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सत्य और असत्य  [Wisdom Story]
Moral Story - आध्यात्मिक कथा (Story To Read)

सत्य और असत्य

एक दिन छायाने मनुष्यसे कहा-'लो देखो, तुम जितने थे, उतने के उतने ही रहे और मैं तुमसे कई गुनी बढ़ गयी।'
मनुष्य मुसकराया और बोला-'सत्य और असत्यमें यही तो अन्तर है। सत्य जितना है, उतना ही रहता है और असत्य पल-पलमें घटता-बढ़ता रहता है।'



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saty aur asatya

saty aur asatya

ek din chhaayaane manushyase kahaa-'lo dekho, tum jitane the, utane ke utane hee rahe aur main tumase kaee gunee badha़ gayee.'
manushy musakaraaya aur bolaa-'saty aur asatyamen yahee to antar hai. saty jitana hai, utana hee rahata hai aur asaty pala-palamen ghatataa-badha़ta rahata hai.'

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