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भगवान्की मूर्ति बोल उठी  [Hindi Story]
हिन्दी कहानी - शिक्षदायक कहानी (Hindi Story)

मधुर कविके गुरुका नाम नम्माळवार- शठकोप था। वे तिरुक्कुरुकूर - श्रीनगरीमें उत्पन्न हुए थे। इनके जन्म लेते ही माता-पिताने इन्हें भगवान्‌के मन्दिरमें भेंट चढ़ा दिया, और कहते हैं मन्दिरमें प्रवेश करते ही ये चलने लगे थे और मन्दिरके समीप इमलीके पेड़के कोटरमें जाकर आँखें मूँदकर ध्यानस्थ हो गये। इन्हें शरीरका ज्ञान बिलकुल नहीं था, इसीलिये इन्हें 'शठकोप' भी कहा जाता है। इन्होंने बहुतसे पद बनाये थे, उनका दक्षिणमें बहुत प्रचार है और 'सामवेदका सार' के नामसे उनकी ख्याति है।तमिळ भाषाके अत्युत्कृष्ट कवि कंबन्ने जब तमिळ रामायणकी रचना की तब सर्वप्रथम उन्होंने अपनी कृति भगवान् श्रीरङ्गनाथके चरणोंमें ले जाकर रख दी। इसपर मूर्तिसे उत्तर मिला- 'क्या तुमने शठकोपका चरित्र भी गाया है ?' कंबन्ने उत्तर दिया, 'नहीं, प्रभो ! क्षमा करें। अब मैं आपकी आज्ञाका पालन करूँगा।' इसके बाद उन्होंने अपनी रामायणके आदिमें नम्माळवारकी स्तुति जोड़ दी। जब शठकोपने भगवान् श्रीरङ्गनाथके सामने अपने पदोंको गाकर सुनाया, तब मूर्ति बोल उठी——ये हमारे आळवार (नम् आळवार) हैं।' – शि0 दु0



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bhagavaankee moorti bol uthee

madhur kavike guruka naam nammaalavaara- shathakop thaa. ve tirukkurukoor - shreenagareemen utpann hue the. inake janm lete hee maataa-pitaane inhen bhagavaan‌ke mandiramen bhent chadha़a diya, aur kahate hain mandiramen pravesh karate hee ye chalane lage the aur mandirake sameep imaleeke peड़ke kotaramen jaakar aankhen moondakar dhyaanasth ho gaye. inhen shareeraka jnaan bilakul naheen tha, iseeliye inhen 'shathakopa' bhee kaha jaata hai. inhonne bahutase pad banaaye the, unaka dakshinamen bahut prachaar hai aur 'saamavedaka saara' ke naamase unakee khyaati hai.tamil bhaashaake atyutkrisht kavi kanbanne jab tamil raamaayanakee rachana kee tab sarvapratham unhonne apanee kriti bhagavaan shreeranganaathake charanonmen le jaakar rakh dee. isapar moortise uttar milaa- 'kya tumane shathakopaka charitr bhee gaaya hai ?' kanbanne uttar diya, 'naheen, prabho ! kshama karen. ab main aapakee aajnaaka paalan karoongaa.' isake baad unhonne apanee raamaayanake aadimen nammaalavaarakee stuti joda़ dee. jab shathakopane bhagavaan shreeranganaathake saamane apane padonko gaakar sunaaya, tab moorti bol uthee——ye hamaare aalavaar (nam aalavaara) hain.' – shi0 du0

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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
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