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संत प्रचारसे दूर भागते हैं  [Wisdom Story]
Hindi Story - Shikshaprad Kahani (Story To Read)

ऐसा प्रायः देखा जाता है और संतोंके जीवन वृत्तान्तसे पता चलता है कि बड़े-बड़े संत विज्ञापन, प्रचार और प्रसिद्धिसे दूर भागते हैं, उन्हें ये काँटों की तरह चुभते हैं।

पाँचवीं शताब्दीके प्रसिद्ध संत अरसेनियस प्रचारऔर प्रसिद्धिसे बहुत घबराते थे । वे नितान्त एकान्तसेवी थे। सदा अपनी गुफामें निवास करते हुए परमात्माका स्मरण किया करते थे।

एक दिन सिकन्दरिया नगरके कुलपति थियॉफिलसके संकेतपर एक रोमकी महिला मेलनिया उनसे मिलनेआयी। वह इटलीसे मिश्र केवल उनका दर्शन करनेके लिये ही आयी थी। संत अपनी गुफासे बाहर निकल रहे थे कि धनी महिलाने उनकी चरणधूलि अपने मस्तकपर चढ़ा ली।

'स्त्रीको घर छोड़कर अकेले बाहर नहीं जाना चाहिये। आप हमारे पास इसलिये आयी हैं कि आप रोममें पहुँचकर लोगोंसे यह कह सकें कि आपको मेरा दर्शन हुआ है। इस तरह आप लोगोंको मेरे पास आनेमें प्रेरणा देंगी। है न यही ध्येय ?' अरसेनियसके प्रश्नसे महिला लज्जित हो गयी।'आप मुझे सदा याद रखियेगा और भगवान्से मेरे कल्याणके लिये प्रार्थना कीजियेगा।' महिलाने दीनता पूर्वक निवेदन किया ।

'मैं तो यह प्रार्थना करूँगा कि मेरे मस्तकसे आपका स्मरण ही मिट जाय।' संतका कथन था।

महिलाको इस उत्तरसे बड़ा दुःख हुआ पर उसके सिकन्दरिया पहुँचनेपर थियॉफिलसने सान्त्वना दी कि अरसेनियसका आशय शारीरिक स्मरणसे था; संत तो दूसरोंके आत्मकल्याणके लिये सदा भगवान्‌से प्रार्थना किया ही करते हैं।

- रा0 श्री0



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sant prachaarase door bhaagate hain

aisa praayah dekha jaata hai aur santonke jeevan vrittaantase pata chalata hai ki bada़e-bada़e sant vijnaapan, prachaar aur prasiddhise door bhaagate hain, unhen ye kaanton kee tarah chubhate hain.

paanchaveen shataabdeeke prasiddh sant araseniyas prachaaraaur prasiddhise bahut ghabaraate the . ve nitaant ekaantasevee the. sada apanee guphaamen nivaas karate hue paramaatmaaka smaran kiya karate the.

ek din sikandariya nagarake kulapati thiyaॉphilasake sanketapar ek romakee mahila melaniya unase milaneaayee. vah italeese mishr keval unaka darshan karaneke liye hee aayee thee. sant apanee guphaase baahar nikal rahe the ki dhanee mahilaane unakee charanadhooli apane mastakapar chadha़a lee.

'streeko ghar chhoda़kar akele baahar naheen jaana chaahiye. aap hamaare paas isaliye aayee hain ki aap romamen pahunchakar logonse yah kah saken ki aapako mera darshan hua hai. is tarah aap logonko mere paas aanemen prerana dengee. hai n yahee dhyey ?' araseniyasake prashnase mahila lajjit ho gayee.'aap mujhe sada yaad rakhiyega aur bhagavaanse mere kalyaanake liye praarthana keejiyegaa.' mahilaane deenata poorvak nivedan kiya .

'main to yah praarthana karoonga ki mere mastakase aapaka smaran hee mit jaaya.' santaka kathan thaa.

mahilaako is uttarase baड़a duhkh hua par usake sikandariya pahunchanepar thiyaॉphilasane saantvana dee ki araseniyasaka aashay shaareerik smaranase thaa; sant to doosaronke aatmakalyaanake liye sada bhagavaan‌se praarthana kiya hee karate hain.

- raa0 shree0

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