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अद्भुत पराक्रम  [Spiritual Story]
Short Story - Short Story (Story To Read)

'गाड़ी आनेमें केवल आधा घंटा रह गया है। लकड़ीके पुलपर गाड़ी गिर पड़ेगी और अगणित प्राणियोंके प्राण चले जायँगे बेटी!' बुढ़ियाने लड़की से कहा। वह अभी-अभी धड़ाकेकी आवाज सुनकर पुल देखने गयी थी जो भयंकर हिमपातसे टूट गया था। गाड़ीको दूर ही रोकनेका उपाय सोचने लगी। वहपश्चिमी वरजीनियाकी एक निर्जन घाटीमें झोंपड़ी बनाकर रहती थी। दूर-दूरतक चारों ओर उजाड़ था । बस्ती उस स्थानसे कोसों दूर थी बूढ़ी स्त्रीने साहससे काम लिया। आधी रातकी भयावनी नीरवतामें भी वह चारपाईसे उठ बैठी। रेलगाड़ी आनेका समय निकट | देखकर उसका हृदय काँप रहा था ।उसने सोचा कि प्रकाशके द्वारा ड्राइवरको सूचना दी जा सकती है। जोर-जोरसे चिल्लानेपर चलती गाड़ीमें ड्राइवर कुछ भी नहीं सुन सकेगा, पर प्रकाश देखकर गाड़ी रोक सकता है। बुढ़ियाने मोमबत्तीकी ओर देखा; वह आधीसे अधिक जल चुकी थी; उसके प्रकाशका भयंकर आँधी और जलवृष्टिके समय कुछ भरोसा भी नहीं किया जा सकता था । घरमें शीतनिवारणके लिये जलायी गयी आग ठंडी हो गयी थी और लकड़ियाँ जल चुकी थीं । घरमें गरीबीके कारण कोई दूसरा सामान नहीं रह गया था जिसे जलाकर वह प्रकाश करे और ड्राइवरको सावधान करे।

अचानक बुढ़ियाकी दृष्टि चारपाईकी सिरई-पाटी और गोड़ोंपर गयी; उसने शीघ्र ही अपनी लड़कीकीसहायतासे उनको चीर डाला और रेलकी लाइनपर रख दिया। दियासलाईसे उसने आग जलायी; रेलगाड़ी सीटी देती आ पहुँची। थोड़ी दूरपर प्रकाशपुञ्ज देखकर ड्राइवरने भयकी आशङ्कासे चाल धीमी कर दी। गाड़ी घटनास्थलपर आ पहुँची; ड्राइवरने टूटा पुल देखा और उसके निकट ही उस बुढ़ियाको देखा जिसने एक लकड़ीके टुकड़ेमें अपनी लाल ओढ़नीका एक टुकड़ा फाड़कर लटका रखा था सूचना देनेके लिये और उसकी छोटी लड़की बगलमें खड़ी होकर जलती लकड़ी हाथमें लेकर प्रकाश दिखा रही थी।

गाड़ी रुक गयी और बुढ़ियाके अद्भुत पराक्रम और सत्कर्मसे सैकड़ों प्राणियोंके प्राण बच गये।

- रा0 श्री0



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adbhut paraakrama

'gaada़ee aanemen keval aadha ghanta rah gaya hai. lakada़eeke pulapar gaada़ee gir pada़egee aur aganit praaniyonke praan chale jaayange betee!' buढ़iyaane lada़kee se kahaa. vah abhee-abhee dhada़aakekee aavaaj sunakar pul dekhane gayee thee jo bhayankar himapaatase toot gaya thaa. gaada़eeko door hee rokaneka upaay sochane lagee. vahapashchimee varajeeniyaakee ek nirjan ghaateemen jhonpada़ee banaakar rahatee thee. doora-dooratak chaaron or ujaada़ tha . bastee us sthaanase koson door thee boodha़ee streene saahasase kaam liyaa. aadhee raatakee bhayaavanee neeravataamen bhee vah chaarapaaeese uth baithee. relagaada़ee aaneka samay nikat | dekhakar usaka hriday kaanp raha tha .usane socha ki prakaashake dvaara draaivarako soochana dee ja sakatee hai. jora-jorase chillaanepar chalatee gaada़eemen draaivar kuchh bhee naheen sun sakega, par prakaash dekhakar gaada़ee rok sakata hai. buढ़iyaane momabatteekee or dekhaa; vah aadheese adhik jal chukee thee; usake prakaashaka bhayankar aandhee aur jalavrishtike samay kuchh bharosa bhee naheen kiya ja sakata tha . gharamen sheetanivaaranake liye jalaayee gayee aag thandee ho gayee thee aur lakada़iyaan jal chukee theen . gharamen gareebeeke kaaran koee doosara saamaan naheen rah gaya tha jise jalaakar vah prakaash kare aur draaivarako saavadhaan kare.

achaanak budha़iyaakee drishti chaarapaaeekee siraee-paatee aur goda़onpar gayee; usane sheeghr hee apanee lada़keekeesahaayataase unako cheer daala aur relakee laainapar rakh diyaa. diyaasalaaeese usane aag jalaayee; relagaada़ee seetee detee a pahunchee. thoda़ee doorapar prakaashapunj dekhakar draaivarane bhayakee aashankaase chaal dheemee kar dee. gaada़ee ghatanaasthalapar a pahunchee; draaivarane toota pul dekha aur usake nikat hee us buढ़iyaako dekha jisane ek lakada़eeke tukada़emen apanee laal odha़neeka ek tukada़a phaada़kar lataka rakha tha soochana deneke liye aur usakee chhotee lada़kee bagalamen khada़ee hokar jalatee lakada़ee haathamen lekar prakaash dikha rahee thee.

gaada़ee ruk gayee aur budha़iyaake adbhut paraakram aur satkarmase saikada़on praaniyonke praan bach gaye.

- raa0 shree0

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