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भगवन्नामसे रोगनाश  [Hindi Story]
शिक्षदायक कहानी - प्रेरक कथा (Hindi Story)

(1)

कुछ वर्ष पूर्वकी घटना है। एक सेठजी गाँजा पीनेकी आदतसे लाचार थे। वे एक बार एक संन्यासीके पास गये और भगवत्-मार्गमें लगनेकी तदबीर पूछने लगे। जब स्वामीजीको गाँजाकी बात मालूम हुई, तब उन्होंने सेठजीसे बाततक भी न की और उन्हें बिदा कर दिया। दूसरे दिन सेठजी आकर रोने लगे । स्वामीजीने कहा- 'तुम रातको सोनेके पूर्व दस हजार भगवन्नाम ले लिया करो।'

आश्चर्य! थोड़े ही दिनोंमें उनकी यह बुरी आदत बिलकुल छूट गयी।

(2)

डाक्टरोंने एक विद्वान् सज्जनके खंखारकी परीक्षाकर यक्ष्मा घोषित कर दिया। अब तो वे बेचारे क्षयरोगके आतङ्कसे लगे गलने और लगे जगह-जगहकी ख़ाक छानने। सभी प्रमुख डॉक्टर-वैद्योंकी शरणमें गये और उन सबकी चिकित्सा करायी, पर वह सब निष्फल गयी।

एक दिन निराश होकर वे घरसे भाग निकले। थोड़ी ही दूर गये थे कि थक गये और हारकर गिर पड़े। उसी रास्तेसे कुछ वैष्णव साधु जा रहे थे जो चिमटे बजा-बजाकर जोर-जोरसे 'सीताराम सीताराम' गा रहे थे। इन सज्जनने भी पूरी शक्ति लगाकर 'सीताराम सीताराम' कहना शुरू किया। अब वे 'सीताराम' मन्त्र जपकी शरण हो गये। पता लगनेपर घरवाले उन्हें उठाकर घर लाये, पर उन्होंने 'सीताराम' कहना नहीं छोड़ा।
कुछ ही दिनों बाद उनकी हालत सुधरने लगी और वे बिलकुल ठीक हो गये । तदनन्तर उन्होंने इस सीतारामके अतिरिक्त किसी भी डॉक्टर- वैद्यकी औषधको - जिसे वे जहर कहते थे, कभी न लेनेकी ही शपथ कर ली

(3)

एक आदमीके सिरमें भयानक पीड़ा थी। वहदर्दके मारे कराह रहा था। उसको एक दूसरे मित्रने राम-राम कहकर कराहनेकी सम्मति दी। पता नहीं उसने क्या किया? पर एक दूसरे सज्जनने उसे ध्यानमें रख लिया, क्योंकि उन्हें भी सिर-दर्द होता था। अब जब उन्हें सिर-दर्द होता, तब वे रामनामका प्रयोग आरम्भ कर देते। उन्हें तत्काल लाभ होने लगा अन्तमें इस रोगने उनका पिण्ड ही छोड़ दिया । – जा0 श0



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bhagavannaamase roganaasha

(1)

kuchh varsh poorvakee ghatana hai. ek sethajee gaanja peenekee aadatase laachaar the. ve ek baar ek sannyaaseeke paas gaye aur bhagavat-maargamen laganekee tadabeer poochhane lage. jab svaameejeeko gaanjaakee baat maaloom huee, tab unhonne sethajeese baatatak bhee n kee aur unhen bida kar diyaa. doosare din sethajee aakar rone lage . svaameejeene kahaa- 'tum raatako soneke poorv das hajaar bhagavannaam le liya karo.'

aashcharya! thoda़e hee dinonmen unakee yah buree aadat bilakul chhoot gayee.

(2)

daaktaronne ek vidvaan sajjanake khankhaarakee pareekshaakar yakshma ghoshit kar diyaa. ab to ve bechaare kshayarogake aatankase lage galane aur lage jagaha-jagahakee kha़aak chhaanane. sabhee pramukh daॉktara-vaidyonkee sharanamen gaye aur un sabakee chikitsa karaayee, par vah sab nishphal gayee.

ek din niraash hokar ve gharase bhaag nikale. thoda़ee hee door gaye the ki thak gaye aur haarakar gir pada़e. usee raastese kuchh vaishnav saadhu ja rahe the jo chimate bajaa-bajaakar jora-jorase 'seetaaraam seetaaraama' ga rahe the. in sajjanane bhee pooree shakti lagaakar 'seetaaraam seetaaraama' kahana shuroo kiyaa. ab ve 'seetaaraama' mantr japakee sharan ho gaye. pata laganepar gharavaale unhen uthaakar ghar laaye, par unhonne 'seetaaraama' kahana naheen chhoda़aa.
kuchh hee dinon baad unakee haalat sudharane lagee aur ve bilakul theek ho gaye . tadanantar unhonne is seetaaraamake atirikt kisee bhee daॉktara- vaidyakee aushadhako - jise ve jahar kahate the, kabhee n lenekee hee shapath kar lee

(3)

ek aadameeke siramen bhayaanak peeda़a thee. vahadardake maare karaah raha thaa. usako ek doosare mitrane raama-raam kahakar karaahanekee sammati dee. pata naheen usane kya kiyaa? par ek doosare sajjanane use dhyaanamen rakh liya, kyonki unhen bhee sira-dard hota thaa. ab jab unhen sira-dard hota, tab ve raamanaamaka prayog aarambh kar dete. unhen tatkaal laabh hone laga antamen is rogane unaka pind hee chhoda़ diya . – jaa0 sha0

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