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महान् वैज्ञानिककी विनम्रता  [हिन्दी कहानी]
Spiritual Story - आध्यात्मिक कथा (Short Story)

अलबर्ट आइंस्टीनने हमारे जगत्का चित्र ही बदल दिया। परमाणु युग, वह चाहे हमारे वृद्धि या विनाश जिस किसीका भी हेतु क्यों न हो, उसके पिता आइंस्टीन ही रहे। उन दिनों जब वे परमाणु-बम सम्बन्धी अनुसंधानमें व्यस्त थे, प्रायः व्यंग करते हुए कहते – 'यदि मेरी खोज, मेरा सिद्धान्त ठीक सिद्ध हुआ तब तो जर्मनी मुझे महान् जर्मनवासी कहकर अभिनन्दन करेगा और फ्रांसवाले कहेंगे कि आइंस्टीन विश्वका महान् नागरिक है। पर यदि यह मिथ्या सिद्ध हुआ तो ये ही फ्रांसवाले मुझे जर्मनवासी कहने लगेंगेऔर जर्मनवाले मुझे यहूदी कहेंगे ।'

1952 के नवंबरमें इसराइलके अध्यक्ष डाक्टर चैम वेज़मेनकी मृत्युपर इसराइल सरकारने आइंस्टीनसे अध्यक्षता स्वीकार करनेकी प्रार्थना की। पर उन्होंने यह कहकर उनके प्रस्तावको अस्वीकार कर दिया कि 'यद्यपि मैं आपके इस प्रस्तावका बड़ा आभारी हूँ, पर मैं इस पदके योग्य नहीं हूँ; क्योंकि जन-सेवा-कार्य तथा राजनीति-क्षेत्रमें मैं अपनेको तनिक भी दक्ष अथवा कुशल नहीं मानता।' इसपर इसराइलकी नवनिर्मित यहूदी सरकार आश्चर्यसे दंग रह गयी।



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mahaan vaijnaanikakee vinamrataa

alabart aainsteenane hamaare jagatka chitr hee badal diyaa. paramaanu yug, vah chaahe hamaare vriddhi ya vinaash jis kiseeka bhee hetu kyon n ho, usake pita aainsteen hee rahe. un dinon jab ve paramaanu-bam sambandhee anusandhaanamen vyast the, praayah vyang karate hue kahate – 'yadi meree khoj, mera siddhaant theek siddh hua tab to jarmanee mujhe mahaan jarmanavaasee kahakar abhinandan karega aur phraansavaale kahenge ki aainsteen vishvaka mahaan naagarik hai. par yadi yah mithya siddh hua to ye hee phraansavaale mujhe jarmanavaasee kahane lagengeaur jarmanavaale mujhe yahoodee kahenge .'

1952 ke navanbaramen isaraailake adhyaksh daaktar chaim veja़menakee mrityupar isaraail sarakaarane aainsteenase adhyakshata sveekaar karanekee praarthana kee. par unhonne yah kahakar unake prastaavako asveekaar kar diya ki 'yadyapi main aapake is prastaavaka bada़a aabhaaree hoon, par main is padake yogy naheen hoon; kyonki jana-sevaa-kaary tatha raajaneeti-kshetramen main apaneko tanik bhee daksh athava kushal naheen maanataa.' isapar isaraailakee navanirmit yahoodee sarakaar aashcharyase dang rah gayee.

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हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
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जय राधे राधे, राधे राधे
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