⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

अहंकार  [प्रेरक कथा]
प्रेरक कथा - आध्यात्मिक कथा (आध्यात्मिक कथा)

अहंकार

किसी समयकी बात है, रामनगरमें एक वृद्ध भिखारी रहता था। वह सड़कके किनारे बैठकर भीख माँगता था। उसका स्थान स्थायी था। आते-जाते कोई उसे कुछ दे देता था तो वह खा लेता था, नहीं मिलता तो भूखे रहना पड़ता। उसके शरीरपर कई जगह घाव भी हो गये थे, जहाँसे खून भी टपकता रहता था।
एक युवक प्रतिदिन उस सड़कसे गुजरता था, उसे देखता था। एक दिन वह उसके पास गया और बोला 'बाबा! तुम्हारी ऐसी हालत हो गयी है, फिर भी तुम जीना चाहते हो। तुम किसके लिये भीख माँगते हो ? तुम भगवान्से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि या तो तुम्हें ठीक कर दे या फिर इस जीवनसे मुक्तकर अपने पास बुला ले ?'
भिखारी बोला-'बेटा! तुमने ठीक कहा, मैं भी ऐसा ही सोचता हूँ और प्रार्थना करता हूँ, पर भगवान् मेरी विनती नहीं सुनना चाहता है। शायद उसकी इच्छा है कि लोग मुझे देखें, देखकर सबक लें और समझें कि मैं भी कभी उनके समान ही था। उनके लिये भी ऐसा समय आ सकता है। वे भी मेरी ही तरह हो सकते हैं। इसलिये आदमीको कभी अहंकार नहीं करना चाहिये। भगवान् ने मुझे उदाहरणके रूपमें जीवित रखा है।'
युवक भिखारीके आगे नतमस्तक हो गया। उसने कहा-' आपने मुझे जीवनके सचसे अवगत कराया है। मैं उसके लिये सदैव आपका ऋणी रहूँगा। आपकी बातको सदैव याद रखूँगा।'



You may also like these:

बोध कथा रँगी लोमड़ी
हिन्दी कहानी बलिप्रथा अधर्म है
आध्यात्मिक कथा दसवें तुम्हीं हो!
हिन्दी कहानी सर्वोत्तम धन
छोटी सी कहानी सदाचारसे कल्याण
आध्यात्मिक कथा सच्ची दृष्टि
हिन्दी कहानी बासी अन्न


ahankaara

ahankaara

kisee samayakee baat hai, raamanagaramen ek vriddh bhikhaaree rahata thaa. vah sada़kake kinaare baithakar bheekh maangata thaa. usaka sthaan sthaayee thaa. aate-jaate koee use kuchh de deta tha to vah kha leta tha, naheen milata to bhookhe rahana pada़taa. usake shareerapar kaee jagah ghaav bhee ho gaye the, jahaanse khoon bhee tapakata rahata thaa.
ek yuvak pratidin us sada़kase gujarata tha, use dekhata thaa. ek din vah usake paas gaya aur bola 'baabaa! tumhaaree aisee haalat ho gayee hai, phir bhee tum jeena chaahate ho. tum kisake liye bheekh maangate ho ? tum bhagavaanse yah praarthana kyon naheen karate ki ya to tumhen theek kar de ya phir is jeevanase muktakar apane paas bula le ?'
bhikhaaree bolaa-'betaa! tumane theek kaha, main bhee aisa hee sochata hoon aur praarthana karata hoon, par bhagavaan meree vinatee naheen sunana chaahata hai. shaayad usakee ichchha hai ki log mujhe dekhen, dekhakar sabak len aur samajhen ki main bhee kabhee unake samaan hee thaa. unake liye bhee aisa samay a sakata hai. ve bhee meree hee tarah ho sakate hain. isaliye aadameeko kabhee ahankaar naheen karana chaahiye. bhagavaan ne mujhe udaaharanake roopamen jeevit rakha hai.'
yuvak bhikhaareeke aage natamastak ho gayaa. usane kahaa-' aapane mujhe jeevanake sachase avagat karaaya hai. main usake liye sadaiv aapaka rinee rahoongaa. aapakee baatako sadaiv yaad rakhoongaa.'

77 Views





Bhajan Lyrics View All

जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,

New Bhajan Lyrics View All

जबसे तूने थमा है बाबा मेरा हाथ,
दुनिया अब दिखती नही सब दीखते भोलेनाथ,
महादेव,
महादेव..
बंसी बाजे रे मधुबन में अमृत बरसे
अमृत बरसे सांवरिया दर्शन दे जा
बाजे सतगुरू दर पे नगाड़ा,
के होली आई आरा रा रा,.
तूँ है बाबा मेरा, मैं हूँ सेवक तेरा
मेरी विगड़ी, बनाना तेरा काम है