee bada़ee ichchha thee - unake darshanakee .

'sikandaraka alankaar mahatee sena hai; santamandaleese usaka kya kaam hai ? vah nadee, pahaada़ aur prithveepar shaasan karanevaala hai; hamaara man aur aatmaapar shaasan hai. yah kadaapi uchit naheen hai ki main usake saath bhaaratase baaharajaaoon.' kaalaanoos is tarah nivedan kar hee rahe the ki sikandarane ghoda़ese utarakar donon santonka abhivaadan kiyaa. yoonaanee vijeta kushake aasanapar baith gayaa.

'main samajhata hoon ki mere saath aapako vah shaanti naheen milegee jo aap bharatakhandake pavitr panchanad deshamen praapt kar rahe hain, par aap hee bataayen ki sukaraat, pleto aur aristaatil ( arastoo) tatha peethaagorasaka desh yoonaan kis prakaar bhaarateey jnaanaamrit saagaramen snaan kar sakegaa? aap mere liye naheen to yoonaanake asankhy praaniyonko jnaan deneke liye avashy chalen. ek videshee jagadguru bhaaratase doosaree bhiksha hee kya maang sakata hai ?' sikandarane santakee kripaadrishtikee yaachana kee aur mandaneesake sanketapar kaalaanoosane sikandarake saath jaanekee sveekriti de dee.

'jvaraakraant hona hamaare jeevanakee pahalee ghatana hai, sikandara!" tihattar saalakee avasthaavaale santane phaarasakeshibiramen apanee beemaareeka vivaran diyaa. jalavaayu anukool n honese ve rugn the.

'par aapaka jeevana-vrat to amit bhayankar hai. yah to aapake deshake mahaatmaaonka hathamaatr hai ki rugn honepar shareer tyaag kar diya jaaya.' sikandar bada़e aashcharyamen thaa

'yah hath naheen, jeevanakee kathor vaastavikata hai. hamaare sadaachaar aur brahmachary paalanamen itana bal hai rugnata kya - mrityuko bhee ek baar laut jaana pada़ta hai.' bhaarateey mahaatma kaalaanoosane chita prajvalit karaneka sanket kiyaa.

'yah shareer apavitr hai, isamen pavitratam chinmay tattv - aatma (paramaatmaa) ka vaas ab mere liye sahy naheen hai. rog paapase aate hain. main apane paapa- shareerako sajeev naheen rakh sakataa.' kaalaanoos jalatee chitaamen baith gaye. laala-laal lapatonne gaganake adhar choom liye.

-raa0 shree0

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